नेशनल ब्यूरो । नई दिल्ली
बिहार में महागठबंधन ने ‘अतिपिछड़ा न्याय संकल्प पत्र’ जारी करते हुए अतिपिछड़ा, एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग के लिए दस बड़े वादे किए हैं। बुधवार को पटना में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी, राजद नेता तेजस्वी यादव और महागठबंधन के वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में ‘अतिपिछड़ा न्याय संकल्प पत्र’ जारी किया गया।
संकल्प पत्र में वादा किया गया है कि महागठबंधन की सरकार बनने पर अतिपिछड़ा वर्ग के लिए अत्याचार निवारण अधिनियम पारित किया जाएगा। पंचायत और नगर निकाय में अति पिछड़ा वर्ग का आरक्षण 20 से बढ़ाकर 30 प्रतिशत किया जाएगा।
आवासीय भूमिहीन अतिपिछड़ा, एससी, एसटी और ओबीसी परिवारों को शहरी क्षेत्रों में तीन डेसिमल और ग्रामीण क्षेत्रों में पांच डेसिमल आवासीय भूमि दी जाएगी। 25 करोड़ रुपयों तक के सरकारी ठेकों में अतिपिछड़ा, एससी, एसटी और ओबीसी के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान होगा।
बढ़ाई जायेगी 50 फीसदी आरक्षण की सीमा

वादा किया गया संविधान की धारा 15(5) के तहत राज्य के सभी निजी शिक्षण संस्थानों में नामांकन हेतु आरक्षण लागू किया जाएगा। नियुक्तियों में ‘नॉट फाउंड सूटेबल’ के प्रावधान को खत्म किया जाएगा। अतिपिछड़ा वर्ग की सूची में अल्प या अति समावेशन से संबंधित सभी मामलों को एक कमेटी बनाकर निष्पादित किया जाएगा।
आरक्षण की निगरानी के लिए एक उच्च अधिकार प्राप्त आरक्षण नियामक प्राधिकरण का गठन होगा और जातियों की आरक्षण सूची में कोई भी परिवर्तन केवल विधान मंडल की अनुमति से ही संभव होगा। यूपीए सरकार द्वारा पारित शिक्षा अधिकार अधिनियम (2010) के तहत निजी विद्यालयों में नामांकन हेतु आरक्षित सीटों का आधा हिस्सा अतिपिछड़ा, पिछड़ी जाति, अनुसूचित जाति और जन-जाति के बच्चों हेतु निर्धारित किया जाएगा।इसके अलावा, महागठबंधन ने 50 प्रतिशत आरक्षण की सीमा को बढ़ाने के लिए विधानमंडल में पारित कानून को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए केंद्र सरकार को भेजने का वादा भी किया है।
खड़गे ने कहा मनुवाद चलाना चाहते नीतीश

अपने संबोधन में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि यह दस्तावेज महागठबंधन के सभी नेताओं ने मिलकर तैयार किया है और सत्ता में आने पर इसे लागू किया जाएगा। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि नीतीश कुमार भाजपा के पास गए हैं, तो इसका साफ मतलब है कि वो मनुवाद को चलाना चाहते हैं। जो लोग समाजवाद के उसूलों की बात करते थे, आज वही लोग भाजपा की झोली में जा गिरे हैं। उन्होंने कहा कि देश में भाजपा सरकार होने का साफ मतलब गरीबों, पिछड़ों, दलितों का जीवन तबाह होना है।
राहुल का दावा होकर रहेगी जातीय जनगणना
वहीं भाजपा पर निशाना साधते हुए राहुल गांधी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में जाति आधारित प्रदर्शन करना मना है। एक तरफ ऐसी सोच है, जबकि दूसरी तरफ हमारा गठबंधन अतिपिछड़ा समाज को एक विजन देना चाहता है।
उन्होंने कहा कि बिहार में 20 साल से नीतीश कुमार की सरकार है, लेकिन उन्होंने अतिपिछड़ा समाज को न्याय दिलाने के लिए फैसले नहीं लिए। नीतीश कुमार ने अति पिछड़ा समाज की आवाज दबाने का काम किया। महागठबंधन ने अतिपिछड़ा समाज के लोगों से बात की और अतिपिछड़ा न्याय संकल्प पत्र तैयार कर दिया।
वोटर अधिकार यात्रा का जिक्र करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि यह यात्रा बिहार के युवाओं को यह बताने के लिए थी कि पूरे देश में संविधान पर हमला हो रहा है और नागरिकों के हक को चोरी किया जा रहा है। इस दौरान उन्होंने देश में जाति जनगणना कराने और आरक्षण पर लगी 50 प्रतिशत की सीमा को हटाने की अपनी प्रतिबद्धता भी दोहराई।
यह भी देखें: प्रशांत किशोर के अजब गजब खुलासे, डिप्टी सीएम और अन्य एनडीए नेता घिरे