लेंस डेस्क। पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर के बाद वहां के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी भारत को धमकी दी है। उन्होंने सिंधु जल संधि को रद्द करने की स्थिति में भारत को गंभीर परिणामों की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि भारत को पाकिस्तान के हिस्से का एक बूंद पानी भी लेने नहीं दिया जाएगा।
मंगलवार को एक कार्यक्रम में शरीफ ने भारत पर जल संसाधनों का हथियार के रूप में इस्तेमाल करने और 1960 की जल संधि को कमजोर करने का आरोप लगाया। यह बयान भारत द्वारा पहलगाम में हुए एक आतंकी हमले के बाद संधि को निलंबित करने के फैसले के जवाब में आया, जिसे भारत ने पाकिस्तान प्रायोजित आतंकी संगठन टीआरएफ से जोड़ा था।
शरीफ ने कहा, “हम भारत को अपने हिस्से का पानी छूने नहीं देंगे। अगर भारत ने ऐसा किया, तो उसे सबक सिखाया जाएगा। भारत को वादा करना होगा कि वह पाकिस्तान के पानी को कभी नहीं छुएगा।” उन्होंने इस संधि को पाकिस्तान के लिए अस्तित्व का सवाल बताया।
लगातार धमकी दे रहा पाकिस्तान
यह बयान इस्लामाबाद की ओर से तीन दिन में चौथी बड़ी धमकी है। इससे पहले सेना प्रमुख असीम मुनीर, पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी और रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ भी भारत को चेतावनी दे चुके हैं।
असीम मुनीर ने रविवार को अमेरिका के फ्लोरिडा में एक डिनर के दौरान भारत को परमाणु हमले की चेतावनी दी। उन्होंने कहा, “हम परमाणु शक्ति संपन्न देश हैं। अगर हमें लगा कि हम हार रहे हैं, तो हम आधे विश्व को अपने साथ ले जाएंगे।” मुनीर ने भारत द्वारा संधि रद्द करने को 25 करोड़ पाकिस्तानियों के लिए खतरा बताया और सिंधु नदी पर बनने वाले किसी भी भारतीय बांध को “10 मिसाइलों” से नष्ट करने की धमकी दी। उन्होंने कहा, “सिंधु नदी भारत की निजी संपत्ति नहीं है। हमारे पास मिसाइलों की कमी नहीं है।”
सोमवार को नेशनल असेंबली में बिलावल भुट्टो जरदारी ने भारत के संधि निलंबन को “गैरकानूनी और उकसावे वाला” करार दिया। उन्होंने कहा कि संधि में ऐसी कार्रवाई का कोई प्रावधान नहीं है। बिलावल ने भारत को चेताया, “या तो पानी का बराबर बंटवारा करो, या हम सभी छह नदियों का पानी लेंगे।” उन्होंने इस कदम को संयुक्त राष्ट्र चार्टर के तहत आक्रामकता माना और कहा कि यह दोनों परमाणु शक्ति संपन्न देशों को युद्ध की ओर ले जा सकता है।
बिलावल ने भारत पर आतंकवाद को राजनीतिक हथियार बनाने और वैश्विक मंचों पर पाकिस्तान को कमजोर करने का आरोप लगाया। उन्होंने FATF की ग्रे सूची से पाकिस्तान को हटाने की कोशिशों का जिक्र किया और कहा कि आतंकी घटनाओं पर त्वरित जवाबी कार्रवाई से क्षेत्र में अस्थिरता बढ़ सकती है।