नई दिल्ली। खुदरा महंगाई दर जुलाई में गिरकर 1.55% पर पहुंच गई, जो बीते आठ साल और एक महीने में सबसे कम है। पिछले महीने यानी जून में यह दर 2.1% थी। यह दावा सरकार ने किया है और इसके पीछे खाद्य सामग्री के दामों में कमी का हवाला दिया गया है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, यह पहला मौका है जब जनवरी 2019 के बाद महंगाई 2% से नीचे आई है।
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित महंगाई जून 2025 में 2.1% थी, जबकि जुलाई 2024 में यह 3.6% थी। जुलाई की यह दर जून 2017 के बाद सबसे निचली है, जब यह 1.46% थी।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के मुताबिक, जुलाई में समग्र और खाद्य महंगाई में कमी मुख्य रूप से अनुकूल आधार प्रभाव और दाल, परिवहन, संचार, सब्जियां, अनाज, शिक्षा, अंडे, चीनी और मिठाई जैसे उत्पादों की कीमतों में नरमी के कारण आई। खाद्य महंगाई जुलाई में सालाना आधार पर 1.76% रही।
यह आंकड़ा 12 अगस्त 2025 को जारी किया गया। खाने-पीने की चीजों की कीमतों में लगातार कमी ने इस गिरावट में अहम भूमिका निभाई। ग्रामीण क्षेत्रों में जुलाई में महंगाई 1.18% थी, जो जून में 1.72% थी। शहरी इलाकों में यह 2.56% से घटकर 2.05% हो गई।
प्रमुख राज्यों में केरल में सबसे ज्यादा महंगाई 8.89% दर्ज की गई, इसके बाद जम्मू-कश्मीर में 3.77%, पंजाब में 3.53%, कर्नाटक में 2.73% और महाराष्ट्र में 2.28% रही। परिवहन और संचार की महंगाई जुलाई में घटकर 2.12% हो गई, जो जून में 3.90% थी। वहीं, ईंधन और बिजली की महंगाई जून के 2.55% से थोड़ा बढ़कर 2.67% हो गई।
आरबीआई ने हाल ही में पूरे साल के लिए महंगाई का अनुमान 3.7% से घटाकर 3.1% कर दिया। अब दूसरी तिमाही में औसत महंगाई 2.1%, तीसरी तिमाही में 3.1% और चौथी तिमाही में 4.4% रहने की उम्मीद है।