लेंस डेस्क। जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में 17 अगस्त रविवार को तड़के भारी बारिश के बीच बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं ने भारी तबाही मचाई है। जोध घाटी और जंगलोट इलाकों में हुई इस आपदा में 7 लोगों की जान चली गई, जबकि कई अन्य घायल हो गए। जोध घाटी में 5 और जंगलोट में 2 लोगों की मौत हुई है। इसके अलावा, बागड़-चांगड़ा और दिलवान-हुतली में भी भूस्खलन की खबरें हैं। CLOUD BURST IN INDIA
जोध घाटी गांव का शहर से संपर्क टूट गया है क्योंकि भूस्खलन और मलबे ने रास्तों को अवरुद्ध कर दिया है। कई घरों में पानी और मलबा भर गया, जिससे भारी नुकसान हुआ है। राहत और बचाव कार्य तेजी से चल रहे हैं। पुलिस, एसडीआरएफ (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल) और स्थानीय लोग मिलकर फंसे हुए लोगों को बचाने में जुटे हैं। घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।कठुआ के डिप्टी एसपी राजेश शर्मा ने मीडिया को बताया कि भूस्खलन से 2-3 घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं और 6 लोग अभी भी फंसे हो सकते हैं। जांगलोट और नेशनल हाईवे पर कई जगह सड़कें टूट गई हैं और रेलवे ट्रैक भी प्रभावित हुआ है। उझ नदी का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है, जिसके चलते प्रशासन ने लोगों से नदियों और जलाशयों से दूर रहने की सलाह दी है।
हिमाचल प्रदेश में भी मची तबाही
हिमाचल प्रदेश में मानसून की बारिश ने कहर बरपाया है। आज रविवार सुबह करीब 4 बजे कुल्लू के टकोली और पनारसा, नगवाई इलाकों में बादल फटने से भारी नुकसान हुआ है। फ्लैश फ्लड के बाद सड़कों और घरों में मलबा फैल गया, जिससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए गए हैं।
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस आपदा में जान गंवाने वालों के प्रति गहरी संवेदना जताई है। उन्होंने प्रशासन को तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू करने के निर्देश दिए हैं। सीएम ने घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करते हुए प्रभावित परिवारों को हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया है। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने भी इस त्रासदी पर दुख जताया और बताया कि नागरिक प्रशासन, सेना, और अर्धसैनिक बल कठुआ में राहत कार्यों में जुटे हैं। उन्होंने एसएसपी कठुआ से बात कर स्थिति का जायजा लिया। उपराज्यपाल कार्यालय ने भी इस आपदा को हृदयविदारक बताया और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को सेना, एनडीआरएफ, और पुलिस द्वारा किए जा रहे बचाव कार्यों की जानकारी दी।
जिला प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे जलाशयों और नदियों से दूर रहें और सुरक्षित स्थानों पर रहें। भारी बारिश और भूस्खलन के खतरे को देखते हुए स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है।