[
The Lens
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Latest News
वोट चोरी आतंकवाद से भी बदतर: स्टालिन
पाकिस्‍तान में नदियां उफान पर, भारत ने दी बाढ़ की चेतावनी
वैष्णो देवी मार्ग भूस्खलन : अब तक 32 लोगों की मौत, 27 ट्रेनें रोकी गईं, सैकड़ों यात्री फंसे
मंत्री विधायक को ग्रामीणों ने खदेड़ा, एक किमी भागे तब बची जान- देखिए वीडियो
सलवा जुड़ूम का विरोध तो राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने भी किया था!
दिल्ली ने आखें तरेरी तो पलट गए रविंद्र चौबे
सीएम साय ने ओसाका बेस कंपनी को छत्तीसगढ़ में निवेश के लिए बुलाया
Bihar SIR: सिर्फ 3 निर्वाचन क्षेत्रों में फर्जी और गलत पतों पर 80,000 मतदाताओं का पंजीकरण
अमेरिका ने जारी किया 50% टैरिफ का नोटिस, PM MODI ने दिया स्वदेशी का संदेश
उपराष्ट्रपति चुनाव: जस्‍टिस बी सुदर्शन रेड्डी के समर्थन में सामाजिक चिंतकों ने जारी की अपील
Font ResizerAa
The LensThe Lens
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
  • वीडियो
Search
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Follow US
© 2025 Rushvi Media LLP. All Rights Reserved.
लेंस रिपोर्ट

क्यों धंस रही धरती, भारत के तटीय शहरों पर मंडरा रहा संकट

अरुण पांडेय
Last updated: July 12, 2025 9:39 pm
अरुण पांडेय
Share
future warning
SHARE

समुद्र के किनारे के शहरों में रहने का अलग ही आनंद है, लेकिन तटीय शहरों में बढ़ती आबादी अब वहां की जमीन के लिए संकट पैदा कर रही है। जितनी ज्यादा आबादी उनता ही अधिक भू जल दोहन। जिस कारण से तटीय इलाकों की धरती धंस रही है। साथ ही समुद्र के बढ़ते भूजल स्तर का दोहरा खतरा भी मंडरा रहा है। भारत के तटीय शहर कोलकाता, चेन्नई, सूरत और मुंबई में मिट्टी धंसने की दर प्रति वर्ष 17 से 26 मिमी तक मापी गई है। यह खुलासा एक ताजे शोध में हुआ है।

खबर में खास
जोखिम में 7.6 करोड़ लोगजमीन धंसने से प्रभावित भारतीय आबादी कितनी

सिंगापुर की नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (एनटीयू) के शोध ‘सी-लेवल राइज फ्रॉम लैंड सब्सिडेंस इन मेजर कोस्टल सिटीज’ के मुताबिक, 2014 से 2020 तक विश्व के 24 तटीय शहर हर साल न्यूनतम 1 सेंटीमीटर की दर से धंस रहे हैं। यह अध्ययन प्रकृति सस्टेनेबिलिटी पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।

शोध में पाया गया कि भूजल के अत्यधिक दोहन से मिट्टी की संरचना कमजोर हो रही है जिससे कोलकाता, चेन्नई और मुंबई जैसे शहरों में जमीन धंसाव की दर बढ़ गई है। यह धंसाव समुद्र के जलस्तर में वृद्धि के साथ मिलकर भविष्य में बाढ़ और जलवायु परिवर्तन के जोखिम को बढ़ा सकता है।

जोखिम में 7.6 करोड़ लोग

एनटीयू ने एशिया, अफ्रीका, यूरोप और अमेरिका के 48 तटीय शहरों में भू-धंसाव का अध्ययन किया। इन शहरों में लगभग 7.6 करोड़ लोग रहते हैं। इन 48 में से 44 शहरों में मिट्टी धंसाव की दर वैश्विक औसत (3.7 मिमी/वर्ष) से ज्या7दा पाई गई है। एशिया के जकार्ता और मनीला सहित कई शहरों में तो यह दर 16 मिमी/वर्ष तक रिकॉर्ड की गई है। यह स्थिति बाढ़ या खारे पानी के ज़मीन में घुसने जैसी पर्यावरणीय समस्याओं को और भी गंभीर बना रही है।

विशेषज्ञों का मानना है कि अगर इस समस्या पर तुरंत कार्रवाई नहीं की गई, तो इन शहरों में रहने वाली आबादी और बुनियादी ढांचे को गंभीर नुकसान हो सकता है। शोधकर्ताओं ने सुझाव दिया है कि भूजल उपयोग को नियंत्रित करना और टिकाऊ विकास नीतियों को अपनाना जरूरी है। साथ ही, इस अध्ययन के डेटा का उपयोग करके तटीय क्षेत्रों में जोखिम का सटीक आकलन और भविष्य की रणनीति बनाई जा सकती है।

जमीन धंसने से प्रभावित भारतीय आबादी कितनी

भारत की लंबी समुद्री सीमा और तटवर्ती शहरों में बढ़ती आबादी जलवायु परिवर्तन के खतरों की ओर इशारा कर रही है। 2014 से 2020 के बीच के आंकड़ों के आधार पर मुंबई महानगर में जमीन हर साल औसतन 2 से 8 मिलीमीटर तक धंस रही है। इस कारण मानसून के समय और ऊंची ज्वार के दौरान शहर में जलभराव और बाढ़ जैसी समस्याएं आम हो गई हैं। इससे करीब 62 लाख लोग प्रभावित हो रहे हैं।

वहीं बंगाल की खाड़ी के किनारे बसा चेन्नई तटीय कटाव और चक्रवातों की चपेट में रहता है। बढ़ते शहरीकरण और मैंग्रोव जंगलों की कटाई ने प्राकृतिक सुरक्षा को कमजोर किया है। यहां की जमीन 5 से 7 मिलीमीटर प्रति वर्ष की दर से धंस रही है, जिससे आपदाओं का खतरा बढ़ गया है। चेन्नई महानगरीय क्षेत्र की आबादी 86 से अधिक है।

तापी नदी के किनारे बसा सूरत शहर समुद्री तूफानों और ज्वार-भाटे से प्रभावित रहता है। यहां जमीन का धंसने की सालाना दर 4-6 मिमी है। यहां निचले इलाकों में जलभराव का कारण बन रहा है, जिससे लोगों के विस्थापन का खतरा बढ़ रहा है।

कोच्चि, मंगलौर, विशाखापत्तनम और तिरुवनंतपुरम में जमीन धंसने की सालाना दर 2-4 मिमी है। अगर यही हाल रहा तो 2050 तक इन शहरों के कुछ हिस्से डूब सकते हैं। सूरत की आबादी करीब 44 लाख है।

तटीय क्षेत्र न होने के बावजूद उत्तराखंड का जोशीमठ जमीन धंसने की गंभीर समस्या से जूझ रहा है। कमजोर पहाड़, भूगर्भीय संरचना और अंधाधुंध निर्माण के कारण इमारतों में दरारें पड़ रही हैं और लोग अपने घर छोड़ने को मजबूर हो रहे हैं।

TAGGED:earth sinkingfuture warningground water exploitationIndia's coastal citiesTop_News
Previous Article Radhika Yadav राधिका यादव हत्याकांड : 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजे गए पिता
Next Article Air India plane crash ‘फाइनल रिपोर्ट के बाद ही सब कुछ साफ होगा…’, एयर इंडिया विमान हादसे पर बोले उड्डयन मंत्री

Your Trusted Source for Accurate and Timely Updates!

Our commitment to accuracy, impartiality, and delivering breaking news as it happens has earned us the trust of a vast audience. Stay ahead with real-time updates on the latest events, trends.
FacebookLike
XFollow
InstagramFollow
LinkedInFollow
MediumFollow
QuoraFollow

Popular Posts

मनमाने कानूनों की तैयारी

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पांच साल या उससे अधिक की सजा के प्रावधान…

By Editorial Board

‘…वे किस कानून के तहत फातिहा पढ़ने से रोक रहे थे’, सीएम उमर ने क्‍यों फांदी दीवार?  

लेंस डेस्‍क। जम्मू-कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को श्रीनगर के मजार-ए-शुहादा में सुरक्षा…

By अरुण पांडेय

अमेरिकी टैरिफ भारतीय अर्थव्यवस्था बर्बाद कर देगा, राहुल गांधी ने पूछा- क्‍या कर रही केंद्र सरकार

नई दिल्‍ली। अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए 27% टैरिफ को लेकर विपक्ष ने सरकार…

By अरुण पांडेय

You Might Also Like

AIIMS
देश

429 डॉक्टरों ने क्‍यों छोड़ दी AIIMS की नौकरी? सरकार ने बताए दिल्‍ली से लेकर रायपुर तक के आंकड़े  

By अरुण पांडेय
B Sanyal
छत्तीसगढ़

नफरत की राजनीति के विरोधी रहे हैं बी. सान्याल

By Lens News
Akhilesh Yadav Tej Pratap Video Call
देश

‘कहां से लड़ोगे चुनाव…’, वीडियो कॉल पर अखिलेश यादव और तेज प्रताप के बीच सियासी चर्चा वायरल

By अरुण पांडेय
Chitrakoot
अन्‍य राज्‍य

छत्तीसगढ़ की नेत्रहीन महिला को चित्रकूट में भीड़ ने पीट पीटकर मार डाला

By आवेश तिवारी
Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?