द लेंस डेस्क। उत्तर प्रदेश की विधानसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा अपने भाषण में ‘कठमुल्ला’ शब्द का प्रयोग करने के बाद सियासत गरम है। सोशल मीडिया और टीवी डीबेट में इस शब्द हो लेकर चर्चा हो रही है। सोशल मीडिया में तो कठमुल्ला शब्द का इस्तेमाल अपनी-अपनी सहूलियत के हिसाब से किया जा रहा है। आइए पड़ताल करते हैं, कठमुल्ला शब्द को लेकर क्या-क्या जानकारियां मौजूद हैं।
कठमुल्ला को हिंदी में समझने की कोशिश करें तो इसका मतलब होता है पोंगापंथी। ऐसे लोग जो सुनी सुनाई या फिर अप्रमाणित पुस्तकों से मिली जानकारी को ही सही मान लेते हैं और उसी पर डटे रहते हैं। ठीक इसी तरह कठमुल्ला होता है। हिंदी की जानीमानी वेबसइट हिंदवी पर मौजूद जानकारी के अनुसार कठमुल्ला का मतलब वह मुल्ला या मौलवी जो काठ के मनकों की माला फेरता हो, दुराग्रही व्यक्ति, मूर्ख, अनपढ़ और कट्टर मुल्ला या मौलवी बताया गया है।
उर्दू भाषा पर काम करने वाली वेबसाइट रेख्ता में कठमुल्ला का मतलब है बनावटी मुल्ला, कम पढ़ा-लिखा शिक्षक, अधूरे ज्ञान का उपदेशक, संकुचित विद्या का मालिक, अपने मत या सिद्धांत के प्रति अत्यंत आग्रहशीन या दुराग्रही व्यक्ति, हठ-धर्म मौलवी, वह मुल्ला जो काठ के मनकों की माला फेरता हो।
कठ+मुल्ला=कठमुल्ला
हिन्दी भाषा के शब्द काठ (संस्कृत में काष्ठ, हिंदी पर्यायवाची लकड़ी) और अरबी के शब्द मुल्ला को मिलाकर बना है कठमुल्ला। हिंदी की यही खूबसूती है कि इसमें उर्दू, अरबी, फारसी के शब्द हैं। कई ऐसे शब्द हैं जिन्हें हम जानते तो हिंदी का हैं लेकिन वह मूलरूप से किसी और भाषा से आते हैं या मिलकर बने होते हैं। प्रमुख भारतीय कहानीकार मुंशी प्रेमचंद, राजेंद्र यादव, भीष्म साहनी ने हिंदी कहानियों में उर्दू शब्दों का बड़ी ही खूबसूरती के साथ इस्तेमाल किया है।
क्या कहते हैं जानकार
लखनऊ के मुस्लिम स्कॉलर और सुन्नी इंटर कॉलेज प्रबंधक समिति के अध्यक्ष मोहम्मद अहमद खान अदीब ने एक समाचार बेवसाइट को जानकारी देते हुए बताया है कि कठमुल्ला शब्द कब से प्रचलन में है और कहां से आया, इसके बारे में ठीक-ठीक बता पाना कठिन है लेकिन मैं सिर्फ यह कह सकता हूं कि इस शब्द को मैं बचपन से सुनता आ रहा हूं, जिसका मतलब है जाहीलियत। इसे मुद्दा बनाना ठीक नहीं है यह गैजरूरी विषय है। रेख्ता डिक्शनरी में कठमुल्ला शब्द के मायने बताए गए हैं जिसके अनुसार कम पढ़ा हुआ मुल्ला, मुल्लाना, मस्जिद की रोटियां तोड़ने वाला। एक और मुस्लिम स्कॉलर गुफरान नसीम बताते हैं कि कठमुल्ला शब्द को हमेशा से नकारात्मक दृष्टि से देखा गया।
योगी ने क्या कहा था
यूपी विधानसभा में विपक्ष पर हमला बोलाते हुए सीएम योगी ने कहा था कि अपने बच्चों को अंग्रेजी स्कूलों में पढ़ाएंगे और दूसरों के बच्चों को उर्दू पढ़ने को प्रेरित करेंगे। उन्हें मौलवी, कठमुल्ला बनने को प्रेरित करेंगे। यह नाइंसाफी है, यह नहीं चलेगा। उत्तर प्रदेश सरकार सभी धर्मों, अपने राज्य में प्रचलित क्षेत्रीय भाषाओं का सम्मान करती है। यह सरकार सबका साथ-सबका विकास पर केंद्रित मंशा से काम कर रही है। विपक्ष की आदत में शामिल हो गया है कि सरकार की हर पहल का उसे विरोध करना है। यह अनुचित है और इसे किसी भी सूरत में मंजूर नहीं किया जा सकता।