नई दिल्ली। भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ को लेकर चल रहा तनाव अब कम होता नजर आ रहा है। शनिवार सुबह (भारतीय समयानुसार) अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपनी मित्रता को फिर से रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि वह हमेशा मोदी के दोस्त रहेंगे और दोनों देशों के बीच गहरे रिश्ते हैं।
ट्रंप ने यह भी जोड़ा कि कभी-कभी कुछ मतभेद हो जाते हैं, लेकिन यह चिंता का विषय नहीं है। इस बयान के जवाब में पीएम मोदी ने भी तुरंत प्रतिक्रिया दी, जिससे संकेत मिलता है कि दोनों देशों के रिश्ते धीरे-धीरे बेहतर हो सकते हैं। हालांकि, अमेरिका द्वारा भारत पर लगाया गया 50 प्रतिशत टैरिफ अभी भी लागू है।
व्हाइट हाउस में शुक्रवार (भारतीय समयानुसार शनिवार) को ट्रंप ने कहा, “मैं नरेंद्र मोदी का हमेशा दोस्त रहूंगा। वह एक बेहतरीन नेता हैं, लेकिन मुझे उनके कुछ मौजूदा कदम पसंद नहीं हैं।
फिर भी भारत और अमेरिका का रिश्ता खास है, और हमें किसी बात की चिंता करने की जरूरत नहीं। कभी-कभी कुछ मुद्दे सामने आ जाते हैं।” यह बयान उन्होंने भारत के साथ संबंधों को सुधारने के सवाल पर दिया, क्योंकि दोनों देशों के रिश्ते पिछले दो दशकों में शायद सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए थे।
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रंप के बयान का जवाब देते हुए कहा, “मैं राष्ट्रपति ट्रंप की सकारात्मक भावनाओं और हमारे रिश्तों के प्रति उनके विचारों की सराहना करता हूं। भारत और अमेरिका के बीच एक सशक्त, दूरदर्शी और वैश्विक रणनीतिक साझेदारी है।”
ट्रंप ने भारत के रूस से तेल खरीदने पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि वह इस बात से “नाखुश” हैं कि भारत रूस से इतना तेल खरीद रहा है। सोशल मीडिया पर एक सवाल के जवाब में ट्रंप ने कहा, “मुझे इस बात से निराशा है कि भारत रूस से इतना तेल ले रहा है। मैंने उन्हें यह स्पष्ट कर दिया है। हमने भारत पर 50 प्रतिशत शुल्क लगाया है, जो बहुत ज्यादा है। मेरे और मोदी के बीच बहुत अच्छे संबंध हैं, वह शानदार हैं। वह कुछ महीने पहले यहां आए थे।”
ट्रंप ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट ‘टुथ सोशल’ पर लिखा था, “ऐसा लगता है कि हमने भारत और रूस को चीन के करीब जाने दिया। भगवान उनके भविष्य को समृद्ध बनाए।” इस पोस्ट के साथ उन्होंने मोदी, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी नेता शी जिनपिंग की एक पुरानी तस्वीर भी साझा की थी।
जब ट्रंप से भारत और अन्य देशों के साथ व्यापार वार्ता के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, “वार्ताएं अच्छी चल रही हैं। अन्य देश भी अच्छा कर रहे हैं। हम सभी के साथ अच्छा काम कर रहे हैं। हालांकि, हम यूरोपीय संघ से नाराज हैं, क्योंकि न सिर्फ गूगल, बल्कि हमारी सभी बड़ी कंपनियों के साथ जो हो रहा है, उससे हम खुश नहीं हैं।”
इससे पहले ट्रंप ने कहा था कि भारत और रूस को चीन के करीब जाने दिया गया है। इस बयान पर भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
वहीं, ट्रंप के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने एक बार फिर भारत पर निशाना साधा। नवारो ने कहा कि भारत सच को स्वीकार नहीं करता और मुद्दों को टालता है। इससे पहले उन्होंने दावा किया था कि भारत में रूसी तेल से कुछ लोग मोटा मुनाफा कमा रहे हैं। भारतीय विदेश मंत्रालय ने नवारो के इन बयानों को गलत और भ्रामक बताया है।
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