लेंस डेस्क। UN report on Gaza: संयुक्त राष्ट्र की एक स्वतंत्र जांच आयोग ने इजरायल पर गाजा पट्टी में फिलिस्तीनियों के खिलाफ नरसंहार करने का गंभीर आरोप लगाया है। यह रिपोर्ट, जो लगभग दो वर्षों की जटिल जांच पर आधारित है, इजरायली नेताओं के बयानों और युद्धक्षेत्र से प्राप्त साक्ष्यों को जोड़ते हुए कहती है कि इजरायल की सैन्य कार्रवाइयों का उद्देश्य गाजा के फिलिस्तीनियों को समाप्त करना था।
यह आरोप तब सामने आया है जब इजरायल ने मंगलवार को गाजा सिटी में नया जमीनी हमला शुरू किया, जिसमें दर्जनों फिलिस्तीनी मारे गए।
इजरायल ने रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर दिया है। विदेश मंत्रालय ने इसे “झूठा और विकृत” बताते हुए कहा कि यह हमास के प्रचार का हिस्सा है। राष्ट्रपति इसाक हर्जोग और संयुक्त राष्ट्र में इजरायल के राजदूत डैनी मेरॉन ने आरोपों को “मानहानिकारक” करार दिया।
दावा किया कि इजरायली सेना आत्मरक्षा में कार्रवाई कर रही है और नागरिक हानि को कम करने का प्रयास कर रही है। इजरायल का कहना है कि 7 अक्टूबर के हमास हमले में 1,200 लोग मारे गए थे और 251 बंधक बनाए गए थे, जिसके जवाब में यह अभियान आवश्यक था।
रिपोर्ट को संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार परिषद के तहत गठित स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय आयोग ने तैयार किया है, जिसकी अध्यक्षता पूर्व अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय की न्यायाधीश नवनी पिल्ले कर रही हैं। आयोग के अनुसार, 7 अक्टूबर 2023 को हमास के हमले के बाद शुरू हुए इजरायली अभियान में चार प्रमुख नरसंहारकारी कृत्यों का प्रमाण मिला है।
इनमें बड़े पैमाने पर हत्याएं, गंभीर शारीरिक और मानसिक क्षति पहुंचाना, जीवन की ऐसी स्थितियां थोपना जो विनाशकारी साबित हों, और जन्म रोकने वाली कार्रवाइयां शामिल हैं। जांचकर्ताओं ने साक्ष्यों के रूप में सैन्य दस्तावेजों, उपग्रह चित्रों, साक्षात्कारों और इजरायली अधिकारियों के सार्वजनिक बयानों का हवाला दिया है।
उदाहरण के तौर पर, प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गाजा अभियान को “पूर्ण विनाश की पवित्र जंग” करार दिया था, जबकि पूर्व रक्षा मंत्री योआव गैलेंट ने फिलिस्तीनियों को “मानव पशु” कहा था। आयोग का मानना है कि ये बयान न केवल उकसावे के प्रमाण हैं, बल्कि नरसंहार की मंशा को स्पष्ट करते हैं।
यह रिपोर्ट दक्षिण अफ्रीका द्वारा अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में दायर मामले और एमनेस्टी इंटरनेशनल की अप्रैल 2025 की रिपोर्ट से जुड़ती है, जहां गाजा को “लाइव-स्ट्रीम्ड नरसंहार” कहा गया था।
आयोग ने स्थायी युद्धविराम, मानवीय सहायता की बिना रुकावट पहुंच, और भुखमरी नीतियों को समाप्त करने की सिफारिश की है। फिलिस्तीनी पक्ष ने इसे ऐतिहासिक मानते हुए अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई की मांग की है, जबकि वैश्विक स्तर पर बहस तेज हो गई है।
UN report on Gaza: 64,000 से अधिक मौतें
युद्ध के परिणामस्वरूप गाजा में कम से कम 64,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं, जबकि 1,64,000 से ज्यादा घायल हुए हैं। लगभग एक लाख लोग गाजा सिटी में भुखमरी की चपेट में हैं, जहां बुनियादी सेवाएं ध्वस्त हो चुकी हैं। आयोग ने चेतावनी दी है कि यह स्थिति अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है और सभी देशों को इसे रोकने के लिए सक्रिय कदम उठाने चाहिए, वरना वे सहयोगी बन जाएंगे।
रिपोर्ट जारी होने के ठीक उसी दिन इजरायली रक्षा मंत्री इसराइल काट्ज ने गाजा सिटी में जमीनी आक्रमण की घोषणा की, जो शहर के बड़े हिस्से पर नियंत्रण के लिए है। हमलों में कम से कम 62 फिलिस्तीनी मारे गए, जिनमें से 52 गाजा सिटी में थे। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव ने एक संबंधित घटना पर चिंता जताई, जहां इजरायल ने कतर में एक हमला किया, जो मध्यस्थता प्रयासों को नुकसान पहुंचा सकता है।