Bhojraj Nag: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर हाईकोर्ट ने कांकेर लोकसभा क्षेत्र से भाजपा सांसद भोजराज नाग की उस गुहार को ठुकरा दिया है, जिसमें उन्होंने लोकसभा चुनाव 2024 के खिलाफ दायर याचिका को शुरुआती दौर में ही रद्द करने की मांग की थी। सांसद नाग ने दावा किया था कि याचिका में कोई गंभीर भ्रष्टाचार का आरोप नहीं है इसलिए यह जनप्रतिनिधित्व कानून की धाराओं का उल्लंघन करता है। साथ ही उन्होंने चुनाव आयोग को पक्ष नहीं बनाने और याचिका के वकील द्वारा दाखिल होने पर भी सवाल उठाए। लेकिन कोर्ट ने इन तर्कों को खारिज करते हुए साफ कहा कि याचिका में ईवीएम में खराबी, वोट डेटा भेजने में देरी और मतगणना की गड़बड़ियों जैसे ठोस सबूत मौजूद हैं जो पूर्ण जांच के हकदार हैं।
यह मामला 18 जुलाई 2024 को कांकेर के निवासी बिरेश ठाकुर द्वारा शुरू हुआ जब उन्होंने सांसद नाग की जीत को चुनौती देते हुए याचिका दाखिल की। ठाकुर ने मांग की है कि चुनाव नतीजों को रद्द किया जाए, कई मतदान बूथों पर वोटों की दोबारा गिनती हो और 15 केंद्रों पर फिर से वोटिंग कराई जाए। उन्होंने गुण्डरदेही, डोंडी लोहारा जैसे इलाकों में वोटों के अंतर और डेटा में छेड़छाड़ की आशंका जताई है। कोर्ट ने पाया कि याचिका सभी जरूरी नियमों के अनुरूप है, ठाकुर के हस्ताक्षर हर पेज पर हैं और चुनाव आयोग को जोड़ने की कोई बाध्यता नहीं।
अदालत ने सांसद नाग की आपत्तियों को कमजोर बताते हुए मामले को मेरिट पर चलने लायक ठहराया। अब इसकी अगली सुनवाई 3 नवंबर 2025 को तय की गई है। यह फैसला लोकसभा चुनावों की पारदर्शिता पर सवाल उठाता है और दिखाता है कि अदालतें ऐसी शिकायतों को हल्के में नहीं ले रही। कांकेर क्षेत्र के वोटरों के बीच यह मुद्दा अब और गरमाता नजर आ रहा है।