द लेंस डेस्क। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने फॉरेन फंडिंग के मामले में ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन (बीबीसी) वर्ल्ड सर्विस इंडिया पर साढ़े 3 करोड़ का जुर्माना लगाया है। इतना ही नहीं बीबीसी इंडिया के तीनों डायरेक्टरों पर भी अलग-अलग पेनाल्टी लगाई है। विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के उल्लंघन के तहत यह एक्शन ईडी ने लिया है। जिन तीनों डायरेक्टरों गिल्स एंटनी हंट, इंदु शेखर सिन्हा और पाल मिशेल गिबन्स को ईडी ने निशाने पर लिया है, ये तीनों उस समय कंपनी के संचालन की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। तीनों 1.14 करोड़ रुपये की अलग-अलग पेनाल्टी लगाई गई है।
बीबीसी वर्ल्ड सर्विस इंडिया पर डिजिटल मीडिया में 26% विदेशी निवेश की सीमा तय किए जाने के बावजूद 100% विदेशी निवेश जारी रखने का आरोप है। ईडी ने 21 फरवरी को जारी आदेश के अनुसार, यदि कंपनी समय पर पेनाल्टी जमा नहीं करती है, तो उसे प्रति दिन 5,000 रुपये अतिरिक्त जुर्माना देना होगा। यह राशि 15 अक्टूबर 2021 से लागू मानी जाएगी।
सितंबर 2019 में उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने डिजिटल मीडिया में विदेशी निवेश की सीमा 26% तक निर्धारित करने का आदेश जारी किया था। कंपनियों को इस नियम के तहत अपने निवेश को 15 अक्टूबर 2021 तक 26% तक सीमित करने का समय दिया गया था। हालांकि, बीबीसी इंडिया के निदेशकों ने जानबूझकर इस नियम की अनदेखी की और 100% विदेशी निवेश जारी रखा।
ईडी ने 4 अक्टूबर 2023 को बीबीसी इंडिया और उसके निदेशकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। लेकिन वे विदेशी निवेश की सीमा के उल्लंघन पर संतोषजनक जवाब देने में असफल रहे। इस मामले में बीबीसी के प्रवक्ता ने समाचार एजेंसी पीटीआईको दिए बयान में कहा, फिलहाल न तो बीबीसी वर्ल्ड सर्विस इंडिया और न ही उसके निदेशकों को ईडी से कोई औपचारिक आदेश प्राप्त हुआ है। बीबीसी उन सभी देशों के नियमों का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध है, जहां वह काम करता है। आदेश मिलते ही हम उसकी समीक्षा करेंगे और उचित कदम उठाएंगे।