नेशनल ब्यूरो। नई दिल्ली
लद्दाख में जारी अशांति के बीच लेह पुलिस ने शुक्रवार को कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को गिरफ्तार कर लिया। लद्दाख में हिंसक विरोध प्रदर्शन में कम से कम चार लोगों की मौत हो गई और 90 से ज़्यादा लोग घायल हो गए।
वांगचुक पर लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने और राज्य का दर्जा दिलाने की मांग को लेकर अपनी भूख हड़ताल के दौरान भड़काऊ बयानों के ज़रिए लोगों को भड़काने का आरोप है।
मांगों को लेकर वांगचुक ने 10 सितंबर, 2025 को भूख हड़ताल भी शुरू की थी, जिसे बढ़ती हिंसा का हवाला देते हुए 15 दिनों के बाद 24 सितंबर को समाप्त कर दिया था।
लेह एपेक्स बॉडी और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस के साथ वांगचुक के नेतृत्व में यह विरोध प्रदर्शन लद्दाख के लिए पूर्ण राज्य का दर्जा और भारतीय संविधान की छठी अनुसूची के तहत शामिल किए जाने की मांग कर रहा है।
मांगों पर जोर देने के लिए वांगचुक ने 10 सितंबर, 2025 को भूख हड़ताल भी शुरू की थी, जिसे बढ़ती हिंसा का हवाला देते हुए 15 दिनों के बाद 24 सितंबर को समाप्त कर दिया था।
वांगचुक के नेतृत्व में हुए विरोध प्रदर्शन के हिंसक हो जाने के बाद राजनीतिक विवाद भी छिड़ गया। सरकार ने वांगचुक पर भड़काऊ भाषणों जिनमें “अरब स्प्रिंग-शैली के विरोध प्रदर्शन” और “नेपाल में जेन जेड विरोध प्रदर्शन” का संदर्भ शामिल है के लिए आरोप लगाया, जिन्होंने कथित तौर पर भीड़ को उकसाया था।
बुधवार को एक आधिकारिक बयान में, गृह मंत्रालय ने कहा, “सोनम वांगचुक ने 10 सितंबर को भूख हड़ताल शुरू की थी, जिसमें छठी अनुसूची (संविधान की) और लद्दाख को राज्य का दर्जा देने की मांग की गई थी।
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