[
The Lens
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Latest News
कौन सा राज्‍य जला रहा है सबसे अधिक पराली? सरकारी रिपोर्ट में हुआ ये खुलासा
श्रम कानून के खिलाफ ट्रेड यूनियनों का कल देशभर में प्रदर्शन
भूपेश बघेल ने चुनाव आयोग को बताया ‘केचुआ’, कहा – पहली बार देखा केचुआ की वजह से किसी की मौत हुई
SIR के खिलाफ ममता की हुंकार- ‘मेरे साथ खेलने की कोशिश मत करना, तुम हार जाओगे’
सर्वधर्म स्थल में प्रवेश करने से इंकार करने वाले सैन्य अधिकारी की बर्खास्तगी बरकरार
आरक्षण पर आईएएस संतोष वर्मा ने ऐसा क्‍या कह दिया कि ब्राह्मण समाज को नागवार गुजरा?
अयोध्‍या: पीएम मोदी ने राम मंदिर पर फहराई धर्म ध्‍वजा, बताया- भारतीय सभ्यता के पुनर्जन्म का प्रतीक
सुप्रीम कोर्ट ने अमित बघेल की अग्रिम जमानत याचिका और देशभर की FIR क्लबिंग की याचिका की खारिज
जस्टिस नागरत्ना की असहमति में दम होता तो अन्य जज भी उसे स्वीकारते, बोले पूर्व सीजेआई
प्रदूषण के खिलाफ प्रदर्शन में हिड़मा के नारों पर साइंटिस्ट्स फॉर सोसाइटी की सफाई
Font ResizerAa
The LensThe Lens
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
  • वीडियो
Search
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Follow US
© 2025 Rushvi Media LLP. All Rights Reserved.
लेंस संपादकीय

अमीर धरती के बेबस लोग

Editorial Board
Editorial Board
Published: August 14, 2025 8:42 PM
Last updated: August 15, 2025 3:18 AM
Share
SHARE

देश जब आजादी की 78 वीं वर्षगांठ मना रहा है, द लेंस ने छत्तीसगढ़ के एक ऐसे इलाके से सबसे वंचित माने जाने वाले आदिवासियों का हाल जानने की कोशिश की जहां की धरती के गर्भ में एलेक्जेंड्राइट, प्लेटिनम और हीरा जैसे कीमती रत्न दफन हैं। राज्य की राजधानी रायपुर से महज डेढ सौ किलोमीटर दूर ओडिशा से सटे गरियाबंद जिले के देवभोग इलाके में अविभाजित मध्य प्रदेश के समय से ही हीरे की खदानों के बारे में पता चला था और उसके खनन के लिए औपचारिकताएं भी शुरू कर दी गई थीं। याद किया जा सकता है कि राज्य के मौजूदा मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने एक सांसद के रूप में 2004 में छत्तीसगढ़ में हीरा, बॉक्साइट और सोना की खदानों के बारे में पूछा था और उसके जवाब में तत्कालीन कोयला और खदान मंत्री दसई राजू ने बताया था कि गरियाबंद के मैनपुर सहित, सरायपाली, बस्तर के तोकापाल, कांकेर, सांरगढ़ और रायगढ़ में हीरा खदानों का पता लगाने के लिए सर्वे किया गया था। वैसे यहां हीरा खनन का मामला एक दशक से भी लंबे समय से हाई कोर्ट में लंबित है, लेकिन इस इलाके से अवैध खनन की खबरें आती रही हैं। जाहिर है, देर सबेर यहां हीरे का खनन शुरू हो ही जाएगा, लेकिन द लेंस की टीम ने जो देखा वह यह बताने के लिए काफी है कि इस रत्नगर्भा धरती तक आजादी की रोशनी अभी ठीक से नहीं पड़ी है और यह इलाका हीरे की चमक से अभी कोसों दूर है। वास्तव में गरियाबंद का यह इलाका देश के उन हिस्सों से अलग नही है, जहां खदानों या विकास परियोजनाओं के कारण स्थानीय लोगों और आदिवासियों को अपनी जमीन से बेदखल होना पड़ा है या जिसकी सर्वाधिक कीमत चुकानी पड़ती है। यह कहानी मध्य प्रदेश के सिंगरौली से लेकर छत्तीसगढ़ के ही हसदेव अरण्य तक दोहराई जा रही है, जहां कोयला खदानों के लिए जंगलों के सफाए का सरकारी अनुष्ठान चल रहा है। हैरानी इस बात की है कि कई दशक पहले इस इलाके की शिनाख्त कीमती खदानों वाली धरती के रूप में हो चुकी है, लेकिन न तो केंद्र और न ही राज्य की किसी सरकार ने इस क्षेत्र के लोगों तक बुनियादी सुविधाएं पहुंचाने की ठोस पहल की। गरियाबंद जिले के इस इलाके के लोग किस हाल में रह रहे हैं, उसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इसी इलाके में के दो गांवों धवलपुर और जरनडीह के लोगों को आवाजाही करने के लिए बरसात में उफनते बाकड़ी पैरा नाला को पार करना पड़ता है और उनके पास कोई और साधन भी नहीं है। घर-घर नल और हर घर तक बिजली पहुंचाने के दावों को परखना हो, तो यहां के गांवों में अदम गोंडवी के शब्दों में इसे पऱखा जा सकता है, तुम्हारी फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है, मगर ये आंकड़े झूठे हैं, ये दावा किताबी है!

TAGGED:Editorial
Previous Article A gloomy eve
Next Article Dhan Kharidi भारत का विभाजन इतिहास की एक गहरी पीड़ा : CM साय
Lens poster

Popular Posts

5 माह से फरार सूदखोर रूबी तोमर का पुलिस ने निकाला जुलूस, लगड़ाते चलते दिखाई दिया करणी सेना का पूर्व अध्यक्ष

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के तेलीबांधा और पुरानी बस्ती में मारपीट, अवैध संपत्ति, आर्म्स…

By दानिश अनवर

अमरनाथ यात्रा पर तैनात 1200 बीएसएफ जवानों ने ‘गंदी और जर्जर’ ट्रेन में चढ़ने से किया इनकार, देखें वीडियाे

नेशनल ब्यूरो। नई दिल्ली आगामी अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा के लिए तैनात लगभग 1200 बीएसएफ…

By Lens News Network

एयर इंडिया की दो उड़ानों की इमरजेंसी लैंडिंग, एक ड्रीमलाइनर

नेशनल ब्यूरो,नई दिल्ली। पिछले 48 घंटे के दौरान देश के अलग अलग एयरपोर्ट पर दो…

By Lens News Network

You Might Also Like

PM Modi addressed:
लेंस संपादकीय

आतंकवाद के खिलाफ दो टूक

By Editorial Board
Protest Against Labor Code
लेंस संपादकीय

नई श्रम संहिताएं : व्यापक सहमति के बिना

By Editorial Board
CG NUN ARREST CASE
लेंस संपादकीय

धर्म के नाम पर

By Editorial Board
Pahalgam terror attack
लेंस संपादकीय

जम्मू-कश्मीर एसेंबली से निकला संदेश

By Editorial Board

© 2025 Rushvi Media LLP. 

Facebook X-twitter Youtube Instagram
  • The Lens.in के बारे में
  • The Lens.in से संपर्क करें
  • Support Us
Lens White Logo
Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?