नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ में दो ननों की गिरफ्तारी (Chhattisgarh arrest case of nuns) पर आज संसद में बवाल मचा हुआ है। इस मामले में कांग्रेस की महासचिव और केरल के वायनाड से सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने संसद परिसर में बुधवार को प्रदर्शन किया। ननों पर आरोप है कि यह छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण और मानव तस्करी के काम में शामिल थीं।
प्रियंका गांधी और केरल के सांसदों ने छत्तीसगढ़ की सरकार से दोनों नन को रिहा करने की मांग की है। इस बीच, लोक लेखा समिति के अध्यक्ष और सांसद केसी वेणुगोपाल ने गृह मंत्री अमित शाह और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को पत्र लिखकर इस घटना की निंदा की। उन्होंने कहा, “असीसी सिस्टर्स ऑफ मैरी इमैक्युलेट (एएसएमआई) की सदस्य नन, तीन युवतियों को उनके माता-पिता की पूर्ण सहमति से रोज़गार के उद्देश्य से अपने साथ ले जा रही थीं, तभी उन्हें निशाना बनाया गया।”
महत्वपूर्ण है कि बजरंग दल के सदस्यों से मिली कथित सूचना के आधार पर, राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) ने शुक्रवार को इलाके में छापा मारा। एक पुलिस अधिकारी ने बताया, “पूछताछ करने पर, महिलाओं ने बताया कि शुरुआत में उन्हें बताया गया था कि उन्हें छत्तीसगढ़ में नौकरी मिलेगी, लेकिन जब वे दुर्ग पहुँचीं, तो उन्हें बताया गया कि नन उन्हें आगरा ले जाने आई हैं।” वेणुगोपाल ने इसे “न्याय की घोर उपेक्षा” और अल्पसंख्यक अधिकारों पर “सीधा हमला” बताया। उन्होंने छत्तीसगढ़ और अन्य भाजपा शासित राज्यों में ईसाई अल्पसंख्यकों पर बढ़ते हमलों पर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने सरकार से संवैधानिक अधिकारों और धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा करने का आग्रह किया। वे अन्य यूडीएफ सांसदों के साथ संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन में भी शामिल रहे, जिसमें ननों की तत्काल रिहाई की मांग की गई है।