26 फरवरी को शिवरात्रि पर होगा विशेष स्नान, वीकेंड पर उमड़ी भीड़ के आगे फिर बौने साबित हुए इंतजाम
प्रयागराज। महाकुंभ जैसे-जैसे समाप्ति की ओर बढ़ रहा है, लोगों की भारी भीड़ उमड़ रही है, जिसका अंदाजा मेला प्रशासन को भी नहीं था। वीकेंड पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण इस वक्त हालात ऐसे हैं कि मेला क्षेत्र के अलावा शहर की सड़कें और राष्ट्रीय राजमार्ग पर ट्रैफिक रेंग रहा है। जगह-जगह बैरिकेड लगाकर वाहनों को रोका जा रहा है।
26 फरवरी को शिवरात्रि के विशेष स्नान को देखते हुए मेला प्रशासन समेत सभी जिम्मेदार विभागों के हाथ-पांव फूल गए हैं। प्रयागराज संगम रेलवे स्टेशन (दारागंज) को 28 फरवरी तक बंद रखने का फैसला लिया है। यदि भीड़ का दबाव बना रहा तो स्टेशन को आगे भी बंद किया जा सकता है। इस संबंध में जिलाधिकारी ने मंडल रेल प्रबंधक को पत्र भेजा है। प्रयागराज डीएम रविंद्र कुमार मांदड़ ने मंडल रेल प्रबंधक से अनुरोध किया है कि भारी भीड़ को देखते हुए और सुगम यातायात के लिए 17 से 28 फरवरी तक दारागंज रेलवे स्टेशन से यात्रियों का आवागमन बंद किया जाना जरूरी है।
इससे पहले माघ पूर्णिमा पर भीड़ के कारण प्रयागराज संगम रेलवे स्टेशन को 9 से 14 फरवरी तक बंद किया गया था। स्टेशन को 14 फरवरी की रात 12 बजे खोलने की योजना थी, लेकिन यात्रियों की भारी भीड़ को देखते हुए इसे बढ़ाक 16 फरवरी की रात 12 बजे तक के लिए बंद रखा गया था।
महाकुंभ में भगदड़ की घटनाओं से सबक
प्रयागराज के महाकुंभ में मौनी अमावस्या यानी 29 जनवरी को हुई भगदड़ में सरकारी आंकड़ों के अनुसार 30 लोगों की मौत हो गई थी। यह भगदड़ संगम नोज पर हुई। इसके अलावा मौनी अमावस्या के दिन ही तड़के झूसी इलाके में भगदड़ की खबरें सामने आई थीं। हालांकि, इस हादसे में कितने लोग हताहत हुए थे, इसका ठीक-ठीक आंकड़ा सामने नहीं आया है, क्योंकि मेला प्रशासन और यूपी सरकार के अधिकारियों ने ऐसी किसी भगदड़ से इनकार कर दिया था, लेकिन तमाम मीडिया रिपोर्टों में बड़ी भगदड़ जैसी तस्वीरें सामने आई थीं। कुछ मीडिया रिपोर्टों का दावा है कि मौनी अमावस्या के दिन तीन से अधिक भगदड़ की घटनाएं हुई थीं।
महाकुंभ अब तक आग की पांच घटनाएं
प्रयागराज महाकुंभ में अब तक (17 फरवरी तक) अलग-अलग सेक्टरों में आग लगने की पांच घटनाएं सामने आ चुकी हैं। 15 फरवरी को शाम करीब 6:15 बजे सेक्टर 18 और 19 के बीच लव कुश सेवा मंडल के शिविर में आग लग गई थी। इससे पहले अरैल की ओर सेक्टर-23 में 9 फरवरी की रात आग लग गई थी। इससे दो दिन पहले, 7 फरवरी को सेक्टर-18 में शंकराचार्य मार्ग स्थित एक शिविर में आग लगी थी। 30 जनवरी को सेक्टर-22 में लगी आग में 15 टेंट जलकर खाक हो गए थे। 19 जनवरी को सेक्टर-19 में लगी आग में करीब 18 शिविर जल गए थे।