कोलकाता। 1946 के कलकत्ता दंगों और नोआखाली नरसंहार पर आधारित फिल्म ‘The Bengal Files’ का ट्रेलर सिनेमा घरों में लॉन्च नहीं हो पाया। वजह रही कि लॉन्च इवेंट को आखिरी समय पर रद्द दिया गया। फिल्म के डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री इसके पीछे ममता बनर्जी सरकार को वजह मानते हैं। हालांकि यूटूयूब पर ट्रेलर लॉन्च कर दिया गया है। ट्रेलर में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण पर आधारित डॉयलॉग्स हैं। इस 3 मिनट 32 सेकंड के ट्रेलर में खूनी मंजर और दंगों के भयावह दृश्य दिखाए गए हैं। इससे पहले विवेक अग्निहोत्री ने The Kashmir Files भी इसी तरह के विवादों में घिर चुकी है।
विवाद की शुरुआत तब हुई जब कोलकाता के एक प्रमुख मल्टीप्लेक्स में ट्रेलर लॉन्च इवेंट को आखिरी समय पर रद्द कर दिया गया। विवेक का आरोप है कि राज्य पुलिस ने राजनीतिक दबाव में यह कदम उठाया, जिससे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर सवाल उठ रहे हैं। उन्होंने इसे ‘तानाशाही’ करार दिया और कहा कि अगर यह तानाशाही नहीं है, तो क्या है? विवेक ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि वह चुप नहीं रहेंगे और सच्चाई को दुनिया के सामने लाकर रहेंगे। उन्होंने खुद को ‘बंगाली’ बताते हुए कहा कि वह किसी से कम बंगाली नहीं हैं और फिल्म बंगाल की भूली हुई सच्चाई को सामने लाने का माध्यम है।
विरोध करने वाले मुख्य रूप से तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) से जुड़े नेता हैं। टीएमसी नेता कुणाल घोष ने विवेक पर बीजेपी का एजेंडा आगे बढ़ाने का आरोप लगाया। घोष का कहना है कि फिल्म लोगों को बांटने का काम कर रही है और यह महज एक ड्रामा है, जो राजनीतिक फायदे के लिए बनाया गया है। उन्होंने फिल्म को ‘प्रोपगैंडा’ बताते हुए कहा कि ऐसे प्रयास बंगाल की एकता को तोड़ने की कोशिश हैं। राज्य सरकार की ओर से भी इवेंट पर रोक लगाने को सुरक्षा कारणों से जोड़ा जा रहा है, लेकिन विपक्षी दल इसे अभिव्यक्ति पर हमला बता रहे हैं।
ट्रेलर लॉन्च के दौरान हंगामा तब और बढ़ गया जब फिल्म की अभिनेत्री पल्लवी जोशी (विवेक की पत्नी) ने राज्य सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि ऐसा विरोध तो कश्मीर में भी नहीं हुआ था, क्या अब कश्मीर बंगाल से बेहतर हो गया है? पल्लवी ने इसे अभिव्यक्ति की आजादी पर पाबंदी बताया है।