रायपुर। छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM STRIKE) के 16 हजार से अधिक संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल को अब पूरे राज्य के संविदा कर्मचारियों का साथ मिला है। 18 अगस्त से शुरू हुई इस हड़ताल में नियमितीकरण, नौकरी की सुरक्षा, संविलियन, ग्रेड पे, अनुकंपा नियुक्ति जैसी 10 प्रमुख मांगों को लेकर प्रदर्शन हो रहे हैं।
हड़ताल के दौरान 25 एनएचएम पदाधिकारियों की सेवा समाप्त करने के फैसले के खिलाफ आक्रोश बढ़ा है। इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ ने 12 सितंबर को सभी विभागों के संविदा कर्मचारियों का एक दिवसीय काम बंद आयोजित किया।इस दौरान महासंघ के सदस्य एनएचएम धरना स्थलों पर पहुंचे और समर्थन जताया। साथ ही सभी मंत्रियों व 90 विधायकों के नाम से जिला कलेक्टरों को ज्ञापन सौंपा गया।
ज्ञापन के साथ बदाम सौंप कर प्रदर्शन किया। महासंघ के सचिव श्रीकांत लास्कर और उपाध्यक्ष संजय सोनी ने बताया कि सरकार की उपेक्षा से सभी संविदा कर्मचारी नाराज हैं, और यदि मांगें पूरी न हुईं तो आंदोलन और तेज होगा।
हड़ताल का असर प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं पर गहरा पड़ रहा है। टीकाकरण, ओपीडी और अन्य जरूरी सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं जिससे मरीजों को परेशानी हो रही है। हाल ही में स्वास्थ्य विभाग ने 25 हड़ताल नेताओं की छंटनी की जिसके जवाब में 14,678 एनएचएम कर्मचारियों ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया।
एनएचएम कर्मचारी संघ के महासचिव कौशलेश तिवारी ने कहा कि सरकार ने 13 अगस्त की बैठक में 10 मांगों में से पांच पर सहमति दिखाई थी लेकिन अमल नहीं हुआ। कर्मचारियों ने खून से पत्र लिखकर और हवन-पाठ कर सरकार से सद्बुद्धि की अपील की लेकिन ‘नो वर्क, नो पे’ नीति लागू कर दबाव बनाया जा रहा है। महासंघ ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से हस्तक्षेप की मांग की है।
यह आंदोलन पुरानी लड़ाई का हिस्सा लगता है। पिछली कांग्रेस सरकार के समय महासंघ ने 54 विभागों के संविदा कर्मचारियों के लिए 5 साल संघर्ष किया और 2023 के 31 दिवसीय आंदोलन पर 27 प्रतिशत वेतन वृद्धि की घोषणा हुई जो एनएचएम समेत कई विभागों में आज तक लागू नहीं हुई। भाजपा ने चुनावी घोषणा पत्र में ‘मोदी की गारंटी’ के तहत 100 दिनों में समस्याओं के समाधान के लिए कमेटी गठन का वादा किया था।
आईएएस निहारिका बारीक सिंह की अध्यक्षता में कमेटी बनी लेकिन कोई प्रगति नहीं हुई। 33 जिलों में एक साथ ध्यानाकर्षण के बाद जिला संयोजक पूछ रहे हैं मोदी की गारंटी कब पूरी होगी? विपक्ष कांग्रेस ने सरकार पर लाठीचार्ज और जेल की धमकी देने का आरोप लगाया है जबकि भाजपा सांसद विजय बघेल व बृजमोहन अग्रवाल ने कर्मचारियों का समर्थन किया है।