- यूपीआई के जरिए सीधे बैंक ट्रांसफर करने पर कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा
नई दिल्ली। देश में यूपीआई ट्रांजैक्शन का 37 फीसदी हिस्सा संभालने वाले गूगल पे ने अब यूटिलिटी बिल भुगतान पर सुविधा शुल्क वसूलना शुरू कर दिया है। बिजली और गैस जैसे बिलों का भुगतान क्रेडिट या डेबिट कार्ड से करने पर अब 0.5 से 1 प्रतिशत तक का चार्ज और जीएसटी देना होगा।
गौरतलब है कि गूगल पे ने पहले ही मोबाइल रिचार्ज पर 3 रुपये का अतिरिक्त शुल्क लागू कर दिया था। जानकारी के मुताबिक, जनवरी 2025 तक गूगल पे से 8.26 लाख करोड़ रुपये के यूपीआई ट्रांजैक्शन हो चुके हैं। पहले यह शुल्क खुद गूगल पे वहन करता था, लेकिन अब यह बोझ यूजर्स पर डाला जा रहा है।
गूगल पे की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार कार्ड से किए जाने वाले भुगतानों पर शुल्क लागू होगा, जबकि बैंक अकाउंट से लिंक यूपीआई ट्रांजैक्शन अभी भी मुफ्त रहेगा। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि यह नया शुल्क कब से प्रभावी हुआ है।
आखिर क्यों उठाना पड़ा ये कदम
यूपीआई ट्रांजैक्शंस से सीधा रेवेन्यू न मिलने के कारण फिनटेक कंपनियों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा था। बढ़ते ऑपरेशनल खर्च की वजह से कंपनियां अब नई कमाई के विकल्प ढूंढ रही हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2024 में फिनटेक कंपनियों को ट्रांजैक्शन प्रोसेसिंग पर लगभग 12,000 करोड़ रुपये का खर्च उठाना पड़ा। इसी कारण अब ये कंपनियां अपनी सेवाओं से सीधा मुनाफा कमाने के नए तरीके अपनाने की दिशा में आगे बढ़ रही हैं।
फोन पे और पेटीएम पहले से वसूल रहे हैं शुल्क
दूसरे पेमेंट एप फोन पे और पेटीएम पहले से ही बिल भुगतान, मोबाइल रिचार्ज और अन्य सेवाओं पर प्रोसेसिंग शुल्क वसूलते हैं। अब गूगल पे भी इसी मॉडल को अपना रहा है। हालांकि यूपीआई के जरिए रुपये सीधे बैंक ट्रांसफर करने पर कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।