[
The Lens
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Latest News
बिहार में एक और हत्या, इस बार कबाड़ कारोबारी को मारी गोली
25 को दिल्ली में कांग्रेस के पिछड़े वर्ग के नेताओं का जमावड़ा
फिल्म समीक्षक अजीत राय का निधन
चंद्रचूड़, आरिफ, हरिवंश, मनोज या फिर नीतीश कौन बनेगा अगला उपराष्ट्रपति
आंध्र प्रदेश शराब घोटाले की चार्जशीट में चौंकाने वाला दावा, हर महीने ₹60 करोड़ की रिश्वत जगन तक पहुंची
जस्टिस वर्मा की सुनवाई से CJI ने खुद को क्यों किया अलग?
जिन्दल स्टील एंड पावर लिमिटेड का नाम बदला, अब होगा जिन्दल स्टील लिमिटेड
हसदेव अरण्य में काटे गए पेड़ों के बदले पेड़ क्या दूसरे राज्य में लगा रहे: सुप्रीम कोर्ट
जानिए ऐसे कौन से देश का गाजियाबाद में खुल गया दूतावास, जो अस्तित्व में है ही नहीं
छेड़छाड़ और अपहरण के आरोपी को हरियाणा सरकार ने बना दिया लॉ ऑफिसर
Font ResizerAa
The LensThe Lens
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
  • वीडियो
Search
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Follow US
© 2025 Rushvi Media LLP. All Rights Reserved.

Home » 100 साल पहले डॉलर के मुकाबले कहां था रुपया..?

अर्थ

100 साल पहले डॉलर के मुकाबले कहां था रुपया..?

The Lens Desk
Last updated: April 13, 2025 1:59 pm
The Lens Desk
Share
dollar vs rupee
SHARE

dollar vs rupee: बिजनेस डेस्‍क। मौजूदा समय में डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल कमजोर भले ही दिखाई दे रही हो लेकिन 100 साल पहले 1925 में यह तस्‍वीर बिल्‍कुल अलग थी। ब्रिटिश काल में जब भारत की अमेरिका के साथ ट्रेड रेगुलटरी नहीं थी। कुछ मीडिया रिपोर्ट और इंटरनेट पर मौजूद जानकारियों के अनुसार तब एक डॉलर की कीमत 2.76 रुपये थी। उस समय रुपये और डॉलर की तुलना भी नहीं थी। ब्रिटिश राज्य के अधीन ब्रिटिश पाउंड की वैल्यू अधिक हुआ करती थी। आज के समय में डॉलर के मुकाबले रुपये ने 87 का स्‍तर छू लिया है। आजादी के बाद से रुपये में आ रही कमजोरी की मुख्‍य वजह मुद्रास्फीति, आर्थिक नीतियां और वैश्विक कारक हैं।

खबर में खास
dollar vs rupee: आजादी के बाद की चुनौतियां1991 का आर्थिक संकटआजादी के बाद डॉलर के मुकाबले रुपये की चालdollar vs rupee: 2000 के बाद वैश्विक प्रभाव

dollar vs rupee: आजादी के बाद की चुनौतियां

1947 में आजाद भारत में 1 डॉलर = 1 रुपया था। लेकिन भारत ने विकासशील अर्थव्यवस्था के कारण विदेशी ऋण लेना शुरू किया और 1950-60 के दशक में भारत ने औद्योगिकीकरण की नीति अपनाई, जिससे विदेशी मुद्रा भंडार पर दबाव बढ़ा। 1966 में भारत सरकार ने रुपये का पहला बड़ा अवमूल्यन किया।

यह अवमूल्‍यन इसलिए किया गया क्‍योंकि अमेरिकी आर्थिक सहायता मिलनी बंद हो गई थी और भारत पर अपनी अर्थव्यवस्था को उदार बनाने का दबाव था। इस फैसले के बाद रुपये की कीमत अचानक ₹4.76 से गिरकर ₹7.50 प्रति डॉलर हो गई। हालांकि इससे पहले 1962 में चीन और 1965 में पाकिस्‍तान के साथ युद्ध के कारण भारत की अर्थ व्‍यवस्‍था दबाव झेल चुकी थी।

28 फरवरी, 1966 को अपने बजट भाषण में तत्कालीन केंद्रीय वित्त मंत्री सचींद्र चौधरी ने कहा, ‘दुनिया के सर्वोत्तम भावना वाला देश होने और भरपूर प्रयासों के दम पर हम खुद में क्षमतावान हैं। अब हम निकट भविष्य में विदेशी मदद पर निर्भर नहीं करेंगे।’

1991 का आर्थिक संकट

dollar vs rupee: 1991 में भारत को गंभीर आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा। विदेशी मुद्रा भंडार खत्म होने की कगार पर था। राजकोषीय घाटा 8% और चालू खाता घाटा 2.5% तक पहुंच चुका था। इस स्थिति में विदेशी निवेशकों का भारत पर से भरोसा कमजोर होने लगा।

तत्कालीन वित्‍तमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने तत्काल प्रभाव वाले निर्णय लिए, भारतीय रिजर्व बैंक ने 67 टन सोना गिरवी रखकर लगभग 60 करोड़ डॉलर जुटाए साथ ही, रुपये का 20% अवमूल्यन किया गया। इस फैसले के बाद रुपये की कीमत ₹17.90 प्रति डॉलर तक गिर गई।

1991 के बजट भाषण में वित्‍तमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने देश को याद दिलाया कि हमारे पास सिर्फ 15 दिनों का विदेशी मुद्रा कोष रिजर्व है। यह समय गंवाने का वक्‍त नहीं है, न तो इकोनॉमी और न ही सरकार साल दर साल अपने साधानों से अलग इतर जाकर अपना वजूद कायम रख सकती है।

आजादी के बाद डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल

साल 1947 में ₹1
साल 1966 में ₹7.50
साल 1980 में ₹8.00
साल 1991 में ₹17.90
साल 2000 में ₹45.00
साल 2010 में ₹45-50
साल 2020 में ₹75-80
साल 2024 में ₹83 (लगभग)

dollar vs rupee: 2000 के बाद वैश्विक प्रभाव

2000 के दशक में भारत में आर्थिक सुधार हुए लेकिन डॉलर की तुलना में रुपया कमजोर ही होता गया। वैश्विक बाज़ार में कच्चे तेल की कीमतें बढ़ीं, जिससे भारत के व्यापार घाटे में इजाफा हुआ। 2010 में 1 रुपया = 45 डॉलर और 2020 के बाद 1 रुपया = 75-80 डॉलर तक पहुंच गया।

TAGGED:Business NewsDollarEconomy of IndiaIndian rupee
Share This Article
Email Copy Link Print
Previous Article शिवाजी के इन गुणों को आत्मसात कर लें प्रेरणा
Next Article Freedom or chaos

Your Trusted Source for Accurate and Timely Updates!

Our commitment to accuracy, impartiality, and delivering breaking news as it happens has earned us the trust of a vast audience. Stay ahead with real-time updates on the latest events, trends.
FacebookLike
XFollow
InstagramFollow
LinkedInFollow
MediumFollow
QuoraFollow

Popular Posts

जम्मू-कश्मीर में आतंक के खिलाफ कड़ा एक्शन, 6 आतंकियों के घर जमींदोज

लेंस नेशनल ब्यूरो। श्रीनगर जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में (JK TERROR ATTACK) हुए दिल दहलाने वाले…

By Lens News Network

विदेश मंत्री का चौंकाने वाला बयान- पाकिस्तान को पहले ही दे दी थी सूचना, आतंकी ठिकानों पर होगी कार्रवाई

नेशनल ब्यूरो/नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने यह दावा करके चौंका दिया है कि…

By Lens News Network

केदारनाथ में लैंडस्लाइड, छत्तीसगढ़ से युवक समेत 2 की मौत, 4 गंभीर रूप से घायल

रायपुर। उत्तराखंड के केदारनाथ धाम की यात्रा पर निकले छत्तीसगढ़ के तीर्थयात्रियों का वाहन लैंडस्लाइड…

By Lens News

You Might Also Like

Trump Tariffs
अर्थ

जानिए, रसोई से लेकर दवाओं तक कितना पड़ेगा रेसीप्रोकल टेरिफ का असर  

By Amandeep Singh
अर्थ

शेयर बाजार में ब्‍लड बाथ : 85 लाख करोड़ रुपये डूबे, आईटी सेक्‍टर औंधे मुंह गिरा

By The Lens Desk
अर्थ

शेयर बाजार : इस साल अब तक 3.4% से ज्यादा की गिरावट, रुपया 1.5 फीसदी कमजोर

By The Lens Desk
GOLD PRICE:
अर्थ

सोने-चांदी की कीमतों में उछाल, निवेशकों की बढ़ी दिलचस्पी

By Amandeep Singh
Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?