नई दिल्ली। देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल का पहला सरकारी बंगला अब बिकने जा रहा है। और यह देश की सबसे बड़ी डील में से एक माना जा रहा है।
दिल्ली के अति विशिष्ट लुटियंस बंगला क्षेत्र में स्थित यह बंगला लगभग 14,973 वर्ग मीटर (करीब 3.7 एकड़) के विशाल क्षेत्र में फैला है। 17 मोतीलाल नेहरू मार्ग (पूर्व में यॉर्क रोड) पर बने इस बंगले की कीमत 1,100 करोड़ तय की गई है।
एक प्रमुख अंग्रेजी समाचार पत्र के अनुसार, इस बंगले के मालिकों ने शुरू में 1,400 करोड़ रुपये की मांग की थी। लेकिन भारतीय पेय उद्योग से जुड़े एक प्रमुख व्यवसायी ने इस सौदे को 1,100 करोड़ रुपये में अंतिम रूप दिया। इस संपत्ति की मौजूदा मालिक राजकुमारी कक्कड़ और बीना रानी हैं, जो राजस्थान के एक शाही परिवार से संबंध रखती हैं।
समाचार पत्र के अनुसार, इस सौदे की कानूनी प्रक्रिया अपने अंतिम चरण में है। एक प्रतिष्ठित लॉ फर्म ने सार्वजनिक सूचना जारी की है, जिसमें कहा गया है, “हमारे ग्राहक 17 मोतीलाल नेहरू मार्ग की इस संपत्ति को खरीदने के इच्छुक हैं। इसके वर्तमान मालिक राजकुमारी कक्कड़ और बीना रानी हैं।
यदि किसी अन्य व्यक्ति का इस संपत्ति पर कोई दावा है, तो वह सात दिनों के भीतर दस्तावेजी प्रमाण के साथ सूचित करें। अन्यथा, यह माना जाएगा कि इस संपत्ति पर कोई अन्य दावा नहीं है।”
पिछले एक साल से चल रही थी चर्चा
लगभग 24,000 वर्ग फुट में निर्मित इस विशाल संपत्ति की बिक्री को लेकर पिछले एक साल से बातचीत चल रही थी। एक जानकार ने बताया, “इसकी विशेष स्थिति, विशिष्ट स्थान और आकार के कारण यह संपत्ति अत्यंत मूल्यवान है। लेकिन इसकी ऊंची कीमत के कारण केवल अरबपति खरीदार ही इसमें रुचि ले सकते थे।”
लुटियंस क्षेत्र का महत्व
लुटियंस बंगला क्षेत्र जिसे 1912 से 1930 के बीच ब्रिटिश वास्तुकार एडविन लुटियंस ने डिजाइन किया था, लगभग 28 वर्ग किलोमीटर में फैला है। इस क्षेत्र में करीब 3,000 बंगले हैं, जिनमें से अधिकांश में मंत्री, न्यायाधीश और वरिष्ठ सरकारी अधिकारी रहते हैं। साथ ही लगभग 600 निजी संपत्तियां भी हैं, जो भारत के सबसे धनी लोगों के स्वामित्व में हैं।