लेंस डेस्क। पेड़ पौधों की रक्षा की बात कह कर भी केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ट्रोल हो गए। दरअसल हुआ यह कि किरण रिजिजू ने एक वीडियो पोस्ट किया जिसमें एक बुजुर्ग महिला पेड़ के कटे हुए टुकड़े पर सिर रखकर रोती दिखायी दे रही हैं।
रिजिजू ने एक पेड़ मां के नाम हैशटैग के साथ लिखा कि यह बहुत ही हृदय विदारक दृश्य है। एक बुजुर्ग महिला उस पीपल के पेड़ को काट दिए जाने पर फूट-फूट कर रो रही है जिसे उसने 20 साल पहले लगाया था। मुझे बताया गया है कि यह छत्तीसगढ़ राज्य में हुआ है।
यहां तक तो ठीक था। लेकिन मध्य भारत के जिस छत्तीसगढ़ की बात रिजिजू कर रहे हैं, वहां इस वक्त पेड़ नहीं जंगल के जंगल साफ हो रहे हैं। यही बात लोगों ने किरण रिजिजू के पोस्ट पर याद दिलानी शुरू कर दी।
सोशल मीडिया प्लेट फार्म एक्स पर की गई पोस्ट के कमेंट बाक्स में एक यूजर्स विनोद राठौर ने एक खबर शेयर करते हुए पूछा है कि किरन जी अडानी को रोक सकते हो क्या ? मोदी जी को रोक सकते हो क्या ?अगर नहीं, तो चुप रहो और रोने की ऐक्टिंग मत करो।

इसी तरह एक और यूजर Asharaf Ansari ने सवाल किया कि ये घड़ियाली आसू क्यों मंत्री जी, आप की ही सरकार ने लाखों पेड़ काट दिया उसी छत्तीसगढ़ में किसी बिज़नेस टायकून को कोयला देने के लिए आज सहानभूति दिखा रहे हैं।

ऋषि ने लिखा कि #EkPedMaaKeNaam और 5000 पेड़ अडानी के नाम। मोदी जी ने अडानी के 5000 पेड़ कटवाए हैं तो देशहित में ही कटवाए होंगे? अब ये एक पेड़ माँ के नाम की नौटंकी क्यों?

लोग क्यों ले रहे अडानी का नाम?
दरअसल 2013 में, राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम को छत्तीसगढ़ में कोल ब्लॉक आवंटित हुआ था। राजस्थान ने इसे अडानी एंटरप्राइजेज को माइन डेवलपर एंड ऑपरेटर (एमडीओ) के रूप में सौंपा। इसके अलावा कुछ और खदानों के कॉन्ट्रैक्ट भी अडानी को मिले। ये खदानें हसदेव के हृदय में हैं, जहां 5 अरब टन कोयला दबा है। लेकिन खनन के लिए जंगलों को काटा जा रहा है।
आरोप गंभीर हैं। खनन से बड़े पैमाने पर वनों की कटाई हो रही है। केंद्र सरकार के लोकसभा जवाब के मुताबिक, पीईकेबी प्रोजेक्ट से 3.68 लाख पेड़ प्रभावित होंगे। 2022-24 में ही 15,000 से ज्यादा कट चुके।
“पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस प्रोजेक्ट पर सवाल उठाए। विपक्ष में रहते हुए उन्होंने अडानी को ‘बैकडोर एंट्री’ का आरोप लगाया। सत्ता में आकर भी उन्होंने बस्तर में अडानी की आयरन ओर माइनिंग रोकी और हसदेव में नई खदानों का विरोध किया। 2022 में विधानसभा में प्रस्ताव पास करवाया कि हसदेव को खनन-मुक्त हाथी रिजर्व बनाएं। लेकिन केंद्र
की मंजूरी से काम रुका नहीं। इसलिए लोग केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू को अडानी का नाम लेकर ट्रोल कर रहे हैं।
अब आइए मूल खबर पर, जानते हैं पूरा मामला क्या है?
छत्तीसगढ़ के खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले के सर्रागोंडी गांव में 5 अक्टूबर की रात को सरकारी जमीन पर सड़क किनारे लगे पेड़ पेड़ को अवैध रूप से काट दिया गया। इस मामले में दो लोगों, इमरान मेमन और प्रकाश कोसरे को गिरफ्तार किया गया है।
जिसके बाद एक 90 वर्षीय बुजुर्ग महिला, देवला बाई पटेल का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया जिसमें अपने हाथों से लगाए गए पीपल के पेड़ के कटे हुए टुकड़े पर सिर रखकर फूट-फूटकर रोती नजर आ रही हैं। इस घटना ने न केवल स्थानीय लोगों, बल्कि पूरे देश का ध्यान खींचा है।
पुलिस को मिली शिकायत के आधार पर पता चला कि मेमन ने हाल ही में पास की कृषि भूमि खरीदी थी और वह इस पेड़ को हटाना चाहता था ताकि उसकी जमीन तक सड़क की पहुंच बन सके। 5 अक्टूबर को उसने कोसरे की मदद से पेड़ काटने की कोशिश की, लेकिन ग्रामीणों के विरोध के कारण वह नाकाम रहा। इसके बाद, दोनों ने रात के अंधेरे में चुपके से इस पेड़ को काट डाला।
ग्रामीण प्रमोद पटेल की शिकायत पर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों आरोपियों को हिरासत में ले लिया। यह घटना पर्यावरण संरक्षण और भावनात्मक लगाव की गहरी कहानी बयां करती है। सोशल मीडिया पर इस वीडियो को देखकर लोग नाराजगी जता रहे हैं और सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

