तिरुवनंतपुरम। कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेता और केरल के पूर्व मुख्यमंत्री वीएस अच्युतानंदन का सोमवार दोपहर तिरुवनंतपुरम के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। उनकी उम्र 101 साल थी। उनका पार्थिव शरीर मंगलवार को अलप्पुझा ले जाया जाएगा और अंतिम संस्कार बुधवार को होगा।
23 जून को दिल का दौरा पड़ने के बाद उन्हें तिरुवनंतपुरम के एक निजी अस्पताल में भर्ती किया गया था। तब से वे आईसीयू में थे और जीवन रक्षक दवाओं पर थे। सोमवार दोपहर को मुख्यमंत्री पिनराई विजयन, राज्य सचिव एम.वी. गोविंदन और अन्य वरिष्ठ नेता अस्पताल पहुंचे। CPI (M) ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर उनके निधन की जानकारी दी।
वीएस अच्युतानंदन 2019 से सक्रिय राजनीति से दूर थे। वे केरल के सबसे उम्रदराज मुख्यमंत्री थे, जिन्होंने लगभग पांच दशक तक राज्य की सामाजिक-राजनीतिक दुनिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे 2006 से 2011 तक केरल के मुख्यमंत्री रहे और तीन बार विपक्ष के नेता बने। 1985 में सीपीएम पोलित ब्यूरो में शामिल हुए, लेकिन 2009 में वैचारिक मतभेदों और नेतृत्व के बीच विवादों के कारण उन्हें कार्यकारी समिति छोड़नी पड़ी।
उनकी राजनीतिक यात्रा 1965 में अम्बालाप्पुझा सीट से हार के साथ शुरू हुई, लेकिन बाद में वे पार्टी के बड़े जननेता बने। उन्होंने अम्बालाप्पुझा, मरारिकुलम और मलमपुझा सीटों से केरल विधानसभा में प्रतिनिधित्व किया। उनकी आखिरी चुनावी जीत 2016 में थी।
अच्युतानंदन का जन्म 1923 में अलप्पुझा के पुन्नाप्रा में हुआ था, जहां केरल के इतिहास में कम्युनिस्ट आंदोलन की महत्वपूर्ण घटना हुई थी। 1970 का अलप्पुझा घोषणापत्र उनके राजनीतिक जीवन का अहम पड़ाव था। उन्होंने ईएमएस सरकार द्वारा पारित भूमि सुधार कानून को लागू करने के लिए संघर्षों का नेतृत्व किया।
मुख्यमंत्री के रूप में उनकी उपलब्धियों में मुन्नार में अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई, वल्लारपदम टर्मिनल के लिए भूमि अधिग्रहण, कोल्लम में आईटी पार्क की स्थापना, कन्नूर हवाई अड्डे का प्रस्ताव, चेरथला में इन्फोपार्क, धान के खेतों को वापस लेने की मुहिम और अवैध लॉटरी माफिया के खिलाफ अभियान शामिल हैं।