नई दिल्ली। 15 फरवरी की रात नई दिल्ली रेलवे स्टेशन में हुए भगदड़ से पूरा देश दहल गया है। शनिवार रात को हुए भगदड़ से 18 लोगों की जान चली गई, जबकि 25 से ज्यादा लोग घायल हो गए। जब ये खबर सामने आई तब सभी इस हादसे की तह तक जाने की कोशिश करते रहे। नेताओं-मंत्रियों ने एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति भी चालू कर दी। फिलहाल ताजा जानकारी के अनुसार अधिकारियों की लापरवाही से हादसा होने की बात कही जा रही है।
प्रयागराज के लिए पहली स्पेशल ट्रेन करीब शाम 7 बजे प्लेटफॉर्म नंबर-15 से निकली, इसके बाद रात में एक और प्रयागराज स्पेशल ट्रेन निकलने वाली थी. जिसका प्लेटफॉर्म नंबर-16 पर आना तय किया गया था, लेकिन बाद में अनाउंसमेंट हुआ कि वो प्लेटफॉर्म नंबर-12 पर आ रही है, और फिर क्या, इसके बाद लोग उस प्लेटफॉर्म की ओर भागे और देखते ही देखते भगदड़ मच गई ।
क्या कहता है रेलवे प्रशासन ?
रेलवे प्रशासन ने अपने शुरूआती जांच में कहा है कि जरूरत से ज्यादा भीड़ इस हादसे के लिए जिम्मेदार है। रेलवे ने इस पूरे मामले की जांच के लिए दो सदस्यीय कमेटी बनाई। इसके अलावा हादसे के वक्त ड्यूटी पर तैनात स्टेशन मास्टर से लेकर अनाउंसर तक सभी को सस्पेंड कर दिया गया है। आरपीएफ का साफतौर पर ये मानना है कि भगदड़ रेलवे प्रशासन की गलती से हुई है, क्योंकि रेलवे प्रशासन की जिम्मेदारी ये तय करने की थी कि ट्रेन किस वक्त और कहां से जाएगी?
शनिवार को बेचे गए थे 1500 जनरल टिकट
शनिवार रात को हुई भगदड़ की शुरुआती जांच में ये भी सामने आया है कि नई दिल्ली स्टेशन पर हर घंटे रेलवे ने 1500 जनरल टिकट बेचे, रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि रेलवे सुरक्षा बल यानी RPF के जवानों की तैनाती संतुलित नहीं थी, जिससे भीड़ को काबू करने में मुश्किलें आईं
हादसे के बाद कैसी है स्टेशन की स्थिति?
इस हादसे के बाद प्लेटफॉर्म टिकटों की काउंटर से बिक्री को बंद कर दिया गया है. ये आदेश 26 फरवरी तक लागू रहेगा। प्रशासन ने ये कदम प्लेटफॉर्म पर भीड़ को कंट्रोल करने के लिए उठाया है. इस आदेश के बाद अब जिनके पास जनरल टिकट या रिजर्व टिकट है वही लोग प्लेटफॉर्म पर जा सकते हैं. भगदड़ के बाद से NDLS पर कोई प्लेटफॉर्म टिकट जारी नहीं किया जा रहा है.