मुंबई। नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (NMIA) अपनी अत्याधुनिक सुविधाओं और विशाल क्षमता के साथ भारत के विमानन क्षेत्र में एक नया अध्याय शुरू करने को तैयार है। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस भव्य हवाई अड्डे का उद्घाटन करेंगे। इस परियोजना में धनबाद के केंद्रीय खनन एवं ईंधन अनुसंधान संस्थान (सिंफर) की तकनीकी विशेषज्ञता ने अहम भूमिका निभाई है।
यह हवाई अड्डा 1,160 हेक्टेयर के विशाल क्षेत्र में फैला है और इसे चार टर्मिनलों के साथ डिज़ाइन किया गया है, जो भविष्य में सालाना 9 करोड़ यात्रियों को संभालने की क्षमता रखेगा। पहले चरण में एक रनवे के साथ यह सालाना 2 करोड़ यात्रियों को सेवा देगा, जिसमें घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शामिल होंगी।
शुरुआत में प्रति घंटे 20-23 उड़ानें संचालित होंगी, जिसे बाद में बढ़ाया जा सकता है। हवाई अड्डे का डिज़ाइन अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए सुगम ट्रांसफर की सुविधा देता है, जिसमें बार-बार सुरक्षा और सीमा शुल्क जांच की जरूरत नहीं पड़ेगी। यह सुविधा इसे दुबई जैसे वैश्विक हब की तरह स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
हवाई अड्डे का टर्मिनल विश्व प्रसिद्ध आर्किटेक्ट ज़हा हदीद द्वारा डिज़ाइन किया गया है, जिन्होंने बीजिंग डाक्सिंग हवाई अड्डे और ग्वांगझू ओपेरा हाउस जैसे प्रोजेक्ट्स को भी आकार दिया है। टर्मिनल का डिज़ाइन भारतीय संस्कृति में महत्वपूर्ण कमल के फूल से प्रेरित है, जो इसे सौंदर्य और सांस्कृतिकता का अनूठा संगम बनाता है।
अडानी की 74% हिस्सेदारी
नवी मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (NMIA) एक पब्लिक-प्राइवेट भागीदारी (PPP) मॉडल के तहत विकसित किया जा रहा है, जिसमें मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (MIAL), जो अडानी एयरपोर्ट्स होल्डिंग्स लिमिटेड की सहायक कंपनी है। अडानी की 74% हिस्सेदारी और सिडको (CIDCO) की 26% हिस्सेदारी है।
अडानी समूह के अध्यक्ष गौतम अडानी ने इस ग्रीनफील्ड परियोजना स्थल का दौरा कर चुके हैं और अंतिम चरण की तैयारियों का जायजा लिया। इस हवाई अड्डे के पूरी तरह से चालू होने पर प्रतिवर्ष 9 करोड़ यात्रियों की क्षमता के साथ डिज़ाइन किया गया है।
अडानी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “8 अक्टूबर को नवी मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के उद्घाटन से पहले, मैंने हमारे दिव्यांग सहयोगियों, निर्माण श्रमिकों, महिला कर्मचारियों, इंजीनियरों, कारीगरों, अग्निशामकों और सुरक्षा कर्मियों से मुलाकात की, जिन्होंने इस सपने को हकीकत में बदलने में योगदान दिया।
मैंने एक जीवंत ऊर्जा और उत्साह का अनुभव किया – यह एक ऐसा स्मारक है जिसे हज़ारों मेहनती हाथों और समर्पित दिलों ने मिलकर गढ़ा है।”
तकनीकी और पर्यावरणीय खासियतें
हवाई अड्डे के निर्माण में सिंफर की ब्लास्टिंग तकनीक ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है। 92 मीटर ऊंचे उलवे पहाड़ को समतल करने और उलवे नदी की धारा को मोड़ने का जटिल कार्य सिंफर के वैज्ञानिकों ने पूरा किया। इस तकनीक ने रनवे और टर्मिनल को समुद्र और नदी के बीच एक मजबूत आधार प्रदान किया। इसके अलावा, हवाई अड्डा पर्यावरण के प्रति संवेदनशील है। इसमें नवीकरणीय ऊर्जा, वर्षा जल संचयन, और निष्क्रिय शीतलन प्रणाली जैसी टिकाऊ सुविधाएं शामिल हैं, जो इसे पर्यावरण के अनुकूल बनाती हैं।
किसके नाम पर है हवाई अड्डे
इस हवाई अड्डे का नाम स्थानीय किसान नेता स्वर्गीय दिनकर बालू (डीबी) पाटिल के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने नवी मुंबई के विकास के दौरान प्रभावित परिवारों के लिए पुनर्वास और मुआवजे की वकालत की थी। यह परियोजना पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल पर तैयार की गई है और इससे विमानन, लॉजिस्टिक्स, आईटी, आतिथ्य, और रियल एस्टेट जैसे क्षेत्रों में 2 लाख से अधिक नौकरियां पैदा होने की उम्मीद है।
भविष्य की योजनाएं
हवाई अड्डे ने अकासा एयर, इंडिगो, और एयर इंडिया जैसी प्रमुख एयरलाइंस के साथ समझौते किए हैं, जिससे पहले चरण की क्षमता लगभग पूरी हो जाएगी। यह हवाई अड्डा भारत का पहला कार्गो हब बनने की दिशा में भी कदम बढ़ा रहा है, जो देश के लॉजिस्टिक्स क्षेत्र को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा। भविष्य में इसे एक प्रमुख अंतरराष्ट्रीय पैसेंजर हब के रूप में विकसित करने की योजना है।
पीएम मोदी करेंगे उद्घाटन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 8 अक्टूबर को दोपहर 3:30 बजे हवाई अड्डे के पहले चरण का उद्घाटन करेंगे। इस दौरान वे मुंबई और नवी मुंबई से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण परियोजनाओं का भी शुभारंभ करेंगे और एक सभा को संबोधित करेंगे। उद्घाटन समारोह में सिंफर के प्रोजेक्ट लीडर डॉ. एमपी राय भी मौजूद रहेंगे। इस हवाई अड्डे को बनाने में 19,650 करोड़ रुपये की लागत आई है।