द लेंस डेस्क। “हमारी न्याय प्रणाली में सुधार की सख्त जरूरत है, फिर भी मैं आशावादी हूं कि मेरे साथी नागरिक चुनौतियों का सामना करेंगे।“ यह बात कही है सीजेआई गवई ने वह हैदराबाद में नालसार विधि विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में छात्रों को संबोधित कर रहे थे।
इस दीक्षांत समारोह में तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी और सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश पीएस नरसिम्हा भी शामिल हुए। समारोह की अध्यक्षता तेलंगाना उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सुजॉय पॉल ने की। मुख्य न्यायाधीश गवई शुक्रवार को हैदराबाद पहुंचे थे।
सीजेआई गवई ने कहा कि देश की अदालती व्यवस्था में सुधार की तत्काल आवश्यकता है। उन्होंने मुकदमों में हो रही देरी को एक प्रमुख समस्या बताया। उन्होंने यह भी कहा कि कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां लोग वर्षों तक विचाराधीन कैदी के रूप में जेल में रहे और बाद में उन्हें निर्दोष पाया गया। उन्होंने देश की सबसे बेहतरीन प्रतिभाओं से आह्वान किया कि वे इन समस्याओं के समाधान में योगदान दें।
इस दौरान सीजेआई गवई ने वकालत के पेशे में आने वाली मानसिक परेशानियों, एकाकीपन और सिस्टम में मौजूद असमानताओं पर खुलकर चर्चा की। उन्होंने कहा, ‘यह पेशा कई बार अकेलापन लाता है और भावनात्मक रूप से थकान पैदा करता है। काम के घंटे काफी लंबे होते हैं, और अपेक्षाएं बहुत ज्यादा होती हैं। आपको न सिर्फ सफल होने, बल्कि सफल दिखने का भी दबाव रहता है। कई लोग अपनी समस्याओं को छिपा लेते हैं। मैं आपसे गुजारिश करता हूं कि ऐसा न करें।’
अपने संबोधन में उन्होंने छात्रों को यह भी सुझाव दिया कि वे अपने गुरुओं का चयन उनकी शक्ति के आधार पर नहीं, बल्कि उनकी ईमानदारी के आधार पर करें। पढ़ाई के लिए छात्रवृत्ति का उपयोग करना चाहिए, न कि परिवार पर आर्थिक बोझ डालना चाहिए।