[
The Lens
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Latest News
कफ सीरप तस्करी के आरोपी बाहर, अमिताभ ठाकुर सलाखों में
ऑपरेशन सिंदूर के दाग भूल भारत ने की चीनियों की आवाजाही आसान
AIIMS रायपुर को सिंगापुर में मिला ‘सर्वश्रेष्ठ पोस्टर अवॉर्ड’
डीएसपी पर शादी का झांसा देकर ठगी का आरोप लगाने वाले कारोबारी के खिलाफ जारी हुआ गिरफ्तारी वारंट
11,718 करोड़ की लागत से होगी डिजिटल जनगणना, 1 मार्च 2027 को आधी रात से होगी शुरुआत
तेलंगाना पंचायत चुनाव: कांग्रेस समर्थित उम्‍मीदवारों की भारी जीत, जानें BRS और BJP का क्‍या है हाल?
MNREGA हुई अब ‘पूज्य बापू ग्रामीण रोजगार योजना’, जानिए कैबिनेट ने किए और क्‍या बदलाव ?
उत्तर भारत में ठंड का कहर, बर्फबारी और शीतलहर जारी, दिल्ली में ठंड और प्रदूषण की दोहरी मार
इंडिगो क्राइसिस के बाद DGCA ने लिया एक्शन, अपने ही चार इंस्पेक्टर्स को किया बर्खास्त,जानिये क्या थी वजह
ट्रैवल कारोबारी ने इंडिगो की मनमानी की धज्जियां उधेड़ी
Font ResizerAa
The LensThe Lens
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
  • वीडियो
Search
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Follow US
© 2025 Rushvi Media LLP. All Rights Reserved.
अन्‍य राज्‍य

सुप्रीम कोर्ट का बिहार में मतदाता सूची प्रकाशित करने से इनकार, बोला कोर्ट – कोई भी दस्तावेज जाली बनाना संभव

आवेश तिवारी
आवेश तिवारी
Published: July 28, 2025 7:08 PM
Last updated: July 29, 2025 10:36 AM
Share
Election Commission
bihar election list
SHARE

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने सोमवार (28 जुलाई) को भारत के चुनाव आयोग को विशेष गहन पुनरीक्षण के लिए अधिसूचित कार्यक्रम के अनुसार 1 अगस्त को बिहार के लिए मसौदा मतदाता सूची प्रकाशित करने से रोकने से इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने आज विस्तृत सुनवाई नहीं की क्योंकि न्यायमूर्ति कांत को दोपहर में मुख्य न्यायाधीश के साथ एक प्रशासनिक बैठक में भाग लेना था। याचिकाकर्ताओं को मामलों की जल्द से जल्द सुनवाई का आश्वासन देते हुए, न्यायमूर्ति कांत ने वकीलों से कल बहस के लिए आवश्यक अनुमानित समय बताने को कहा। bihar election list

अधिसूचना पर रोक की ADR की गुजारिश

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन ने पीठ से मसौदा सूची की अधिसूचना पर रोक लगाने का आग्रह करते हुए कहा कि इससे लगभग “4.5 करोड़” मतदाताओं को असुविधा होगी। उन्होंने कहा कि मसौदा सूची प्रकाशित होने के बाद, बाहर किए गए लोगों को आपत्तियाँ दर्ज कराने और सूची में नाम शामिल करने के लिए कदम उठाने होंगे। उन्होंने बताया कि 10 जून को रोक लगाने की प्रार्थना नहीं की गई क्योंकि न्यायालय मसौदा प्रकाशन की तिथि से पहले सुनवाई के लिए सहमत हो गया था।
क्या कहा आयोग ने
चुनाव आयोग की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश द्विवेदी ने कहा कि यह केवल एक मसौदा सूची है। न्यायमूर्ति कांत ने कहा कि आखिरकार यह एक मसौदा सूची थी और अगर कोई अवैधता पाई गई तो न्यायालय अंततः पूरी प्रक्रिया को रद्द कर सकता है। इसके बाद शंकरनारायणन ने न्यायमूर्ति कांत से अनुरोध किया कि वे यह टिप्पणी करें कि यह प्रक्रिया “याचिकाओं के परिणाम के अधीन” होगी। न्यायमूर्ति कांत ने कहा कि ऐसी टिप्पणी आवश्यक नहीं थी, जैसा कि समझा गया है।

फर्जी कार्डों पर भी हुई चर्चा

संक्षिप्त सुनवाई के दौरान, याचिकाकर्ताओं ने पीठ को यह भी बताया कि चुनाव आयोग, आधार कार्ड, मतदाता फोटो पहचान पत्र और राशन कार्ड पर विचार करने के सुप्रीम कोर्ट के 10 जुलाई के आदेश के अनुसार दी गई सलाह का उल्लंघन कर रहा है। द्विवेदी ने कहा कि अपने जवाबी हलफनामे में, चुनाव आयोग ने इन दस्तावेजों को लेकर अपनी आपत्तियाँ जताई हैं। उन्होंने आगे कहा कि जहाँ तक राशन कार्डों की बात है, कई फर्जी कार्ड जारी किए गए हैं।

पीठ ने कहा आधार और वोटर आईडी कार्ड पर भी करें विचार

मौखिक रूप से चुनाव आयोग से कहा कि वह कम से कम आधार और ईपीआईसी के वैधानिक दस्तावेजों पर विचार करे। न्यायमूर्ति कांत ने चुनाव आयोग के वकील से मौखिक रूप से कहा, “आधिकारिक दस्तावेजों के साथ सत्यता की धारणा होती है, आप इन दो दस्तावेजों के साथ आगे बढ़ें। आप इन दो दस्तावेजों (आधार और ईपीआईसी) को शामिल करेंगे… जहां भी आपको जालसाजी मिलेगी, वह केस-टू-केस आधार पर होगा। पृथ्वी पर किसी भी दस्तावेज को जाली बनाया जा सकता है” ससे पहले, न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति बागची की अवकाशकालीन पीठ ने मौखिक रूप से टिप्पणी की थी कि नागरिकता का निर्धारण चुनाव आयोग का काम नहीं है और यह केंद्र सरकार का विशेषाधिकार है। पीठ ने चुनाव आयोग से बिहार एसआईआर प्रक्रिया में आधार, मतदाता पहचान पत्र और राशन कार्ड पर भी विचार करने का आग्रह किया

TAGGED:ADRbihar election listLatest_Newssupreme court
Previous Article छत्तीसगढ़ में निशाने पर ईसाई समुदाय
Next Article भारत की दिव्या ने शतरंज की विश्व चैम्पियन बनकर इतिहास रचा
Lens poster

Popular Posts

एयर इंडिया के प्लेन का ब्लैक बॉक्स मिला, अब तक 270 शव मिले, अब हर उड़ान से पहले बोइंग 787 की होगी जांच

लेंस डेस्क। गुरूवार को अहमदाबाद में एयर इंडिया का विमान क्रैश हो गया। इस हादसे…

By Lens News Network

अब झारखंड शराब नीति घोटाले में ED की एंट्री, सोरेन के पूर्व सचिव के साथ टुटेजा, त्रिपाठी और ढेबर से भी करेगी पूछताछ

रायपुर। छत्तीसगढ़ के बाद झारखंड में शराब नीति घोटाले (Jharkhand Liquor Scam) के मामले में…

By दानिश अनवर

बिहार में पीएम मोदी ने विपक्ष को बताया अहंकारी, तेजस्‍वी ने याद दिलाया 11 साल पुराना वादा

मोतिहारी। “कांग्रेस और राजद ने हमेशा गरीबों, दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों के नाम पर केवल…

By अरुण पांडेय

You Might Also Like

EXIT POLL
देश

बिहार विधानसभा का बीता कार्यकाल, जहां एक रात में तय हुए गठबंधन और टूटे भी

By अरुण पांडेय
अन्‍य राज्‍य

तमिलनाडु सरकार बनाम राज्यपाल: सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला

By पूनम ऋतु सेन
Elon Musk's resignation
दुनिया

ट्रंप प्रशासन से एलन मस्‍क का इस्‍तीफा, अब सियासत छोड़ कारोबार पर फोकस

By Lens News Network
RAJA RAGHUWANSHI MURDER CASE
अन्‍य राज्‍य

राजा रघुवंशी हत्याकांड में नया खुलासा, 18 मिनट में 4 कोशिशों के बाद राजा की हत्या

By Lens News

© 2025 Rushvi Media LLP. 

Facebook X-twitter Youtube Instagram
  • The Lens.in के बारे में
  • The Lens.in से संपर्क करें
  • Support Us
Lens White Logo
Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?