रायपुर। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को प्रदेश कांग्रेस का नेतृत्व सौंपे जाने की वकालत करने वाले पूर्व मंत्री रविंद्र चौबे अब अपने बयान से पलट गए हैं। मंगलवार को अलग-अलग मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा है कि मीडिया पर चल रही बातें भ्रामक और तथ्यहीन है। उन्होंने अब कहा, ‘मैं भूपेश बघेल को जन्मदिन की शुभकामनाएं देने गया था, ऐसे में उन्हें और क्या कहता।’
ये दिलचस्प है कि इन्हीं रविंद्र चौबे का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है, जिसमें वे साफ साफ कह रहें हैं कि छत्तीसगढ़ कांग्रेस का नेतृत्व पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को दिया जाना चाहिए क्योंकि विष्णु के सुशासन से, ईडी से, मोदी की गारंटी से लड़ने की हिम्मत किसी में है तो वह केवल भूपेश बघेल में हैं।
ये बयान उन्होंने भूपेश बघेल के जन्मदिन के दिन बरसते पानी में मौजूद भारी भीड़ के सामने, जहां मंच था माइक था और सैकड़ों मोबाइल थे, दिया था। उस समय रविंद्र चौबे पूरी भावुकता के साथ और पूरे जोश के साथ यह बात कह रहे थे और सामने भूपेश बघेल समर्थक तालियां बजा रहे थे।
इतना ही नहीं, अपने भाषण के इस अंश में रविंद्र चौबे इन बातों को नीचे खड़ी भीड़ से भी बुलवाते नजर आए थे।
रविंद्र चौबे का यह बयान एक दिन बाद वायरल हुआ और उतनी ही तेजी से अखबारों से लेकर न्यूज चैनल्स पर नजर आने लगा।
कांग्रेस के सूत्र कहते हैं कि इस बयान की गूंज दिल्ली तक होनी ही थी और वो हुई। एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि ये गूंज ऐसी हुई कि प्रति गूंज रायपुर में हाई कमान की नाराजगी की तरह सुनाई देने लगी।
सोमवार को हाई कमान के प्रतिनिधि प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी सचिव विजय जांगिड़ रायपुर पहुंचते हैं और आते ही उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘भूपेश बघेल लोकप्रिय मुख्यमंत्री रहे हैं। वे कांग्रेस के महासचिव हैं। हमारे सभी वरिष्ठ नेता अपने तरीके से जिम्मेदारी निभा रहे हैं। कांग्रेस में हमेशा कलेक्टिव लीडरशिप रही है। भूपेश बघेल भी अध्यक्ष और मुख्यमंत्री थे तो सभी को लेकर चलते थे।’
विजय जांगिड़ का यह बयान साफ संदेश था कि रविंद्र चौबे का भीड़ के सामने भावुक होना, उत्साहित होना और यह कह देना कि प्रदेश कांग्रेस का नेतृत्व भूपेश बघेल करें, कांग्रेस हाईकमान को रास नहीं आया। क्योंकि यह बयान वर्तमान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज के लिए सीधे असुविधा जनक था।
रविंद्र चौबे कांग्रेस के कद्दावर नेता हैं और वो कांग्रेस की रीति, नीति से लेकर हाई कमान अप्रसन्नता तक सबकुछ भली भांति समझते हैं।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि उन्होंने हाई कमान के संदेश को ठीक से समझा और मंगलवार को कुछ न्यूज चैनल्स पर अपने भाषण को उलटते हुए सुनाई दिए।
इस बार उन्होंने वे कह रहे थे, ‘अर्थ लगाना कोई गलत नहीं, लेकिन अनर्थ जैसा कोई अर्थ नहीं लगाना चाहिए। अभी भी मैं अपने बयान पर कायम हूं कि दीपक बैज हमारे प्रदेश अध्यक्ष हैं। उनकी और डॉ. चरणदास महंत की अगुआई में छत्तीसगढ़ में पूरी ताकत से भाजपा और उसकी सरकार से लड़ रही है।’
पूर्व मंत्री ने कहा, ‘भूपेश बघेल के जन्मदिन के दिन मैं उन्हें शुभकामनाएं देने गया था। ऐसे में शुभकामनाओं में मैं क्या कहता। हम लोग कलेक्टिव लीडरशिप में काम कर रहे हैं। दीपक बैज और चरणदास महंत के नेतृत्व में हम लोग भाजपा की सरकार से लड़ रहे हैं।’
उन्होंने कहा, ‘प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज को पूरे प्रदेश के कांग्रेसियों का समर्थन है। वे भाजपा सरकार के खिलाफ मजबूती से लड़ाई लड़ रहे हैं।’
रविंद्र चौबे का पहले भूपेश बघेल को छत्तीसगढ़ का नेतृत्व सौंपने का बयान देना और फिर उससे पलट जाना, यह बताता है कि छत्तीसगढ़ कांग्रेस में दरअसल चल क्या रहा है।
कुछ अर्सा पहले अचानक प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज को बदले जाने का हल्ला हुआ था। यह ऐन लोकसभा चुनाव के दौरान हुआ था। पार्टी की राजनीति के प्रेक्षक कहते हैं कि इस हल्ले का कार्यकर्ताओं में विपरीत असर हुआ था।
इस हल्ले के बाद नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की एक चिट्ठी से दीपक बैज को संजीवनी मिली थी। लेकिन, चिट्ठी आने में करीब सालभर लग गया था। और इस बार रविंद्र चौबे का बयान दीपक बैज के खिलाफ किसी अटकल की शक्ल लेता, उससे पहले महज दो दिनों में हाई कमान एक्शन में आया और रविंद्र चौबे जैसे दिग्गज नेता को कैमरे पर आकर अपना बयान उलटना पड़ा।
खबर तो यह है कि भूपेश बघेल के जन्मदिन पर रविंद्र चौबे के उत्साही बयान के बाद छत्तीसगढ़ कांग्रेस के बाकी दिग्गज नेताओं ने अपनी अप्रसन्नता दिल्ली तक तत्काल ही पहुंचा दी थी।
यह भी पढ़ें : भूपेश को नेतृत्व देने के चौबे के बयान से खलबली, बैज बोले – बहुत ज्ञानी हैं, TS बोले – दोनों के अच्छे संबंध हैं