लेंस डेस्क। बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने गुरुवार को भारत-बांग्लादेश संबंधों पर एक विवादास्पद बयान दिया। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच तनाव की वजह पिछले साल बांग्लादेश में हुए छात्र आंदोलन हैं, जो भारत को पसंद नहीं आए।
इस आंदोलन के कारण पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को सत्ता छोड़नी पड़ी थी। यूनुस ने दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) को फिर से सक्रिय करने की वकालत की और कहा कि बांग्लादेश क्षेत्रीय व्यापार और समुद्री पहुंच के लिए एक महत्वपूर्ण कड़ी बन सकता है।
न्यूयॉर्क में बोलते हुए यूनुस ने कहा कि भारत और बांग्लादेश के रिश्तों में खटास इसलिए आई, क्योंकि भारत को पिछले साल का छात्र आंदोलन स्वीकार नहीं हुआ, जिसके चलते शेख हसीना को देश छोड़कर भारत में शरण लेनी पड़ी। उन्होंने कहा कि भारत द्वारा शेख हसीना को पनाह देना बांग्लादेश में कई समस्याओं का कारण बन रहा है।
यूनुस ने सार्क के निष्क्रिय होने का जिम्मेदार भारत को ठहराया। उन्होंने कहा कि यह आठ देशों का संगठन पिछले एक दशक से प्रभावी ढंग से काम नहीं कर रहा, क्योंकि यह एक देश की राजनीतिक प्राथमिकताओं के साथ तालमेल नहीं बिठा पा रहा। उन्होंने संकेत दिया कि भारत इस संगठन को आगे बढ़ाने में रुचि नहीं दिखा रहा, जबकि पाकिस्तान भी सार्क को पुनर्जनन की बात करता है।
यूनुस ने कहा, “सार्क एक शक्तिशाली संगठन है, जैसा यूरोपीय संघ है। हमारे पड़ोसी को इसमें बाधा नहीं डालनी चाहिए। सार्क का मतलब है कि हम आपके देश में निवेश करें और आप हमारे देश में निवेश करें।” उन्होंने भारत के पूर्वोत्तर राज्यों का जिक्र करते हुए कहा कि इन सात राज्यों को समुद्र तक पहुंच नहीं है, और बांग्लादेश इसमें मददगार हो सकता है।
पिछले साल बांग्लादेश में हुए हिंसक छात्र प्रदर्शनों के बाद शेख हसीना भारत भाग गई थीं। यूनुस ने आरोप लगाया कि भारतीय मीडिया ने इस आंदोलन को गलत तरीके से पेश किया, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा। उन्होंने कहा, “यह एक तरह का दुष्प्रचार है, जो हमें इस्लामवादी या तालिबान जैसा दिखाता है। क्या आप मुझे तालिबान का नेता कहेंगे? हमें इस तरह की छवि बनाने की जरूरत नहीं है।”
भारत ने कई बार बांग्लादेश में बढ़ते भारत-विरोधी बयानों और पूर्वोत्तर क्षेत्र पर कब्जे की धमकियों का कड़ा जवाब दिया है। साथ ही, भारत ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों, खासकर हिंदुओं पर बढ़ते हमलों को लेकर चिंता व्यक्त की है।