रायपुर। छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले में पश्चिम बंगाल के नौ मजदूरों काे बांग्लादेशी बताकर जेल भेजने का मामला सामने आया है। कोंडागांव बस्तर संभाग का एक जिला है। पुलिस के इस एक्शन पर तृणमुल कांग्रेस भड़क गई है। तृणमुण कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा के संसदीय क्षेत्र कृष्णा नगर के ये 9 मजदूर हैं। सांसद महुआ मोइत्रा ने इसे छत्तीसगढ़ सरकार और पुलिस द्वारा अपहरण बताया है।
इस मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में सोमवार को बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की गई थी। वहीं, कोंडागांव पुलिस की तरफ से यह दावा किया गया है कि सोमवार शाम को मजदूरों को छोड़ दिया गया था।
कोंडागांव एसपी अक्षय कुमार ने thelens.in को बताया कि अवैध तरीके से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों पर चल रही एसटीएफ की कार्रवाई के तहत इन 9 मजदूरों को गिरफ्तार किया गया था। संदेह के आधार पर उन्हें हिरासत में लेकर जेल भेजा गया था। इन मजदूरों के गृह जिले में कलेक्टर और एसपी से जानकारी मंगाई गई। इसके बाद मजिस्ट्रेट ने सभी को सोमवार शाम को रिहा का आदेश दे दिया था।
बता दें कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 128 के तहत इन 9 मजदूरों पर कार्रवाई की गई थी। इस धारा के तहत यदि काेई शख्स अपने मौजूदगी की जानकारी छिपाने पर कार्रवाई होती है। इस वजह से इन्हें शनिवार यानी की 12 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था।
इस पूरे घटना क्रम को लेकर सांसद महुआ मोइत्रा ने छत्तीसगढ़ सरकार और पुलिस पर आरोप लगाया, ‘मेरे निर्वाचन क्षेत्र के नौ लोग कोंडागांव जिले के अलबेदापाड़ा में एक निजी स्कूल में निर्माण का काम कर रहे थे। तभी 12 जुलाई को पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। उनके पास वैध दस्तावेज थे। उनके फोन बंद हैं। हमें उनके परिवार वालों से जानकारी मिली है कि उन्हें जगदलपुर जेल में बंद किया गया है।’
महुआ मोइत्रा ने छत्तीसगढ़ सीएमओ, छत्तीसगढ़ पुलिस और छत्तीसगढ़ डीजीपी को टैग करते हुए एक्स पर पोस्ट किया, ‘9 लोगों का राज्य प्रायोजित अपहरण। बिना किसी गिरफ्तारी आदेश के, बिना किसी सुनवाई और बिना किसी वकील के, अवैध रूप से धारा 128 BNSS के तहत गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। बंदियों से कोई संपर्क नहीं।’
महुआ मोइत्रा ने दावा किया है कि अभी तक किसी बंदियों से कोई संपर्क नहीं हो सका है। वे कह रहे हैं कि उन्हें रिहा कर दिया, लेकिन वे कहां हैं कुछ पता नहीं।
9 मजदूर नादिया जिले के, सभी के बांग्लादेशी होने का दावा
thelens.in के पास उन सभी मजदूरों का पुलिस वेरीफिकेशन दस्तावेज है, जिनके आधार पर इन्हें छोड़ा गया है। जिन 9 मजदूरों पर पुलिस ने कार्रवाई की थी, वे सभी पश्चिम बंगाल के नादिया जिले के हैं। नादिया जिले के मजदूर सोहेल शेख, सहाबुल शेख, इनामुल शेख, रहीम शेख, सयान शेख, मेहबूब शेख, रिपन शेख थानारपारा थाना क्षेत्र के मथुरापुर इलाके के हैं। तो वहीं, एक मजूदर मनीरुल इस्लाम मंडल थानरपारा के लक्ष्मीपुर इलाके के रहने वाले हैं। इसके अलावा एक मजदूर इनामुल बिस्वास थानरपारा के ही शाहजीपारा के निवासी हैं। कोंडागांव पुलिस को इन सभी मजदूरों के संबंध में नादिया जिले से पुलिस वेरीफिकेशन रिपोर्ट मिलने के बाद छोड़ा गया है।
जानकारी के अनुसार इन मजदूरों को कथित तौर पर दस्तावेज पेश नहीं कर पाने की वजह से जेल भेजने की बात सामने आई है। वहीं, पुलिस दावा कर रही है कि इन मजदूरों ने स्थानीय पुलिस को दस्तावेज प्रस्तुत किए बिना ही कई दिनों तक जिले में रहकर काम किया।