नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर सामाजिक चिंतकों और कार्यकर्ताओं के एक समूह ने पूर्व न्यायमूर्ति बी सुदर्शन रेड्डी के समर्थन में अपील जारी की है। अंतरआत्मा की आवाज को सुनते हुए जारी इस अपील में पूर्व सांसदों, पूर्व विधायकों, समाजिक कार्यकर्ताओं सहित पूर्व जजों के नाम हैं।
अपील में कहा गया है कि भारत का संविधान स्वतंत्रता आंदोलन से प्रेरित एक सपना है, लेकिन सत्ता की खोज में कुछ राजनीतिक नेतृत्व द्वारा सांप्रदायिक नफरत और जातीय हिंसा को बढ़ावा दिया जा रहा है। इससे लोकतंत्र, स्वतंत्रता, न्याय, धर्मनिरपेक्षता और समाजवाद जैसी मूल्यों की रक्षा कमजोर हो रही है। अपीलकर्ताओं का मानना है कि राष्ट्र को सक्षम नेतृत्व की जरूरत है ताकि संवैधानिक मूल्यों को मजबूत किया जा सके।

पूर्व न्यायमूर्ति बी सुदर्शन रेड्डी को भारत की सर्वोत्तम परंपराओं का प्रतिनिधि बताते हुए अपील में कहा गया है कि वे साम्राज्यवाद, उपनिवेशवाद और जनता के शोषण के खिलाफ संघर्ष में न्यायपूर्ण, निष्पक्ष, धर्मनिरपेक्ष और मानवीय दृष्टिकोण रखते हैं। वे प्रकृति के योगदान, अधिकारों, समानता और न्याय के लिए प्रेरणा स्रोत हैं।
पूर्व मंत्री माता प्रसाद पांडेय, पूर्व सांसद शिवानंद तिवारी, गुजरात से पूर्व विधायक चोतु बसावा, पूर्व सांसद व समाजिक चिंतक डॉ सुनीलम, पूर्व कुलपति रूपरेखा वर्मा, न्यायमूर्ति अभय थिप्से, न्यायमूर्ति कोलसे पाटिल, प्रोफेसर राजकुमार जैन, प्रोफेसर अनंद कुमार, मेधा पाटकर, लिंगराज सहित 126 गणमान्य लोगों ने राजनीतिक दलों से समर्थन की अपेक्षा की है।
लखनऊ पहुंचे रेड्डी, बोले-लोहिया जी से बहुत कुछ सीखा
इंडिया गठबंधन के उपराष्ट्रपति पद के प्रत्याशी बी. सुदर्शन रेड्डी आज लखनऊ पहुंचे। जहां ताज होटल में रेड्डी ने इंडिया गठबंधन के सांसदों के साथ एक बैठक की। इससे पहले कांग्रेस प्रदेश कार्यालय में इंडिया ब्लॉक के नेताओं से उन्होंने मुलाकात की।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि हमें विश्वास है कि जो लोग न्याय के पक्ष में हैं, वे अपने विवेक से हमारे पक्ष में मतदान करेंगे। यह जीत-हार का सवाल नहीं, बल्कि सिद्धांतों की लड़ाई है। मुझे भरोसा है कि जब वोट अंतरात्मा की आवाज पर डाले जाएंगे, तो हमारे प्रत्याशी ऐतिहासिक मतों से विजयी होंगे।
बी. सुदर्शन रेड्डी ने कहा, “मैंने लोहिया जी और नेता जी के साथ रहकर बहुत कुछ सीखा। हालांकि, हिंदी में भाषण देना मेरे लिए अभी भी चुनौती है, लेकिन मैं निरंतर प्रयास कर रहा हूं और यह कोशिश जारी रहेगी। विपक्षी दलों ने मुझ पर भरोसा जताकर मुझे उम्मीदवार बनाया, जिसके लिए मैं उनका बहुत आभारी हूं। मुझे पता है कि इंडिया गठबंधन के साथ-साथ कुछ अन्य लोग भी हमारा समर्थन करने के लिए आगे आ रहे हैं।”
यह भी देखें : अमित शाह की जस्टिस सुदर्शन रेड्डी पर टिप्पणी के खिलाफ पूर्व न्यायाधीशों का समर्थन