नई दिल्ली। “पिछले 11 वर्षों में केंद्र की मोदी सरकार के कार्यकाल में 55 करोड़ से अधिक बैंक खाते खोले गए, 15 करोड़ परिवारों को स्वच्छ पेयजल, 12 करोड़ घरों में शौचालय, 10 करोड़ परिवारों को गैस सिलेंडर और 4 करोड़ से ज्यादा गरीबों के लिए घरों का निर्माण किया गया।“ यह बात कही है केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने। जो हाल ही में दिल्ली में भारत विकास परिषद (बीवीपी) के 63वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित कर कर रहे थे।
शाह ने बीवीपी को भारतीय संस्कृति और मूल्यों का प्रतीक बताते हुए कहा कि इसने सेवा, संगठन और नैतिकता को राष्ट्रीय विकास से जोड़कर समाज की रचनात्मक शक्ति को दिशा दी है। उन्होंने स्वामी विवेकानंद के सिद्धांतों से प्रेरित होकर बीवीपी के समर्पण, संगठन और संस्कारों पर आधारित कार्यों की सराहना की। शाह ने कहा, “63 वर्षों तक निरंतर सेवा करने वाली संस्था केवल जीवित नहीं रहती, बल्कि अपने स्वयंसेवकों के उत्साह और निष्ठा के बल पर फलती-फूलती है। बीवीपी के लिए यह 63 वर्ष युवा जोश और ऊर्जा का प्रतीक है।”
राष्ट्रीय प्रगति पर बोलते हुए शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य के लिए पांच आधारभूत उद्देश्य रखे हैं आर्थिक उन्नति, सांस्कृतिक और मानसिक गुलामी से मुक्ति, भारतीय विरासत पर गर्व, एकता और नागरिक कर्तव्यों का बोध। उन्होंने कहा कि बीवीपी इन लक्ष्यों को चुपके से लेकिन प्रभावी ढंग से साकार कर रहा है।
शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने विकास और विरासत को एक साथ जोड़ा है। उन्होंने राम मंदिर निर्माण के साथ-साथ 5G तकनीक और डिजिटल भुगतान को देश के हर कोने तक पहुंचाने का उदाहरण दिया। इसके अलावा, नई शिक्षा नीति में मातृभाषा पर जोर, आईआईटी, आईआईएम और एम्स जैसे संस्थानों का विस्तार, और एआई, साइबर सुरक्षा, ड्रोन व हरित हाइड्रोजन जैसे क्षेत्रों में भारत की प्रगति को रेखांकित किया। उन्होंने संसद में सेंगोल की स्थापना और योग के वैश्विक प्रचार को राष्ट्रीय गौरव से जोड़ा।
इस अवसर पर सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश और बीवीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल सहित कई प्रमुख हस्तियां मौजूद थीं।