नई दिल्ली। भारत में अब तक एक भी प्रेस कांफ्रेंस न करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ हुई साझा प्रेस कांफ्रेंस में आज चर्चित उद्योगपति गौतम अडानी से जुड़े सवाल का सामना करना पड़ा।
मोदी इन दिनों अमेरिका के प्रवास पर हैं, जिसकी काफी चर्चा है। एक पत्रकार ने भाारत में अक्सर विपक्ष के निशाने पर रहने वाले अडानी के अमेरिका से जुड़े कथित भ्रष्टाचार को लेकर जब सवाल किया तो, मोदी ने कहा, “ऐसे मामलों में दो देशों के मुखिया न मिलते हैं, न बैठते हैं, न बात करते हैं।”
अमेरिकी न्याय विभाग ने गौतम अडानी के खिलाफ रिश्वतखोरी के जो आरोप दायर किए थे, उसे लेकर यह सवाल था। मोदी से
पूछा गया कि उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप से इस पर क्या चर्चा की? इस पर मोदी ने कहा, “भारत एक लोकतांत्रिक देश है, हमारे संस्कार-हमारी संस्कृति वसुधैव कुटुंबकम की है। हम पूरे विश्व को अपना एक परिवार मानते हैं। हर भारतीय को मैं अपना मानता हूं। दूसरी बात यह है कि ऐसे व्यक्तिगत मामलों के लिए दो देशों के मुखिया न मिलते हैं, न बैठते हैं, न बात करते हैं।”
इस प्रेस वार्ता के बाद नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने मोदी पर निशाना साधते हुए सोशल मीडिया हैंडल X पर लिखा, “देश में सवाल पूछो तो चुप्पी, विदेश में पूछो तो निजी मामला! अमेरिका में भी मोदी जी ने अडानी जी के भ्रष्टाचार पर पर्दा डाल दिया! जब मित्र की जेब भरना मोदी जी के लिए राष्ट्र निर्माण है, तब रिश्वतखोरी और देश की संपत्ति को लूटना व्यक्तिगत मामला बन जाता है।”
अमेरिका में अडानी ग्रुप पर रिश्वत देने के आरोप
नवंबर 2024 में जब अमेरिका में जो बाइडेन की सरकार थी, तब गौतम अडानी और अडानी एनर्जी के अधिकारियों पर सोलर एनर्जी कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए 2100 करोड़ रुपये की रिश्वत देने के आरोप लगे थे। अमेरिकी अदालत में इन आरोपों को लेकर मुकदमा भी दर्ज किया गया था।
हालांकि, जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सत्ता में आए, तो उन्होंने एक आदेश जारी कर न्याय विभाग के उस 50 साल पुराने कानून को निरस्त कर दिया, जिसके तहत अडानी ग्रुप पर ये आरोप लगे थे। इसके बाद अडानी ग्रुप ने इन सभी आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि कंपनी सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पूरी तरह से पालन कर रही है।
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट और अडानी ग्रुप पर सवाल
24 जनवरी 2023 को हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी ग्रुप पर मनी लॉन्ड्रिंग और शेयर मैनिपुलेशन जैसे गंभीर आरोप लगाए थे। इस रिपोर्ट में समूह पर वित्तीय अनियमितताओं का दावा किया गया था। हिंडनबर्ग ने अगस्त 2024 में एक दूसरी रिपोर्ट जारी की, जिसमें दावा किया गया कि सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच का नाम भी इस मामले से जुड़ा हो सकता है।
रिपोर्ट के अनुसार, बुच और उनके पति धवल बुच के पास एक ऑफशोर फंड में हिस्सेदारी थी, जिसमें अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी के भाई विनोद अडानी ने बड़ी मात्रा में निवेश किया था। हिंडनबर्ग का दावा था कि यह फंड कथित रूप से अडानी ग्रुप के पैसों की हेराफेरी में इस्तेमाल किया गया है।