लेंस डेस्क। आखिरकार 18 दिन अंतरिक्ष में बिताने के बाद भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन shubhanshu shukla ने आज इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से धरती की ओर अपनी वापसी की यात्रा शुरू कर ली है । Axiom-4 मिशन के तहत शुभांशु और उनके तीन अन्य अंतरिक्ष यात्री सहयोगी कमांडर पेगी व्हिटसन (अमेरिका), स्लावोश उजनान्स्की-विस्निव्स्की (पोलैंड) और टिबोर कपु (हंगरी). आज स्पेसएक्स के ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट में सवार होकर ISS से अनडॉक प्रक्रिया सफलता पूर्वक पूरी कर ली गयी है । नासा के वैज्ञानिक लगातार undocking प्रक्रिया पर नजर बनाये हुए हैं। यह मिशन भारत के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धियों से भरा मिशन है, क्योंकि शुभांशु 41 साल बाद ISS पहुंचने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री बने हैं ।
अनडॉकिंग और वापसी की प्रक्रिया
ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट के हैच बंद करने के बाद चारों अंतरिक्ष यात्रियों की अनडॉकिंग की प्रक्रिया हुई । अनडॉकिंग के बाद, ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट ISS से अलग होकर धरती की ओर 22-23 घंटे की यात्रा शुरू हो गयी है । यह स्पेसक्राफ्ट 15 जुलाई को दोपहर 3:00 बजे (भारतीय समयानुसार) अमेरिका के कैलिफोर्निया तट पर पैराशूट की मदद से प्रशांत महासागर में स्प्लैशडाउन करेगा। केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि इस समय में लगभग 1 घंटे का मार्जिन विंडो है। ड्रैगन की हीट शील्ड PICA-X सामग्री से बनी है, ये शील्ड अंतरिक्ष यात्रियों को वायुमंडल में प्रवेश के दौरान 1,600 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान से सुरक्षित रखेगी।
यहां देखें live : https://x.com/NASA/status/1944709767391318049
क्या है इस मिशन की उपलब्धियाँ
शुभांशु ने अपने 18 दिन अंतरिक्ष में रहने के दौरान ISS पर 60 से अधिक वैज्ञानिक प्रयोग किए, जिनमें सात भारतीय प्रयोग शामिल थे। उन्होंने माइक्रोग्रैविटी में मूंग और मेथी के अंकुरण, मांसपेशियों के क्षरण और माइक्रोएल्गी के विकास पर शोध किया। ये प्रयोग भारत के गगनयान मिशन के लिए महत्वपूर्ण हैं जो 2026 में लॉन्च होने वाला है। शुभांशु ने अपने विदाई संदेश में कहा, ’41 साल पहले एक भारतीय ने अंतरिक्ष से भारत को देखा था। आज का भारत अंतरिक्ष से महत्वाकांक्षी, निडर और गर्व से भरा दिखता है।’