[
The Lens
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Latest News
गोवा के एक नाइट क्लब में आग लगने से कम से कम 25 लोगों की मौत
छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट का सवाल – मुख्य सचिव की संविदा डॉक्टर पत्नी की नौकरी पक्की, बाकी की क्यों नहीं?
मोदी की सदारत में रामदेव का धंधा रूस तक
सीमेंट फैक्ट्री के खिलाफ उमड़ा जन सैलाब… 200 से ज्यादा ट्रैक्टरों की रैली निकालकर ग्रामीणों ने किया विरोध
इंडिगो के खिलाफ खड़े हुए पायलट, एयरलाइन के झूठ से गुस्से में यात्री
टोकन न कटने से निराश किसान ने काटा गला… घायल किसान से मिलने अस्पताल पहुंचा कांग्रेस दल
इंडिगो बर्बाद हो रहा और हमारे पास विकल्प नहीं है
यूरोपीय यूनियन ने X के ब्‍लू टिक को बताया धोखा, लगाया भारी भरकम जुर्माना
मुर्शिदाबाद में रखी गई बाबरी मस्‍जिद की नींव, जवाब में हुआ शिला पूजन
हवाई यात्रा पर हाहाकार, बढ़े किराये पर सरकार सख्‍त, लगाया फेयर कैप
Font ResizerAa
The LensThe Lens
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
  • वीडियो
Search
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Follow US
© 2025 Rushvi Media LLP. All Rights Reserved.
लेंस रिपोर्ट

इब्तिदा-ए-इश्क और मोहन यादव

राजेश चतुर्वेदी
राजेश चतुर्वेदी
Byराजेश चतुर्वेदी
Follow:
Published: July 10, 2025 9:30 AM
Last updated: July 11, 2025 1:22 PM
Share
MP Ki Baat
SHARE

हिंदी की प्रसिद्ध कहावत है- ‘करे कोई, भरे कोई।’ मतलब, अपराध या गड़बड़ी कोई और करे, लेकिन सजा या परिणाम, किसी और को भुगतना पड़े। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव के साथ यही हो रहा है।

खबर में खास
ये रिश्ता क्या कहलाता है…टोना टोटका और ‘सीएमओ’एसीएस की नई परंपराआप हमसे कहो, हम आपसे कहेंगेजीतू ने कर दिया मोहन का काम
भोपाल में बना 90 डिग्री पुल

पीडब्ल्यूडी ने पहले भोपाल में 90 डिग्री का पुल बनाकर राज्य की बदनामी कराई और अब इंदौर में ‘जेड’ (Z) आकार का पुल बनाने का मामला सामने आ गया है। इस पुल में तो 90 डिग्री (समकोण) के दो मोड़ बना दिए गए हैं। जाहिर है, पुल कोई दो दिन में तो बन नहीं जाते। यादव के पूर्ववर्ती शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में पुलों की डिजाइन बनी और निर्माण शुरू हुआ, लेकिन ‘समकोण’ वाले इन पुलों का ‘अपयश’ मोहन यादव के खाते में जा रहा है। दिक्कत यह है कि इसे किसी से कह भी नहीं सकते, घर की बात जो ठहरी। और फिर, अभी तो शुरुआत है। यादव को कुल जमा डेढ़ साल हुआ है। शिवराज तो 17 साल सीएम रहे। न जाने कितने ‘कोणों’ में पुल-पुलिया बने होंगे। कहां-कहां, क्या-क्या हुआ होगा। मीर तकी मीर का शेर है- ‘इब्तिदा-ए-इश्क है रोता है क्या, आगे-आगे देखिए होता है क्या।’

ये रिश्ता क्या कहलाता है…

लेकिन, इस मामले में ‘करे कोई, भरे कोई’ कहावत लागू नहीं होती। यह तो सीधे-सीधे मोहन सरकार से जुड़ा गंभीर मामला है और यह दिखाता है कि जमीन पर चल क्या रहा है? क्या शिवराज सिंह चौहान की विदाई के बाद प्रशासन के रवैये में कोई बदलाव आया है, सुधार हुआ है या चीजें बद से बदतर हो गई हैं? दरअसल, उज्जैन, जो मुख्यमंत्री का गृह नगर है, में महाकाल बाबा के मंदिर के पास निर्माणाधीन एक भवन को दो दिन पहले बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया गया।

उज्जैन में दो मंजिला भवन बनने के बाद निगम को दिखा कि यह अवैध है…

नगर निगम, जिसका कहना है कि यह अवैध निर्माण था, ने प्रशासन और पुलिस की उपस्थिति में यह कार्रवाई की। यह भवन किसी होटल के लिए बनाया जा रहा था और इसकी दो मंजिलें खड़ी हो चुकी थीं। सवाल है कि जब यह अवैध निर्माण शुरू हुआ था, इसकी नींव खोदी जा रही थी या पिलर के लिए सरिया बांधा जा रहा था, या जब पहली छत पड़ रही थी, तब नगर निगम अथवा सरकार की संबंधित एजेंसियां क्या कर रही थीं? उन्होंने रोका क्यों नहीं? क्यों होने दिया निर्माण? आखिर, रातोरात तो बिल्डिंग तनकर खड़ी हुई नहीं होगी। और फिर, किसी गली-कूचे में नहीं, महाकालेश्वर मंदिर जाने वाले मार्ग पर बन रही थी। पन्ना-छतरपुर का मामला होता तो भी एक मर्तबा समझ आता, लेकिन 13 दिसंबर 2024 के बाद उज्जैन में भला कोई अवैध काम कैसे जारी रह सकता है? क्या इतनी सी बात भूल गए अफसर या मशीनरी? क्या उन्हें नहीं मालूम कि उज्जैन में अगर कोई गड़बड़ होगी तो वो किसके खाते में जाएगी? या फिर, उनको पता चल गया है कि इंदौर के मामले में कैलाश विजयवर्गीय कुछ नहीं बोलेंगे और नगर निगम के मामले में मोहन यादव?

टोना टोटका और ‘सीएमओ’

मुख्य सचिव अनुराग जैन
एसीएस राजेश राजौरा
एसीएस नीरज मंडलोई

मालूम नहीं कोई टोना टोटका करके गया है या कुछ और कारण है, पर मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) में अफसर टिक नहीं पा रहे। जबकि, आमतौर पर माना यह जाता है कि नतीजे हासिल करने के लिए अफसर को थोड़ा वक्त मिलना चाहिए। लेकिन, पिछले डेढ़ साल में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपने खुद के दफ्तर (सीएमओ) में इतने अधिकारी बदल दिए हैं कि राज्य मंत्रालय के भीतर और बाहर, मामला समझ से बाहर होता जा रहा है। अतिरिक्त मुख्य सचिव राजेश राजौरा को हटाकर नीरज मंडलोई को लाने के बाद से इस मुद्दे पर चर्चा और तेज हो गई है। कहा जा रहा है कि सीएमओ में राजौरा की मौजूदगी से मुख्य सचिव अनुराग जैन असहज महसूस कर रहे थे। कुछ लोग इस परिवर्तन को पीएचई मंत्री संपतिया उईके के मामले से जोड़कर भी देख रहे हैं, जिनके खिलाफ कथित तौर पर 1000 करोड़ रुपये का कमीशन लेने की शिकायत की जांच शुरू कर दी गई थी। हालांकि एसीएस राजौरा तो फिर भी डेढ़ साल टिक गए, मगर प्रमुख सचिव और सचिव स्तर के ज्यादातर अधिकारी ‘सीएमओ’ में ज्यादा वक्त नहीं बिता सके। इस सूची में राघवेंद्र सिंह, संजय शुक्ला, विवेक पोरवाल, भरत यादव, अवनीश लवानिया, अंशुल गुप्ता, अदिति गर्ग सहित आईएएस और आईपीएस के कई और नाम भी हैं। कुलमिलाकर, ‘सीएमओ’ की वैसी धमक नहीं बन पा रही है, जैसी पूर्व मुख्यमंत्रियों के जमाने में देखने-सुनने को मिलती थी।

एसीएस की नई परंपरा

मुख्यमंत्री मोहन यादव के कार्यकाल में एक नई परंपरा शुरू हुई है, और वो है ‘सीएमओ’ में अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) की पोस्टिंग। वर्ष 2000 के पहले संयुक्त मध्यप्रदेश के वक्त भी सीएमओ में सचिव स्तर का अधिकारी पदस्थ किया जाता था। शुरू से यही परंपरा चली आ रही थी, लेकिन फिर इसे अपग्रेड कर प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारी को पोस्ट किया जाने लगा। यादव के आने के बाद अब एसीएस की पोस्टिंग होने लगी है। नीरज मंडलोई भी एसीएस हैं, जिन्हें राजौरा के स्थान पर पदस्थ किया गया है। व्यवहार-बोलचाल में एक और जो नया काम हो रहा है, वो है- ‘मुख्यमंत्री कार्यालय’ की बजाय ‘मुख्यमंत्री सचिवालय’ का इस्तेमाल। जबकि, नियमों में इसका कहीं प्रावधान नहीं है।

आप हमसे कहो, हम आपसे कहेंगे

मंत्री राव उदय प्रताप सिंह और सचिव डॉ. संजय गोयल

स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव डॉ. संजय गोयल कई बार अपने ऊपर काबू नहीं रख पाते। भावावेश में वो भी बोल जाते हैं, जो उनके लिए परेशानी का कारण बन जाता है। पिछले दिनों उन्होंने विभाग की एक बैठक में अधिकारियों के समक्ष मंत्री राव उदय प्रताप सिंह को लेकर एक टिप्पणी कर दी। जाहिर है, खबर मंत्री जी तक पहुंची, तो उन्होंने गोयल से बात की और समझाया कि मुझसे कोई दिक्कत है तो मुझे ही कहिए, सार्वजनिक रूप से कहना शोभा नहीं देता। और, अगर मुझे कोई परेशानी होगी तो मैं आपसे ही कहूंगा, पब्लिक में नहीं। वैसे साफ सुथरी छवि के संजय गोयल अपनी खास कार्यशैली के लिए जाने जाते हैं। नीमच में कलेक्टर रहते उन्होंने एक मंत्री जी के नियम विरुद्ध फैसले पर कड़ा रुख अपनाया था और दबाव में नहीं आए थे।

जीतू ने कर दिया मोहन का काम

यों देखा जाए तो दूसरे नेताओं को शिवराज सिंह चौहान से यह सीखने की जरूरत है कि ‘अपना निर्वाचन क्षेत्र’ किस तरह नर्चर किया जाता है। लेकिन, शिवराज एक हफ्ते में दूसरी बार खिवनी वन्य अभयारण्य में बसे आदिवासियों के बीच क्या पहुंचे, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कह दिया कि चौहान मध्यप्रदेश की सियासत में खुद को जिंदा रखकर मोहन यादव को अस्थिर करना चाहते हैं। वह किसानों के बीच जाकर बयान दे रहे हैं और अपने कार्यकर्ताओं, नेताओं को समझाना चाहते हैं कि मैं हूं, और यहां वापस भी आ सकता हूं। हालांकि, जीतू पटवारी की बात पर चौहान या बीजेपी की तरफ से कोई प्रतिक्रिया तो नहीं आई है, लेकिन जीतू ने मोहन का काम कर दिया। राजनीति में कई बार ऐसा होता है और कई बार रणनीतिक तौर पर ऐसा करवाया भी जाता है। माने, जो आप खुद नहीं कह सकते, वो सामने वाले से कहलवा दो। सत्ता-विपक्ष में इतना दोस्ताना तो चलता है। नहीं क्या?

TAGGED:DR MOHAN YADAVIAS Anurag JainIAS Neeraj MandloiIAS Rajesh RajoraJitu PatwariMP ki BaatShivraj Singh ChauhanTop_News
Previous Article Bihar Voter List आज सुप्रीम कोर्ट का फैसला तय करेगा मतदाता सूची संशोधन के विरोध की दिशा
Next Article Sharab Ghotala 2100 नहीं 3200 करोड़ का है शराब घोटाला, चार्जशीट में नाम आने के बाद आबकारी विभाग ने 22 अफसरों को किया सस्पेंड
Lens poster

Popular Posts

रायपुर में शहीद को न्याय दिलाने कांग्रेस ने दिया मौन धरना, भाजपा सरकार पर लगाया शहीदों के अपमान का आरोप

रायपुर। राजधानी रायपुर में शहीद राजीव पांडेय को न्याय दिलाने के लिए कांग्रेस ने मौन…

By Lens News

एजी के सीनियर ऑडिट अफसर के खिलाफ CBI ने दर्ज की FIR

रायपुर। केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने रायपुर के प्रधान महालेखाकार (AG) दफ्तर के खिलाफ एफआईआर…

By Lens News

जापान के प्रधानमंत्री इशिबा ने हार के बाद दिया इस्तीफ़ा

Japan PM Shigeru Ishiba Resigns जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा ने सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी…

By आवेश तिवारी

You Might Also Like

Genocide in Gaza
देश

गजा में हत्याओं पर प्रियंका के बयान को इजरायली राजदूत ने बताया कपटपूर्ण और शर्मनाक

By आवेश तिवारी
Medha Patkar arrested
देश

24 साल पुराने केस में सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर गिरफ्तार, दिल्‍ली के एलजी से जुड़ा है मामला

By The Lens Desk
Toll Tax
छत्तीसगढ़

कुम्हारी टोल प्लाजा को लेकर बवाल जारी, कांग्रेस बोली- छत्तीसगढ़ से दिल्ली तक जा रहा है मोटा पैसा, गडकरी का फरमान कचरे के ढेर में

By नितिन मिश्रा
Karur Stampede
छत्तीसगढ़

करूर भगदड़ हादसा, CBI ने फिर दर्ज की FIR, विजय कल पीड़ित परिवारों से करेंगे मुलाकात

By पूनम ऋतु सेन

© 2025 Rushvi Media LLP. 

Facebook X-twitter Youtube Instagram
  • The Lens.in के बारे में
  • The Lens.in से संपर्क करें
  • Support Us
Lens White Logo
Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?