नेशनल ब्यूरो। नई दिल्ली
बीजेपी ने नेपाल में चल रहे ताजा हिंसक हालात को लेकर अपने नेताओं को सख्त निर्देश जारी किए हैं। पार्टी ने अपने सभी मंत्रियों, सांसदों, प्रवक्ताओं और पदाधिकारियों से कहा है कि वे नेपाल मुद्दे पर कोई बयान न दें और सोशल मीडिया पर भी इस बारे में कमेंट करने से बचें।
अगर कोई बयान देना है तो राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से इजाजत ले लें। यह निर्देश नेपाल में हाल के हिंसक प्रदर्शनों और वहां की अस्थिर स्थिति को देखते हुए दिया गया है।
बीजेपी ने नेपाल के हालात को देखते हुए अपने लोगों को यह निर्देश दिया है। इस कदम के पीछे भारत-नेपाल संबंधों को भी ध्यान में रखा गया है। नेपाल भारत का करीबी पड़ोसी देश है, और वहां की अस्थिरता का असर भारत के सीमावर्ती इलाकों, खासकर बिहार और उत्तर प्रदेश पर भी पड़ सकता है।
पार्टी नहीं चाहती कि उसके नेताओं के बयानों से कोई गलत संदेश जाए या द्विपक्षीय रिश्तों पर असर पड़े। पार्टी सूत्रों के अनुसार, बीजेपी ने अपने नेताओं से कहा है कि वे नेपाल के मसले पर सिर्फ सरकार की आधिकारिक लाइन का पालन करें। भारत सरकार इस मुद्दे पर नजर रखे हुए है और नपी-तुली प्रतिक्रिया दे रही है। कई भारतीय नागरिक भी नेपाल में फंसे हैं, जिनके लिए सरकार हालात सामान्य होने का इंतजार कर रही है।
बीजेपी ने अपने नेताओं को सोशल मीडिया पर नेपाल से जुड़े किसी भी पोस्ट या कमेंट से दूर रहने की हिदायत दी है। इसका मकसद गलत सूचनाओं और अनावश्यक विवादों से बचना है।
नेपाल में सोशल मीडिया बैन के बाद वहां के युवाओं, खासकर जेन-जी समूह, ने सड़कों पर उतरकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किए थे ऐसे में बीजेपी नहीं चाहती कि उसके नेताओं की कोई टिप्पणी वहां के हालात को और भड़काए। हालांकि बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के बाद झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर प्रसाद ने नेपाल को लेकर विवादित बयान दिया है।
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