[
The Lens
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Latest News
कौन सा राज्‍य जला रहा है सबसे अधिक पराली? सरकारी रिपोर्ट में हुआ ये खुलासा
श्रम कानून के खिलाफ ट्रेड यूनियनों का कल देशभर में प्रदर्शन
भूपेश बघेल ने चुनाव आयोग को बताया ‘केचुआ’, कहा – पहली बार देखा केचुआ की वजह से किसी की मौत हुई
SIR के खिलाफ ममता की हुंकार- ‘मेरे साथ खेलने की कोशिश मत करना, तुम हार जाओगे’
सर्वधर्म स्थल में प्रवेश करने से इंकार करने वाले सैन्य अधिकारी की बर्खास्तगी बरकरार
आरक्षण पर आईएएस संतोष वर्मा ने ऐसा क्‍या कह दिया कि ब्राह्मण समाज को नागवार गुजरा?
अयोध्‍या: पीएम मोदी ने राम मंदिर पर फहराई धर्म ध्‍वजा, बताया- भारतीय सभ्यता के पुनर्जन्म का प्रतीक
सुप्रीम कोर्ट ने अमित बघेल की अग्रिम जमानत याचिका और देशभर की FIR क्लबिंग की याचिका की खारिज
जस्टिस नागरत्ना की असहमति में दम होता तो अन्य जज भी उसे स्वीकारते, बोले पूर्व सीजेआई
प्रदूषण के खिलाफ प्रदर्शन में हिड़मा के नारों पर साइंटिस्ट्स फॉर सोसाइटी की सफाई
Font ResizerAa
The LensThe Lens
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
  • वीडियो
Search
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Follow US
© 2025 Rushvi Media LLP. All Rights Reserved.
लेंस रिपोर्ट

क्यों धंस रही धरती, भारत के तटीय शहरों पर मंडरा रहा संकट

अरुण पांडेय
अरुण पांडेय
Published: July 12, 2025 3:31 PM
Last updated: July 12, 2025 9:39 PM
Share
future warning
SHARE

समुद्र के किनारे के शहरों में रहने का अलग ही आनंद है, लेकिन तटीय शहरों में बढ़ती आबादी अब वहां की जमीन के लिए संकट पैदा कर रही है। जितनी ज्यादा आबादी उनता ही अधिक भू जल दोहन। जिस कारण से तटीय इलाकों की धरती धंस रही है। साथ ही समुद्र के बढ़ते भूजल स्तर का दोहरा खतरा भी मंडरा रहा है। भारत के तटीय शहर कोलकाता, चेन्नई, सूरत और मुंबई में मिट्टी धंसने की दर प्रति वर्ष 17 से 26 मिमी तक मापी गई है। यह खुलासा एक ताजे शोध में हुआ है।

खबर में खास
जोखिम में 7.6 करोड़ लोगजमीन धंसने से प्रभावित भारतीय आबादी कितनी

सिंगापुर की नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (एनटीयू) के शोध ‘सी-लेवल राइज फ्रॉम लैंड सब्सिडेंस इन मेजर कोस्टल सिटीज’ के मुताबिक, 2014 से 2020 तक विश्व के 24 तटीय शहर हर साल न्यूनतम 1 सेंटीमीटर की दर से धंस रहे हैं। यह अध्ययन प्रकृति सस्टेनेबिलिटी पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।

शोध में पाया गया कि भूजल के अत्यधिक दोहन से मिट्टी की संरचना कमजोर हो रही है जिससे कोलकाता, चेन्नई और मुंबई जैसे शहरों में जमीन धंसाव की दर बढ़ गई है। यह धंसाव समुद्र के जलस्तर में वृद्धि के साथ मिलकर भविष्य में बाढ़ और जलवायु परिवर्तन के जोखिम को बढ़ा सकता है।

जोखिम में 7.6 करोड़ लोग

एनटीयू ने एशिया, अफ्रीका, यूरोप और अमेरिका के 48 तटीय शहरों में भू-धंसाव का अध्ययन किया। इन शहरों में लगभग 7.6 करोड़ लोग रहते हैं। इन 48 में से 44 शहरों में मिट्टी धंसाव की दर वैश्विक औसत (3.7 मिमी/वर्ष) से ज्या7दा पाई गई है। एशिया के जकार्ता और मनीला सहित कई शहरों में तो यह दर 16 मिमी/वर्ष तक रिकॉर्ड की गई है। यह स्थिति बाढ़ या खारे पानी के ज़मीन में घुसने जैसी पर्यावरणीय समस्याओं को और भी गंभीर बना रही है।

विशेषज्ञों का मानना है कि अगर इस समस्या पर तुरंत कार्रवाई नहीं की गई, तो इन शहरों में रहने वाली आबादी और बुनियादी ढांचे को गंभीर नुकसान हो सकता है। शोधकर्ताओं ने सुझाव दिया है कि भूजल उपयोग को नियंत्रित करना और टिकाऊ विकास नीतियों को अपनाना जरूरी है। साथ ही, इस अध्ययन के डेटा का उपयोग करके तटीय क्षेत्रों में जोखिम का सटीक आकलन और भविष्य की रणनीति बनाई जा सकती है।

जमीन धंसने से प्रभावित भारतीय आबादी कितनी

भारत की लंबी समुद्री सीमा और तटवर्ती शहरों में बढ़ती आबादी जलवायु परिवर्तन के खतरों की ओर इशारा कर रही है। 2014 से 2020 के बीच के आंकड़ों के आधार पर मुंबई महानगर में जमीन हर साल औसतन 2 से 8 मिलीमीटर तक धंस रही है। इस कारण मानसून के समय और ऊंची ज्वार के दौरान शहर में जलभराव और बाढ़ जैसी समस्याएं आम हो गई हैं। इससे करीब 62 लाख लोग प्रभावित हो रहे हैं।

वहीं बंगाल की खाड़ी के किनारे बसा चेन्नई तटीय कटाव और चक्रवातों की चपेट में रहता है। बढ़ते शहरीकरण और मैंग्रोव जंगलों की कटाई ने प्राकृतिक सुरक्षा को कमजोर किया है। यहां की जमीन 5 से 7 मिलीमीटर प्रति वर्ष की दर से धंस रही है, जिससे आपदाओं का खतरा बढ़ गया है। चेन्नई महानगरीय क्षेत्र की आबादी 86 से अधिक है।

तापी नदी के किनारे बसा सूरत शहर समुद्री तूफानों और ज्वार-भाटे से प्रभावित रहता है। यहां जमीन का धंसने की सालाना दर 4-6 मिमी है। यहां निचले इलाकों में जलभराव का कारण बन रहा है, जिससे लोगों के विस्थापन का खतरा बढ़ रहा है।

कोच्चि, मंगलौर, विशाखापत्तनम और तिरुवनंतपुरम में जमीन धंसने की सालाना दर 2-4 मिमी है। अगर यही हाल रहा तो 2050 तक इन शहरों के कुछ हिस्से डूब सकते हैं। सूरत की आबादी करीब 44 लाख है।

तटीय क्षेत्र न होने के बावजूद उत्तराखंड का जोशीमठ जमीन धंसने की गंभीर समस्या से जूझ रहा है। कमजोर पहाड़, भूगर्भीय संरचना और अंधाधुंध निर्माण के कारण इमारतों में दरारें पड़ रही हैं और लोग अपने घर छोड़ने को मजबूर हो रहे हैं।

TAGGED:earth sinkingfuture warningground water exploitationIndia's coastal citiesTop_News
Previous Article Radhika Yadav राधिका यादव हत्याकांड : 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजे गए पिता
Next Article Air India plane crash ‘फाइनल रिपोर्ट के बाद ही सब कुछ साफ होगा…’, एयर इंडिया विमान हादसे पर बोले उड्डयन मंत्री
Lens poster

Popular Posts

छत्तीसगढ़ में ईडी की रेड, डीएमएफ घोटाले में 18 जगहों पर कार्रवाई

रायपुर। छत्तीसगढ़ में आज प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कार्रवाई की. रायपुर, दुर्ग, भिलाई और बिलासपुर…

By पूनम ऋतु सेन

पटना के फेमस अस्पताल में इलाज करा रहे हत्या के आरोपी को बदमाशों ने मारी गोली

पटना। पटना के सुप्रसिद्ध पारस अस्पताल में भर्ती एक मरीज की अपराधियों ने गुरुवार को…

By आवेश तिवारी

असम बीजेपी को झटका, पूर्व केंद्रीय मंत्री समेत 17 नेताओं ने छोड़ी पार्टी

लेंस डेस्‍क। असम में आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारियों में लगी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)…

By Lens News

You Might Also Like

Tejashwi Yadav
बिहार

243 सीटों पर तेजस्वी के चुनाव लड़ने के ऐलान से बिहार की राजनीति में खलबली

By Lens News Network
Mohan Bhagwat
देश

75 की उम्र में रिटायरमेंट वाले बयान पर RSS चीफ मोहन भागवत बोले-‘…मैंने कभी नहीं कहा’

By Lens News
Chaitanyananda Saraswati arrested
देश

आगरा के होटल से दबोचा गया ‘डर्टी बाबा’ चैतन्यानंद सरस्वती, 17 छात्राओं के यौन शोषण का आरोपी

By Lens News
MP Ki Baat
लेंस रिपोर्ट

अंताक्षरी… बीजेपी… और हेमंत खण्डेलवाल

By राजेश चतुर्वेदी

© 2025 Rushvi Media LLP. 

Facebook X-twitter Youtube Instagram
  • The Lens.in के बारे में
  • The Lens.in से संपर्क करें
  • Support Us
Lens White Logo
Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?