zubeen garg death case update: असम सरकार ने प्रसिद्ध गायक जुबिन गर्ग की रहस्यमयी मौत की जांच के लिए एक सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन कर दिया है। यह फैसला राज्य में सांस्कृतिक हस्ती के निधन से उपजी चिंताओं के बीच लिया गया है। आयोग का नेतृत्व गुवाहाटी हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति सौमित्र सैकिया करेंगे और छह महीने के अंदर अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे। राजनीतिक विभाग के आदेश में यह जानकारी दी गई है।
मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने शुक्रवार देर रात सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस आदेश को शेयर करते हुए कहा कि यह कदम जांच को पारदर्शी बनाने के लिए उठाया गया है। सीएम ने लोगों से अपील की कि जुबिन की मौत से जुड़ी कोई भी जानकारी या वीडियो आयोग के सामने पेश करें। उन्होंने कहा, “जिन लोगों ने सोशल मीडिया पर मौत के बारे में अफवाहें फैलाई हैं, उन्हें अब आयोग के सामने हलफनामा दाखिल करना होगा। इससे पता चलेगा कि असली प्रशंसक कौन हैं।
जुबिन गर्ग की मौत, क्या हुआ था?
52 वर्षीय जुबिन गर्ग का निधन 19 सितंबर को सिंगापुर में हुआ था। वे भारत-सिंगापुर कूटनीतिक संबंधों की 60वीं वर्षगांठ और भारत-आसियान पर्यटन वर्ष के कार्यक्रमों में हिस्सा लेने गए थे। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक उनकी मौत समुद्र में तैरते हुए डूबने से हुई। शुरुआत में स्कूबा डाइविंग के दौरान हादसा बताया गया था लेकिन बाद में यह साफ हुआ कि वे एक द्वीप के पास तैर रहे थे। उनकी अचानक मौत ने पूरे असम को गमगीन कर दिया। असम की सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक माने जाने वाले जुबिन की मौत पर कई सवाल उठे। राज्य भर में 60 से ज्यादा एफआईआर दर्ज हुईं, जिनमें फेस्टिवल आयोजक श्याम कानू और अन्य पर लापरवाही का आरोप है।
फर्जी एआई तस्वीरों पर सीएम की कड़ी चेतावनी
जुबिन की मौत के बाद सोशल मीडिया पर फर्जी तस्वीरें और वीडियो वायरल हो रहे हैं जिनमें गिरफ्तार आयोजक श्यामकानू और जुबिन के मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा को मुस्कुराते दिखाया गया है। असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने फेसबुक पोस्ट में इसे राजनीतिक साजिश करार देते हुए कहा, “ये लोग जुबिन के सच्चे प्रशंसक नहीं, बल्कि अपराधी हैं। ऐसे फोटोशॉप वाली तस्वीरें फैलाकर वे सरकार को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं।”
सीएम ने चेतावनी दी कि एआई से बनी फर्जी सामग्री फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा, “जुबिन की मौत का अपमान मत कीजिए। यह न केवल जनता को गुमराह करता है बल्कि उनके सम्मान को ठेस पहुंचाता है।”
असम सरकार ने पहले ही 10 सदस्यीय एसआईटी गठित की है, जिसके प्रमुख एसडीजीपी एम.पी. गुप्ता हैं।सीएम सरमा ने सिंगापुर की असम एसोसिएशन के सदस्यों से भी बयान देने की अपील की। उन्होंने कहा, “अन्यथा कार्रवाई करनी पड़ेगी।” जुबिन के सामान में मिली दवाओं की जांच भी चल रही है।