[
The Lens
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Latest News
उत्तर भारत में ठंड का कहर, बर्फबारी और शीतलहर जारी, दिल्ली में ठंड और प्रदूषण की दोहरी मार
इंडिगो क्राइसिस के बाद DGCA ने लिया एक्शन, अपने ही चार इंस्पेक्टर्स को किया बर्खास्त,जानिये क्या थी वजह
ट्रैवल कारोबारी ने इंडिगो की मनमानी की धज्जियां उधेड़ी
287 ड्रोन मार गिराने का रूस का दावा, यूक्रेन कहा- हमने रक्षात्मक कार्रवाई की
छत्तीसगढ़ सरकार को हाई कोर्ट के नोटिस के बाद NEET PG मेडिकल काउंसलिंग स्थगित
विवेकानंद विद्यापीठ में मां सारदा देवी जयंती समारोह कल से
मुखर्जी संग जिन्ना की तस्‍वीर पोस्‍ट कर आजाद का BJP-RSS पर हमला
धान खरीदी में अव्यवस्था के खिलाफ बस्तर के आदिवासी किसान सड़क पर
विश्व असमानता रिपोर्ट 2026: भारत की राष्ट्रीय आय का 58% हिस्सा सबसे अमीर 10% लोगों के पास
लोकसभा में जोरदार हंगामा, विपक्ष का वॉकआउट, राहुल गांधी ने अमित शाह को दे दी चुनौती
Font ResizerAa
The LensThe Lens
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
  • वीडियो
Search
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Follow US
© 2025 Rushvi Media LLP. All Rights Reserved.
लेंस संपादकीय

हाथियों से हमदर्दी की जरूरत

अरुण पांडेय
अरुण पांडेय
Published: October 15, 2025 10:02 PM
Last updated: October 15, 2025 10:02 PM
Share
latest report on Elephant
SHARE

भारत में जंगली हाथियों की डीएनए आधारित पहली गणना के आंकड़े परेशान करने वाले हैं, जिनके मुताबिक बीते आठ बरसों में देश में उनकी संख्या में 18 फीसदी की कमी आई है। 2017 में भारत में जंगली हाथियों की संख्या 27,312 थी जो 2025 में घटकर 22,446 रह गई है, जिससे पता चलता है कि मानवजाति के सबसे पुराने सहचरों में से एक हाथियों के लिए किस तरह का संकट पैदा हो गया है।

सबसे बुरी स्थिति झारखंड की है, जहां उनकी संख्या इस दौरान 68 फीसदी गिरावट के साथ 679 से घटकर 217 रह गई है। भारत हाथियों के सबसे पुराने आवासों में से एक है, लेकिन वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट (ड्ब्ल्यूआईआई) की यह रिपोर्ट उनकी बदतर होती स्थिति को रेखांकित कर रही है।

दरअसल इस स्थिति के लिए विकास का मौजूदा मॉडल और मनमाने ढंग से लागू की जाने वाली नीतियां जिम्मेदार हैं, जिनका असर जंगलों की कटाई के रूप में सामने आ रहा है और इसका सर्वाधिक खामियाजा हाथी सहित अन्य वन्यजीवों को उठाना पड़ रहा है। अकेले असम में वर्ष 2000 से लेकर 2023 के दौरान मानव-हाथी संघर्ष में 1400 लोग और 12 से अधिक हाथी मारे गए।

हाल के बरसों में जिस तरह कोयला और लौह अयस्क के खनन के लिए अंधांधुध तरीके से जंगलों की कटाई की जा रही है, उससे हाथियों के स्वाभाविक आवास खत्म होते जा रहे हैं और वह मानव बस्तियों का रुख कर रहे हैं।

इसके अलावा देश में हाथियों के आवास वाले बड़े हिस्सों में जिस तरह से जंगलों को काटकर एक्सप्रेस वे और हाइवे बनाए जा रहे हैं, उसकी वजह से भी हाथी अपने भोजन के लिए बस्तियों में घुसने को मजबूर हो रहे हैं।

नतीजतन मानव-हाथी संघर्ष भी बढ़ रहे हैं। छत्तीसगढ़ इसका एक बड़ा उदाहरण है, जहां कोयले के लिए हसदेव के जंगलों में हो रही मनमानी कटाई से वहां प्रस्तावित लेमरू हाथी रिजर्व पर असर पड़ रहा है।

यह सहअस्तित्व का मामला है, जिसमें संतुलन की जरूरत है, लेकिन न तो बडे कॉर्पोरेट को इससे मतलब है, और न ही सरकारों की प्राथमिकता में यह कहीं दिखता है। हाथियों की गणना की यह ताजा रिपोर्ट खतरे की घंटी है और चेतावनी दे रही है कि हाथियों के साथ हमदर्दी की जरूरत है।

TAGGED:Editoriallatest report on Elephantnumber of ElephantSAIEE 2021-25
Previous Article CG High Court सरकारी अस्पताल में HIV पॉजिटिव मां की निजता भंग, हाई कोर्ट ने दिया 2 लाख रुपये मुआवजे का आदेश
Next Article Pakistan Afghanistan ceasefire Af-Pak truce: no blood lost
Lens poster

Popular Posts

फार्मास्युटिकल कंपनियों पर ट्रंप का 100 फीसदी टैरिफ, फार्मा सेक्टर के शेयर 2 फीसदी से ज्यादा गिरे

नेशनल ब्यूरो। नई दिल्ली अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को भारत को तगड़ा झटका…

By आवेश तिवारी

इंडिगो क्राइसिस के बाद DGCA ने लिया एक्शन, अपने ही चार इंस्पेक्टर्स को किया बर्खास्त,जानिये क्या थी वजह

नई दिल्ली। इंडिगो एयरलाइंस के हालिया ऑपरेशनल संकट के बीच नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने…

By पूनम ऋतु सेन

छग-तेलंगाना बॉर्डर पर चल रहे बड़े ऑपरेशन को रोकने माओवादियों की अपील, अब तक 5 नक्सली हो चुके हैं ढेर

माओवादी संगठन के उत्‍तर-पश्चिम सब जोनल ब्‍यूरो के प्रभारी रूपेश की तरफ से प्रेस रिलीज…

By Lens News

You Might Also Like

RBI Repo Rate Cut
लेंस संपादकीय

कर्ज के भरोसे

By Editorial Board
GenZ
लेंस संपादकीय

नेपाल में भड़की हिंसाः सड़कों पर उतरे Gen-Z का दर्द

By Editorial Board
bihar politics
English

Elections outweigh everything else

By Editorial Board
Delhi smog disaster
English

Delhi smog disaster: A calendar event

By Editorial Board

© 2025 Rushvi Media LLP. 

Facebook X-twitter Youtube Instagram
  • The Lens.in के बारे में
  • The Lens.in से संपर्क करें
  • Support Us
Lens White Logo
Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?