रायपुर। छत्तीसगढ़ कैबिनेट विस्तार के बाद एक तरफ जहां भाजपा के भीतर अंतर्कलह की बात सामने आ रही है तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस ने 14 मंत्रियों की कैबिनेट को ही अवैध बता दिया है। इतना ही नहीं कांग्रेस अध्यक्ष ने यहां तक कह दिया कि मंत्री बनाना मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है, लेकिन नए तीनों मंत्रियों में से कोई भी मंत्री मुख्यमंत्री की पसंद का नहीं है।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कैबिनेट विस्तार के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस ली और 14 मंत्रियों की नियुक्ति को अवैध बताया। भूपेश बघेल ने कहा कि 14 मंत्री बनाने के लिए भारत सरकार से इसकी अनुमति ली गई है या नहीं। अगर अनुमति ली गई है तो उसे सार्वजनिक करना चाहिए। अगर अनुमति नहीं मिली है तो मंत्रियों की नियुक्ति अवैधानिक है। हमारी सरकार में भी 14 मंत्री बनाने की अनुमति मांगी गई थी, लेकिन अनुमति नहीं मिली। इतना ही नहीं विधानसभा में शासकीय संकल्प भी पारित किया गया था। हमारे वक्त केंद्र सरकार ने जवाब ही नहीं दिया था। क्या अब अनुमति दे दी गई है। हमने तो 15 फीसदी की जगह 20 फीसदी विधायकों को मंत्री बनाने का प्रस्ताव रखा था।
मंत्रिमंडल विस्तार में वरिष्ठ विधायकों को मौका नहीं देने के भाजपा के फैसले पर भूपेश बघेल ने बयान दिया कि अगर वरिष्ठ नेताओं में थोड़ा भी आत्मसम्मान हो तो सारे नेता आगे बढ़ें। पार्टी के भीतर और पार्टी के बाहर लड़ाई लड़ें। आत्मसम्मान से बड़ी कोई चीज नहीं होती है।
दूसरी तरफ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि साय मंत्रिमंडल का अंततः विस्तार हो गया, तीन नये मंत्री बनाये गये है। तीनों नये मंत्रियों को मैं बधाई और शुभकामनायें देता हूं। किसे मंत्री बनाना है यह मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार होता है। लेकिन छत्तीसगढ़ में ऐसा नहीं हुआ, बनाये गये तीनों मंत्रियों में से कोई भी मुख्यमंत्री का पसंद का नहीं है। बिना नाम लिए उन्होंने कहा कि एक मंत्री अडानी की पसंद पर बनाये गये या अडानी के दबाव पर बनाये गये। एक मंत्री संघ की पसंद पर बनाये गये। उनके पिता संघ के बड़े पदाधिकारी रह चुके हैं। एक मंत्री विधानसभा चुनाव के समय की गयी राजनैतिक सौदेबाजी की वजह से बने हैं। कुल मिलाकर साय मंत्रिमंडल के विस्तार में साय जी की ही नहीं चली।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि जो विधायक विधानसभा में बेहतरीन परफार्मेंस करते हैं, जो राजनीति में सक्रीय हैं, शारीरिक रूप से मजबूत है, उन अनुभवी विधायकों को भी दरकिनार कर दिया गया। मंत्रिमंडल के विस्तार के बाद भाजपा में अंर्तकलह और अधिक बढ़ने वाला है। यह भी तय है कि इसी अंर्तकलह के यह सरकार अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पायेगी। कभी भी वरिष्ठ विधायक बगावत करेंगे।
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