भिलाई। लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय संरक्षक रघु ठाकुर 15 सितम्बर को तीन दिन के प्रवास पर भिलाई पहुंचे। भिलाई में लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष साथी अशोक पंडा की मां किशोरी देवी पंडा के निधन पर उनके निवास पर पहुंचे और पुष्पांजलि दी।
इस मौके पर मौजूद पत्रकारों से चर्चा करते हुए रघु ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल अपने भाषण में कहा कि देश में दो करोड़ घुसपैठिये हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि उनकी सरकार 30 हजार घुसपैठियों को बाहर निकाल चुकी है। प्रधानमंत्री के ही गणित को मान कर उससे जो निष्कर्ष निकाला है, उसके हिसाब से घुसपैठियों को बाहर निकालने में लगभग 700 साल लगेंगे। मैं प्रधानमंत्री को शुभकामना देता हूं कि वह 700 साल तक जिंदा रहे और घुसपैठियों को बाहर निकालें।
रधु ठाकुर ने आगे कहा कि 3 दशक पहले स्वयंसेवक संघ ने एक पर्चा निकाला था जिसमें कहा था कि देश में 10 करोड़ घुसपैठिए हैं।प्रधानमंत्री दो करोड़ घुसपैठिए बता रहे हैं। इसका मतलब हुआ कि कांग्रेस और अन्य सरकारों ने आठ करोड़ घुसपैठियों को बाहर निकाला है। और मोदी की राष्ट्रभक्त सरकार ने 11 वर्षों में मात्र 30 हजार घुसपैठिए निकाले। इसका दूसरा अर्थ यह है कि आरएसएस ने जानबूझकर झूठ फैलाया कि 30 वर्ष पहले देश में 10 करोड़ घुसपैठिए थे। संघ और मोदी जी में कौन सही है कौन झूठ बोल रहा है ये वही लोग बताएं तो अच्छा होगा।
समाजवादी चिंतक ने कहा कि आज कल प्रधानमंत्री को स्वदेशी की काफी याद आ रही है, जिसे वह 11 साल से भूल गए थे। वे वैश्वीकरण के बड़े प्रवर्तक थे। यहां तक कि उनकी सरकार ने देश में वैश्वीकरण लाने वाले प्रधानमंत्री को भारतरत्न से नवाजा। प्रधानमंत्री की इस स्वदेशी की याद और ट्रंप की टैरिफ वृद्धि में जो संबंध है वह सभी लोग समझ रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि भारत की विदेश नीति दिवालियापन की हो गई है। पहले अमेरिका के पीछे घूम रहे थे और मोदी – ट्रंप जिंदाबाद के नारे लग रहे थे। आजकल शी जिनपिंग और पुतिन जिंदाबाद का नारा लग रहा है। अभी जो स्थितियां बन रही हैं, जो बातें जमीन के अंदर चल रही हैं, हो सकता है कि कुछ दिन बाद फिर से ट्रंप -मोदी जिंदाबाद का नारा लगने लगे।
नेपाल में जेन जी आंदोलन को लेकर उन्हाेंने कहा कि जेन जी युवाओं के नाम का जो हिंसक विद्रोह हुआ, वास्तव में वह युवाओं का आंदोलन नहीं था बल्कि एशिया भूभाग और नेपाल पर अपना नियंत्रण रखने के वैश्विक शक्तियों का खेल है। इसमें सेना की भी सहभागिता है। ऐसे ही बदलाव श्रीलंका, पाकिस्तान, बांग्लादेश, इंडोनेशिया आदि देशों में हो चुके हैं और अंततः जहां-जहां ऐसे बदलाव हुए वहां लोकतंत्र अपने असली स्वरूप में वापस नहीं आ पाया।
रघु ठाकुर ने आगे कहा कि भारत के सत्ताधारी लोगों को सावधान होना चाहिए। प्रतिपक्ष और अन्य लोगों से बात करनी चाहिए तथा अपने दल के भ्रष्टाचारियों को हटाना चाहिए और देश के अंदर जो बेरोजगारी है गरीबी है आदिवासी समाज की स्थिति है उसे हल करने का उपाय सोचना चाहिए।
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