नई दिल्ली। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) ने 2023 की ‘क्राइम इन इंडिया’ रिपोर्ट जारी की है, जो महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों की कड़वी सच्चाई उजागर करती है। यह रिपोर्ट बताती है कि पूरे देश में महिलाओं के खिलाफ 4,48,211 मामले दर्ज हुए, जो 2022 के 4,45,256 मामलों से 0.4 प्रतिशत अधिक हैं।
यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब देशभर में नवरात्रि का पावन पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। मां दुर्गा की आराधना हो रही है, जगह-जगह कन्याओं को भोज कराया जा रहा है और नारी शक्ति की पूजा की जा रही है।
2023 में महिलाओं के खिलाफ अपराधों की कुल संख्या 4.48 लाख के करीब पहुंच गई। राष्ट्रीय स्तर पर महिलाओं के प्रति अपराध दर 66.4 प्रति लाख महिला आबादी रही। यह वृद्धि छोटी लग सकती है, लेकिन वास्तविकता में यह सामाजिक असुरक्षा का संकेत है। रिपोर्ट के मुताबिक, इनमें से ज्यादातर मामले घरेलू हिंसा और अपहरण से जुड़े हैं।
उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ सबसे अधिक कुल 59,445 मामले दर्ज हुए हैं। यह संख्या सभी राज्यों में सबसे ऊपर है, जो राज्य की बड़ी आबादी के बावजूद चिंतनीय है। हालांकि, UP की अपराध दर (प्रति लाख महिलाओं पर) राष्ट्रीय औसत से 25 प्रतिशत कम है, लेकिन कुल मामलों की संख्या देश के 14.81 प्रतिशत हिस्से को कवर करती है।
महानगरों में दिल्ली सबसे ऊपर है, जहां 13,366 मामले दर्ज हुए। इसके बाद मुंबई (6,025 मामले) और बेंगलुरु (4,870 मामले) हैं। दिल्ली में 2022 की तुलना में 5.59 प्रतिशत कमी आई, लेकिन फिर भी यह सबसे असुरक्षित शहर बना हुआ है।
अपराध के प्रकार: कौन-कौन से मामले प्रमुख?
रिपोर्ट महिलाओं के खिलाफ अपराधों को कई श्रेणियों में बांटती है। ज्यादातर मामले पारिवारिक और सामाजिक हिंसा से जुड़े हैं।
पति या रिश्तेदारों द्वारा क्रूरता: सबसे अधिक—1,33,676 मामले (कुल का 29.8 प्रतिशत)। यह घरेलू हिंसा का सबसे बड़ा रूप है।
अपहरण और बालात्कार: दूसरा प्रमुख अपराध। राजस्थान में बलात्कार के मामले सबसे ज्यादा (कुल राज्यों में तीसरा स्थान, 45,450 मामले महिलाओं के खिलाफ)।
दहेज उत्पीड़न: मुंबई जैसे शहरों में यह बढ़ रहा है, जहां 2023 में मामलों में वृद्धि दर्ज की गई।
अन्य: हत्या, यौन उत्पीड़न और साइबर अपराध। कुल मिलाकर, अपराध दर के हिसाब से तेलंगाना (124.9 प्रति लाख), राजस्थान (114.8), ओडिशा (112.4), हरियाणा (110.3) और केरल (109.5) शीर्ष पर हैं।
राज्य और शहर, जहां खतरा सबसे कम
नागालैंड सबसे सुरक्षित है, जहां महिलाओं के खिलाफ अपराधों की दर सबसे कम (प्रतिशत के हिसाब से)। इसके बाद लद्दाख और अन्य पूर्वोत्तर राज्य जैसे मिजोरम आते हैं। नागालैंड 2024 तक भी महिलाओं के लिए सबसे सुरक्षित राज्य बना हुआ है।
शहरों में कोलकाता महिलाओं के लिए सबसे सुरक्षित महानगर है, जहां NCRB के आंकड़ों के अनुसार अपराध दर कम और चार्जशीटिंग रेट (95.9 प्रतिशत) सबसे ऊंचा है। नागपुर भी अच्छा प्रदर्शन कर रहा है (74.9 प्रतिशत चार्जशीटिंग), जो दिल्ली (69.9 प्रतिशत) से बेहतर है।