नई दिल्ली। स्वतंत्रता दिवस पर दिए गए अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र का जिक्र किया। गौरतलब है कि गृह मंत्री अमित शाह ने कई अवसरों पर बस्तर को 2026 तक नक्सलवाद से मुक्त करने का संकल्प दोहरा चुके है।
बस्तर और कोंडागांव को हाल में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने वामपंथी चरमपंथ से प्रभावित जिलों की सूची से बाहर कर दिया है। माओवादी नेता बसवराजू और 27 अन्य माओवादियों की मुठभेड़ में मौत के कुछ दिनों बाद ही यह फैसला लिया गया। बस्तर कम से कम 25 साल से इस सूची में शामिल रहा था।
लाल किले से अपने भाषण में प्रधानमंत्री ने नक्सलवाद पर सरकार की कामयाबी का हवाला देते हुए बताया कि पहले यह समस्या 125 जिलों तक फैली हुई थी, लेकिन अब यह केवल 20 जिलों तक सिमट गई है। उन्होंने बस्तर का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां, जो कभी माओवाद से ग्रस्त था, अब युवा ओलंपिक जैसे खेलों में हिस्सा ले रहे हैं। जो इलाके पहले रेड कारीडोर के नाम से जाने जाते थे, वे अब ग्रीन कॉरिडोर में बदल रहे हैं। प्रधानमंत्री ने दावा किया कि सरकार ने उन जगहों पर संविधान, कानून और विकास का तिरंगा लहराया है, जहां नक्सलवादियों ने लाल रंग फैला रखा था।
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