रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में बर्खास्त किए गए 25 एनएचएम कर्मचारियों की बहाली सहित मांगो में निर्णय न होने से कर्मचारियों में मायूसी है। प्रदेश अध्यक्ष सहित 25 बर्खास्त कर्मचारियों की बहाली का आश्वासन मुख्यमंत्री ने मंत्रिमंडल की पिछली बैठक में दिया था। आज की कैबिनेट बैठक में इस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया।
छत्तीसगढ़ प्रदेश एनएचएम कर्मचारी संघ के बैनर तले कार्यरत 16,500 कर्मचारियों ने हाल ही में 33 दिन तक हड़ताल की थी। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव के हस्तक्षेप के बाद आंदोलन स्थगित हुआ था।
कर्मचारियों की 10 मांगों में से 4 पर तत्काल आदेश जारी हुए थे, जबकि ग्रेड पे, अनुकंपा नियुक्ति एवं स्थानांतरण नीति पर 3 माह की समयसीमा तय की गई थी। हड़ताल स्थगन के दौरान मुख्यमंत्री जी ने प्रतिनिधिमंडल से भेंट कर हड़ताल अवधि का वेतन देने एवं 25 बर्खास्त कर्मचारियों की बहाली का आश्वासन दिया था।
त्योहारों में NHM कर्मचारियों की वेतन कटौती
त्योहारी सीजन में जहां प्रदेश के करीब 5 लाख अधिकारियों और कर्मचारियों को बोनस दिया जा रहा है, वहीं एनएचएम कर्मचारियों के 33 दिन का वेतन काटने का आदेश उनकी त्योहारी खुशियों को फीका कर गया है। हड़ताल स्थगन के 10 दिन बाद भी 6 मांगों पर आदेश जारी न होना कर्मचारियों में नाराजगी है। यह पहला मौका है जब मांगों को सरकार ने मान लिया, आंदोलन को संवैधानिक करार दिया गया और सत्तारूढ़ दल के सांसद–विधायकों ने समर्थन किया। फिर भी कर्मचारियों की हड़ताल अवधि का वेतन काटा जा रहा है।
संघ ने मांग की है कि 25 बर्खास्त कर्मचारियों की बहाली का आदेश जारी किया जाए। 33 दिन की हड़ताल अवधि को शून्य घोषित कर उस अवधि का वेतन दिया जाए। शेष मांगों पर ठोस कार्यवाही सुनिश्चित हो।
प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अमित कुमार मिरी एवं प्रदेश प्रवक्ता पूरन दास ने कहा कि त्योहारी सीजन में आर्थिक तंगी का सामना कर रहे एनएचएम कर्मचारी आज की कैबिनेट बैठक से बड़ी उम्मीद लगाए बैठे थे, लेकिन किसी भी मांग पर ठोस निर्णय न होने से कर्मचारियों में निराशा बढ़ गई है।
डॉ. मिरी ने कहा, ‘एनएचएम कर्मचारी अपनी जायज मांगों को लेकर 18 अगस्त से हड़ताल पर थे। स्वास्थ्य मंत्री एवं मुख्यमंत्री से चर्चा के बाद आंदोलन स्थगित किया गया। चर्चा में जिलों में की गई कार्रवाई शून्य करने तथा 25 पदाधिकारियों की बहाली का आश्वासन मिला था। लेकिन आज की कैबिनेट बैठक में 25 बर्खास्त एनएचएम कर्मचारियों की बहाली एवं 10 सूत्रीय मांगों पर सकारात्मक निर्णय नहीं होने से कर्मचारियों को एक बार फिर निराशा हाथ लगी है।’
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