लेंस डेस्क। श्रीनगर की हजरतबल दरगाह में शुक्रवार को हंगामा हो गया। दरगाह में हाल ही में किए गए नवीनीकरण कार्य के बाद लगाए गए संगमरमर पर कुछ लोगों ने आपत्ति जताई।
मस्जिद के भीतर प्रतिमा लगाने के आरोप में गुस्साई भीड़ ने अशोक स्तंभ की आकृति को नुकसान पहुंचाया। भीड़ का तर्क था कि मस्जिद में किसी भी तरह की मूर्ति या प्रतीक की अनुमति नहीं है।
इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है, जिसमें कुछ लोग वक्फ बोर्ड द्वारा लगाए गए शिलापट पर बने अशोक स्तंभ को पत्थर से तोड़ते नजर आ रहे हैं। इस शिलापट पर जम्मू-कश्मीर वक्फ बोर्ड की चेयरपर्सन डॉ. दरख्शां अंद्राबी का नाम भी है, जिन्होंने 3 सितंबर को इसका उद्घाटन किया था।
डॉ. अंद्राबी ने इस घटना पर कड़ा रुख अपनाते हुए इसे राजनीति से प्रेरित बताया। उन्होंने कहा कि इस तरह के कृत्य करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
उद्घाटन के समय उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर तस्वीरें साझा करते हुए लिखा था कि हजरतबल दरगाह का नवीनीकरण और सौंदर्यीकरण जम्मू-कश्मीर वक्फ बोर्ड की एक ऐतिहासिक पहल है, जो इसे देश और क्षेत्र की सबसे खूबसूरत दरगाहों में शामिल करता है।
केंद्रीय मंत्री का बयान
केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री किरेन रिजिजू ने भी इस परियोजना की सराहना की थी। उन्होंने 3 सितंबर को हजरतबल दरगाह का वीडियो साझा करते हुए कहा कि यह 1968 के बाद दरगाह के आंतरिक हिस्से में किया गया पहला बड़ा बदलाव है।
उन्होंने इसे कश्मीरी कला और आधुनिकता का संगम बताया, जो जम्मू-कश्मीर की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। उन्होंने इस परियोजना के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के समर्थन की भी प्रशंसा की।
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