दस नगर निगमों सहित छत्तीसगढ़ के अधिकांश नगर निकायों में कब्जा कर भारतीय जनता पार्टी ने पिछले विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव के बाद से राज्य में जीत का सिलसिला जारी रखा है। वहीं अपने अंतरविरोधों और गुटबाजी से जूझती कांग्रेस राजधानी रायपुर के 70 सदस्यीय नगर निगम में दहाई के आंकड़े तक को नहीं छू सकी है। नगर निकाय चुनाव के नतीजे कांग्रेस के क्षरण को ही दिखा रहे हैं, जिसने पिछले विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद से कोई सबक नहीं लिया है। 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने एकजुटता दिखाते हुए 15 साल बाद भाजपा को राज्य की सत्ता से बाहर किया था, लेकिन उसके बाद से कांग्रेस के नेता जमीनी कार्यकर्ताओं से दूर होते गए है। यही नहीं, पिछले कुछ वर्षों के दौरान कांग्रेस के राज्य के प्रभारी कई बार बदल गए। दूसरी ओर चौबीस घंटे चुनावी मशीनरी की तरह काम करने वाली भाजपा ने नगर निकाय चुनाव में राज्य के हर क्षेत्र में जिस तरह की जीत दर्ज की है, वह दिखा रहा है कि उसका संगठन निचले स्तर तक कितना मजबूत हो गया है। इस चुनाव में मतदाताओं ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के क्षेत्र कुनकुरी नगर पंचायत में कांग्रेस को और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के क्षेत्र पाटन में भाजपा को मौका देकर दिखाया है कि लोकतंत्र में वही सबसे बड़ी ताकत हैं।