मोतिहारी। “कांग्रेस और राजद ने हमेशा गरीबों, दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों के नाम पर केवल राजनीति की है, लेकिन इन्होंने न तो इन वर्गों को समान अधिकार दिए और न ही अपने परिवार से बाहर के लोगों को सम्मान दिया। इनका अहंकार आज पूरा बिहार देख रहा है और हमें बिहार को इनकी गलत मंशा से बचाना है।“
विपक्ष पर यह हमला आज पीएम नरेंद्र मोदी ने बिहार के मोतिहारी के ऐतिहासिक गांधी मैदान से किया। इससे पहले उन्होंने राज्य को 7,200 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली रेल, सड़क, ग्रामीण विकास, मत्स्य पालन, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी से संबंधित विकास परियोजनाओं की सौगात दी। इस सरकार कार्यक्रम में उनके साथ मंच पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपेंद्र कुशवाहा, उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी समेत एनडीए घटक दलों के नेता मंच पर मौजूद रहे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष को घेरते हुए हुए कहा कि पूर्वी भारत के विकास के लिए बिहार को समृद्ध बनाना जरूरी है। केंद्र और राज्य में बिहार के हित में काम करने वाली सरकार होने के कारण आज बिहार में तेजी से विकास हो रहा है। उन्होंने दावा किया कि यूपीए के 10 साल के शासन में बिहार को केवल 2 लाख करोड़ रुपये के आसपास की राशि मिली, जो बिहार के साथ अन्याय था। लेकिन 2014 के बाद केंद्र में उनकी सरकार ने बिहार के लिए कई गुना अधिक धनराशि दी, जिससे विकास कार्यों को गति मिली।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने बिहार को कांग्रेस और राजद की तुलना में कई गुना अधिक संसाधन दिए हैं, जो जनकल्याण और विकास परियोजनाओं में उपयोग हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि दो दशक पहले बिहार निराशा में डूबा था, क्योंकि उस समय राजद और कांग्रेस के शासन में विकास रुका हुआ था और गरीबों का हक छिनता था।
उन्होंने कहा कि खेती और उत्पादन के मामले में कई जिले पिछड़े हैं, जिन्हें धन धान्य योजना के माध्यम से सहायता दी जाएगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि उनकी सरकार का पूरा ध्यान पिछड़े वर्गों पर है और बिहार के विकास से ही देश का विकास संभव है। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस और राजद केवल गरीबों और वंचितों के नाम पर वोट मांगते हैं, लेकिन इन्हें सत्ता में रहते हुए कभी बिहार के विकास की चिंता नहीं रही।
प्रधानमंत्री ने कहा कि माओवाद अब अपने अंतिम दौर में है और उनकी सरकार का लक्ष्य भारत को नक्सलवाद से पूरी तरह मुक्त करना है। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए कहा कि दुनिया ने भारत की ताकत देखी है। साथ ही, बिहार को वैश्विक बाजारों से जोड़ने और किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य भी दोहराया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार नारे और वादों तक सीमित नहीं रहती, बल्कि पिछड़े और अति पिछड़े वर्गों के लिए ठोस काम करती है।
उन्होंने आकांक्षी जिलों के विकास की बात की और कहा कि पहले की सरकारों ने 110 से अधिक जिलों को पिछड़ा कहकर नजरअंदाज किया था, लेकिन उनकी सरकार ने इन्हें प्राथमिकता दी। उन्होंने लखपति दीदी योजना का जिक्र करते हुए कहा कि देश में डेढ़ करोड़ से अधिक महिलाएं लखपति बन चुकी हैं। बिहार में नीतीश कुमार की जीविका दीदी योजना की भी सराहना की।
युवाओं, महिलाओं पर खास फोकस
प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार के युवाओं ने राजद और कांग्रेस का अहंकार तोड़ा है। उन्होंने जनधन खातों का जिक्र किया और कहा कि बिहार में साढ़े तीन करोड़ से अधिक खाते खोले गए। साथ ही, मुद्रा योजना के तहत कई लोगों को ऋण मिला। उन्होंने नई योजना का भी ऐलान किया, जिसमें पहली बार नौकरी पाने वाले युवाओं को 15,000 रुपये की सहायता दी जाएगी, जो अगस्त से लागू होगी।
इससे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि आप सभी को पता है कि 2005 से पहले बिहार की स्थिति कैसी थी। उस समय की सरकार के कार्यकाल में हालात बहुत खराब थे। पिछले 20 वर्षों से एनडीए सत्ता में है और इस दौरान काफी विकास हुआ है। हमने कई महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। पहले की सरकारें विकास के लिए कितना बजट खर्च करती थीं, यह सभी जानते हैं। आज पीएम मोदी बिहार और देश के लिए जो कार्य कर रहे हैं, उसे हमें नहीं भूलना चाहिए। शुरू से ही हमने शिक्षा, स्वास्थ्य और सड़कों के विकास पर विशेष ध्यान दिया है। सात निश्चय योजना के तहत कई उपलब्धियां हासिल की गई हैं। इसके अलावा, सात निश्चय-2 के अंतर्गत हमने 10 लाख युवाओं को सरकारी नौकरियां और 29 लाख लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान किए हैं। हमारा अगला लक्ष्य आने वाले पांच वर्षों में एक करोड़ युवाओं को नौकरी और रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है।
11 साल पहले पीएम मोदी ने क्या वादा किया था
पीएम के मोतिहारी पहुंचने से ठीक पहले, विपक्ष के नेता और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के प्रमुख तेजस्वी यादव ने उन्हें 11 साल पुराने एक वादे की याद दिलाई। साथ ही, उन्होंने बिहार में बढ़ते अपराध के मुद्दे पर भी सवाल उठाए। तेजस्वी ने तंज कसते हुए कहा कि पीएम अपने भाषण में यह ऐलान नहीं करेंगे कि चुनाव के बाद भी नीतीश कुमार ही एनडीए के मुख्यमंत्री बने रहेंगे।
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि करीब 11 साल पहले नरेंद्र मोदी ने मोतिहारी में चीनी मिल शुरू करने और वहां बनी चीनी से चाय पीने का वादा किया था। उन्होंने आरोप लगाया कि साढ़े 11 साल बाद भी पीएम ने यह वादा पूरा नहीं किया। उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि शायद पीएम इसकी जिम्मेदारी सम्राट अशोक या चंद्रगुप्त मौर्य पर डालकर पश्चाताप करेंगे।
तेजस्वी ने आगे कहा, “प्रधानमंत्री बिहार में बेकाबू अपराध के लिए 50 साल पुरानी सरकारों को जिम्मेदार ठहराएंगे। किसानों को अपराधी करार देने वाली बिहार पुलिस को पुरस्कृत करेंगे। उनके भाषणों में जुमलों की ऐसी बौछार होगी कि इंद्रदेव भी लज्जित हो जाएंगे। वे बिहार को भाषणों में देश का नंबर-1 राज्य बना देंगे, जैसा कि वे अन्य राज्यों के चुनावों में करते हैं। नवंबर तक वे वास्तविक मुद्दों को छोड़कर काल्पनिक और डरावनी बातें उठाएंगे। दो दिनों से जिले के सभी स्कूल बंद करवाकर पूरे राजनीतिक विज्ञान का पाठ पढ़ाया जा रहा है।”
विपक्ष के नेता ने यह भी आरोप लगाया कि बिहार जैसे गरीब राज्य के 100 करोड़ रुपये पीएम की रैली पर खर्च किए जा रहे हैं। कुछ घंटों की सभा के बाद प्रधानमंत्री दिल्ली लौट जाएंगे। उन्होंने दावा किया कि मोदी अपने भाषण में जंगलराज, विपक्ष, लालू प्रसाद, आरजेडी और मुसलमान जैसे शब्दों का खूब इस्तेमाल करेंगे।
पश्चिम बंगाल में क्या बोले पीएम मोदी
बिहार के बाद पीएम मोदी पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर पहुंचे। जहां एक सरकारी कार्यक्रम में हिस्सा लेने के बाद वह बीजेपी की रैली में पहुंचे। दुर्गापुर में 5400 करोड़ रुपये की विकास योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। उन्होंने ममता बनर्जी की सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि बंगाल में निवेशक नहीं आ रहे, जिससे विकास थम गया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि टीएमसी के गुंडा कर के कारण निवेशक डरते हैं। ऐसी भ्रष्ट और डर की राजनीति ने बंगाल की आर्थिक तरक्की को रोक दिया है और युवाओं को रोजगार से वंचित रखा है। पीएम ने दुर्गापुर को इस्पात नगरी के साथ ही भारत की श्रमशक्ति का महत्वपूर्ण केंद्र बताया। उन्होंने कहा कि ये योजनाएं क्षेत्र की संपर्क सुविधाओं को बढाएंगी और गैस आधारित परिवहन को मजबूत करेंगी।
रैली में पीएम ने कहा कि ये कदम भारत को विकसित बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण हैं। हमें बंगाल को इस कठिन दौर से निकालना है और आज शुरू हुई परियोजनाएं इसका प्रतीक हैं।