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Home » बंगाल के प्रवासी मजदूरों के हक में सड़क पर सीएम ममता, बीजेपी शासित राज्‍यों को चेताया

देश

बंगाल के प्रवासी मजदूरों के हक में सड़क पर सीएम ममता, बीजेपी शासित राज्‍यों को चेताया

Arun Pandey
Last updated: July 16, 2025 8:33 pm
Arun Pandey
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Mamata Banerjee March
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कोलकाता। दूसरे राज्‍यों में बंगाल के प्रवासी मजदूरों को हिरासत में लिए जाने और प्रताडि़त किए जाने के मामले पर बुधवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सड़क पर उतर आईं। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने कोलकाता में विरोध मार्च निकाला, जिसमें सांसद अभिषेक बनर्जी, पार्टी के कई नेता,  कार्यकर्ता शामिल हुए। बता दें कि हाल ही में कई राज्‍यों में ऐसी कार्रवाईयां की गईं, जिसमें बंगाल के मजदूरों को बांग्लादेशी नागरिक बताया गया था।

टीएमसी ने कोलकाता सहित राज्य के सभी जिला मुख्यालयों में इस मुद्दे को लेकर विरोध प्रदर्शन आयोजित किया। यह प्रदर्शन ऐसे समय में हुआ है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को राज्य का दौरा करने वाले हैं। अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर इस प्रदर्शन को राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। टीएमसी का आरोप है कि बंगाली भाषी लोगों को गैरकानूनी प्रवासी करार देकर उत्पीड़न का शिकार बनाया जा रहा है। पार्टी ने ओडिशा में बंगाली मजदूरों की गिरफ्तारी, दिल्ली में बेदखली की कार्रवाई और असम के कूचबिहार में एक किसान को विदेशी नागरिक बताने की घटनाओं पर गहरी नाराजगी जताई है।

टीएमसी का कहना है कि मंगलवार को छत्तीसगढ़ पुलिस ने नादिया जिले के आठ प्रवासी मजदूरों को बिना किसी पूर्व सूचना के हिरासत में लिया। पार्टी का आरोप है कि इन मजदूरों के मोबाइल फोन छीन लिए गए और उन्हें जेल में डाल दिया गया। टीएमसी ने इसे राज्य प्रायोजित अपहरण का नाम देते हुए केंद्र की भाजपा सरकार को चेतावनी दी कि वह अपने नागरिकों का सम्मान करे, नहीं तो कड़ा विरोध झेलने के लिए तैयार रहे।

Here’s our message to @BJP4India and @narendramodi:
আমার মাটি সইবে না
ইউপি, বিহার হইবে না
বাংলা আমার বাংলা রবে
ভীষণ রকম খেলা হবে।

The massive crowd at today’s protest rally, led by Smt. @MamataOfficial and Shri @abhishekaitc, sends a clear warning that when Bengal is under… pic.twitter.com/v52cw0v888

— All India Trinamool Congress (@AITCofficial) July 16, 2025

मीडिया खबरों के अनुसार, छत्तीसगढ़ के कोंडागांव क्षेत्र में इन मजदूरों को पहचान पत्र न दिखा पाने के कारण हिरासत में लिया गया था, जो वहां एक महीने पहले पहुंचे थे। हालांकि, सोमवार शाम को इन मजदूरों को रिहा कर दिया गया।

टीएमसी ने पहले भी भाजपा शासित राज्यों में बंगाली भाषी लोगों के खिलाफ “संदिग्ध उत्पीड़न” का आरोप लगाया था। पार्टी ने अपने नेता कुणाल घोष का एक वीडियो साझा कर दावा किया कि बंगाली मजदूरों को परेशान किया जा रहा है, उन्हें हिरासत में लिया जा रहा है और सीमा पार भेजा जा रहा है। टीएमसी का कहना है कि बांग्ला बोलने वाले वैध भारतीय नागरिकों को केवल उनकी भाषा के आधार पर एनआरसी नोटिस थमाए जा रहे हैं।

पार्टी ने भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी पर प्रवासी मजदूरों को “रोहिंग्या” कहकर सांप्रदायिक रंग देने और बंगालियों को निशाना बनाने का आरोप लगाया। टीएमसी ने अधिकारी और उनके समर्थकों को “बंगाल और बंगालियों का दुश्मन” करार देते हुए दावा किया कि 2026 के चुनाव में उनकी हार तय है।  

विपक्षी दलों ने भी इस मुद्दे पर चिंता जाहिर की है। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने हाल ही में राष्ट्रपति को पत्र लिखकर ओडिशा और महाराष्ट्र में बंगाली प्रवासी मजदूरों के साथ कथित दुर्व्यवहार, अवैध हिरासत और शारीरिक शोषण पर गंभीर चिंता व्यक्त की।

सुवेंदु अधिकारी का ममता पर हमला

विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने टीएमसी के इस प्रदर्शन पर कहा कि ‘बंगाली अस्मिता’ का यह मुद्दा केवल अवैध घुसपैठियों को संरक्षण देने की एक चाल है। जब सरकारी घोटालों के कारण हजारों बंगाली शिक्षकों की नौकरी छिन गई, तब उन्होंने उनकी मदद क्यों नहीं की? उन्होंने सवाल उठाया कि वरिष्ठ अधिकारी अत्री भट्टाचार्य और सुब्रत गुप्ता को मुख्य सचिव के पद पर नियुक्त क्यों नहीं किया गया? साथ ही, उन्होंने यह भी पूछा कि बंगाली आईपीएस अधिकारी संजय मुखोपाध्याय को डीजीपी बनने से रोककर बाहरी अधिकारी को यह पद क्यों सौंपा गया?

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