नई दिल्ली। करीब 17 साल बाद 26/11 मुंबई आतंकी हमले के दोषी तहव्वुर राणा को भारत लाने का रास्ता साफ हो गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उसके प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है।
यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे के दौरान आया है। तहव्वुर राणा हमले के मास्टरमाइंड डेविड कोलमैन हेडली का सहयोगी है। 26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए इस आतंकी हमले में 160 से अधिक लोग मारे गए थे और 200 से ज्यादा घायल हुए थे।
अमेरिका ने प्रत्यर्पण की पुष्टि की
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम मोदी के साथ एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में घोषणा की, “आज मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि मेरे प्रशासन ने मुंबई आतंकी हमले में शामिल एक प्रमुख आरोपी के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है। अब उसे भारत में अपने अपराधों का हिसाब देना होगा।” अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने इसी साल जनवरी में तहव्वुर राणा की समीक्षा याचिका खारिज कर दी थी, जिससे प्रत्यर्पण का रास्ता साफ हुआ।
कौन है तहव्वुर राणा?
तहव्वुर राणा पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है, जो पहले पाकिस्तानी सेना में डॉक्टर था। 26/11 हमले में उसकी भूमिका डेविड हेडली को आर्थिक मदद पहुंचाने और हमले से संबंधित स्थलों की रेकी करने की थी। उसे अमेरिकी एजेंसियों ने 2009 में गिरफ्तार किया था।
अब जब अमेरिका ने भारत की इस मांग को स्वीकृति दे दी है, जल्द ही उसे भारत लाकर मुकदमे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। यह निर्णय मुंबई हमले के पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।