रायपुर। गोदावरी पॉवर एंड इस्पात फैक्ट्री में शुक्रवार को हुए हादसे में प्रबंधन ने मृतकों को 45-45 लाख रुपए का मुआवजा देने का ऐलान किया है। मुआवजे की रकम में 5-5 लाख रुपए मृतकों के बच्चों की शादी और पढ़ाई के लिए दिया गया है। इसके अलावा 10 हजार रुपए प्रति माह पेंशन के अलावा परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने का भी ऐलान फैक्ट्री प्रबंधन ने किया है। प्रबंधन की तरफ से घायलों को किसी भी तरह के मुआवजे का ऐलान नहीं किया गया है।
दूसरी तरफ धरसींवा थाने में गोदावर पॉवर एंड इस्पात कंपनी प्रबंधन के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 106 (1) और धारा 289 के तहत एफआईआर की। हालांकि एफआईआर में किसी जिम्मेदार का नाम नहीं है। फैक्ट्री प्रबंधन लिखा गया है, जिसमें आगे की जांच के आधार पर जिम्मेदार आरोपी तय किया जाएगा।
शुक्रवार यानी कि 26 सितंबर को हुए इस हादसे में 6 लोगों की मौत हो गई थी। वहीं, 6 लोग घायल हैं। मृतकों में दो मैनेजर, दो असिस्टेंट मैनेजर और दो हेल्पर शामिल हैं। वहीं, घायलों में एक जनरल मैनेजर, एक फोरमैन, एक कुली, एक रिगर और दो तक्नीशियन शामिल हैं।
इस हादसे में आहत 12 लोगों में 6 फैक्ट्री के कर्मचारी थे। वहीं, 6 ठेके पर आए कर्मी शामिल थे।
इस हादसे में मैनेजर जीएल प्रसन्ना कुमार, के प्रसन्ना कुमार, असिस्टेंट मैनेजर घनश्याम घोरमोरे, निराकार मलिक, हेल्पर तुलसी राम भट्ट और नारायण साहू की मौत हो गई है। दोनों हेल्पर महामाया ट्रेडर्स से जुड़े थे।
जीएम चक्रधर राव, फोरमैन पवन कुमार बावनकर, कुली जयप्रकाश वर्मा, सीनियर तक्नीशियन दीपेंद्र महतो, जूनियर तक्नीशियन चंद्र प्रकाश पटेल और रिगर मंतू यादव इस हादसे में घायल हुए हैं।
इस हादसे की प्रशासनिक स्तर पर जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस ने शनिवार को जगह का पंचनामा किया है। इसके अलावा प्रत्यक्षदर्शियों से हादसे के कारणों को जानने की कोशिश की है।
कांग्रेस का जांच दल पहुंचा निरीक्षण करने
इसके अलावा हादसे की जांच के लिए कांग्रेस भी एक जांच दल बनाया है। जांच दल में पूर्व मंत्री धनेंद्र साहू, पूर्व सांसद छाया वर्मा, पूर्व विधायक अनिता योगेंद्र शर्मा, पार्टी के महासचिव दीपक मिश्रा, जिला अध्यक्ष उधोराम वर्मा थे।
जांच दल ने घटना स्थल का निरीक्षण किया। इसके अलावा यह जानने की कोशिश की, कि हादसे की असल वजह क्या रही है। निरीक्षण के बाद जांच दल की तरफ से पूर्व मंत्री धनेंद्र साहू ने द लेंस ने चर्चा में कहा कि हादसे के पीछे प्रबंधन की लापरवाही सामने आई है। ज्यादा प्रोडक्शन के लिए बिना प्रॉपर मेंटनेंस किए फर्नेंस को चालू कर दिया गया है, जिससे यह हादसा हुआ है।
पूर्व सांसद छाया वर्मा ने कहा कि फैक्ट्री में बिना सुरक्षा मानकों के कर्मियों से दबाव में काम कराया जा रहा है। उन्होंने इस हादसे के पीछे प्रशासन को जिम्मेदार बताया, जिन्हाेंने प्रॉपर जांच के फैक्ट्री प्रबंधन को एनओसी जारी की थी।
कांग्रेस जांच दल अपनी रिपोर्ट पीसीसी को सौंपेगे। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने मुआवजा बढ़ाने की मांग की है। मृतकों को एक करोड़ और घायलों को 50-50 लाख रुपए देने की मांग की गई है।
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