रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के मुख्य प्रदेश प्रवक्ता व विधायक अजय चन्द्राकर (Ajay Chandrakar) ने अपने निवास पर पत्रकारों से चर्चा के दौरान कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) केंद्र सरकार की एजेंसी है। वह अपने तथ्यों, तर्कों और सबूतों के आधार पर काम करती है। कोई विधानसभा की कार्य सूची देखकर कार्य नहीं करती। इसलिए, ईडी की कार्यशैली पर कोई भी टिप्पणी वह नहीं कर सकते।
अजय चंद्राकर ने कहा कि कांग्रेस सरकार में हुए घपलों-घोटालों को लेकर गिरफ्तार किसी भी आरोपी को अभी तक जमानत नहीं मिली है और जिनको दो-तीन साल बाद जमानत मिली है, तो उनको छत्तीसगढ़ से बाहर रहने को कहा गया है। अगर एजेंसियां गलत कर रही हैं तो न्यायालय तो गलत नहीं कर रहा है! उनको व्यवस्था पर विश्वास करना चाहिए। कोई निर्दोष है तो उसे विचलित होने की जरूरत नहीं है।
दरअसल, शराब घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े केस में ईडी ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल काे गिरफ्तार किया है, जिसके बाद भूपेश बघेल सहित पूरी कांग्रेस ने ईडी की इस कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताया था। इसके साथ ही अदानी को छत्तीसगढ़ की संपदा देने का आरोप केन्द्र सरकार और छत्तीसगढ़ सरकार पर लगाया था।
विधायकों की समिति बोरे-बासी घोटाले की जांच करेगी
भाजपा मुख्य प्रदेश प्रवक्ता ने बोरे-बासी घोटाले को लेकर किए गए सवाल पर कहा कि कल उन्होंने पूछा था कि बोरे क्या है और बासी क्या है? छत्तीसगढ़ी खान-पान जो जानते हैं, वह समझते हैं कि दोनों अलग-अलग चीज है। बोरे अलग है और बासी अलग है। श्री चन्द्राकर ने कहा कि भूपेश सरकार के कार्यकाल में वह 1788 रुपए प्रति प्लेट मिला है तो यह कैसे मिला, क्या मिला, किस प्रक्रिया को अपनाया गया, इन सवालों के परिप्रेक्ष्य में विधायकों की समिति जो विधानसभा में बनाई गई है, वह अब इस घोटाले की जाँच करेगी और तब सारे तथ्य सामने आ जाएंगे।
साइबर ठगी से सतर्क रहने की जरूरत
विधायक अजय चन्द्राकर ने प्रदेश में साइबर ठगी के मामलों पर कहा कि यह इस सदी का नए तरीके का अपराध है। साइबर थाने खोलने, साइबर एक्सपर्ट की नियुक्ति, साइबर कमांडो बनने की बात करते हुए पुलिस इससे निपटने के लिए अपने आपको तैयार कर रही है, यह बात विधानसभा में गृह मंत्री ने कही है। लेकिन, प्रदेश के गृह मंत्री ने एक बात और कही है कि जनता में भी जागरूकता आनी चाहिए, और थोड़ा-सा भी संदेह होता है तो हेल्पलाइन नंबर, जिसे भारत सरकार ने दिया है, जिसमें छत्तीसगढ़ सरकार और पुलिस का भी नम्बर है, पर बताएं। कोई खुद को सीबीआई एसबीआई का बताता है और जानकारी मांगते हुए डराता है तो जरा भी नहीं घबराना है। जागरुकता लाने की इस दिशा में मीडिया जगत भी अपनी ओर से योगदान दे।
घायलों की मदद करने वालों को पूछताछ से घबराने की जरूरत नहीं
भाजपा मुख्य प्रदेश प्रवक्ता श्री चन्द्राकर ने सड़क दुर्घटनाओं में घायलों की मदद करने वालों के साथ पुलिस के व्यवहार से हो रही परेशानी के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि कोई घटना या दुर्घटना होती है तो प्राथमिक तौर पर कुछ पूछताछ तो होती है, लेकिन हर पूछताछ से घबराने की जरूरत नहीं। उनके साथ भी ऐसा हुआ है। लेकिन उन्हें कभी ऐसी स्थितियों का सामना नहीं करना पड़ा। श्री चन्द्राकर ने कहा कि जब कोई संदिग्ध चीज दिखती है, संदेह का दायरा खड़ा होता है तो पूछताछ जरूरी भी होती है।