राजिम। छत्तीसगढ़ के राजिम में कुंभ कल्प की शुरुआत हो चुकी है। माघ पूर्णिमा से महाशिवरात्रि तक यानी 12 फरवरी से 26 फरवरी तक कुंभ कल्प चलेगा। महाशिवरात्रि पर यहां शाही स्नान होगा। बुधवार को राज्यपाल रमेन डेका ने सबसे पहले राजीव लोचन मंदिर में पूजा अर्चना कर प्रदेश की खुशहाली की कामना की। इसके पश्चात महानदी की महाआरती में शामिल हुए । पंडितों ने मंत्रोच्चारण कर महानदी की महाआरती कराई। राज्यपाल सहित साधु संतों ने पूरे विधि विधान से महानदी आरती की।

माघ पूर्णिमा के अवसर पर अंचल सहित प्रदेश के कोने-कोने से पहुंचे श्रद्धालुओं ने पैरी, सोढ़ूर और महानदी के त्रिवेणी संगम में तड़के सुबह से डुबकी लगाई। स्नान के बाद श्रद्धालुओं की भीड़ श्री राजीव लोचन और कुलेश्वरनाथ महादेव के मंदिर पहुंचकर दर्शन कर अपने परिवार की खुशहाली और सुख-समृद्धि के लिए आशीर्वाद मांगा।
राजिम कुंभ कल्प छत्तीसगढ़ के प्रमुख धार्मिक आयोजनों में से एक है, जिसमें हर साल लाखों श्रद्धालु शामिल होते हैं। माघ पूर्णिमा के दिन भगवान श्री राजीव लोचन का जन्म दिवस है। इसके उपलक्ष्य में सदियों से राजिम में मेला आयोजित हो रहा है। सरकारों के बदलने के साथ ही इसका नाम भी बदलता गया। 2003 से 2018 के बीच करीब 12 साल तक इसे राजिम कुंभ कहा गया। जब प्रदेश में 2018 में सरकार बदली तो इसका नाम राजिम पुन्नी मेला रख दिया गया। 2023 में जब एक बार फिर सरकार बदली तो इस बार इसका नाम कुंभ कल्प रखा गया। 2024 में इसी नाम से यह मेला आयोजित हुआ था।
राजिम में स्थित राजीव लोचन मंदिर और कुलेश्वरनाथ मंदिर में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। इस दौरान लोगों ने त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाई। यह मेला छत्तीसगढ़ के आदिवासी समाज के लिए भी विशेष महत्व रखता है। यहां अखाड़ों के शाही जुलूस और नागा साधुओं का दरबार भी लगता है, जो मेले का मुख्य आकर्षण होता है।
हर दिन होंगे कार्यक्रम
राजिम कुंभ कल्प में त्रिवेणी संगम में हर दिन संध्या 6.30 बजे महानदी आरती, मुख्य मंच, नया मेला स्थल, चौबे बांधा में शाम 4 बजे से 7 बजे तक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होगा। 13 से 19 फरवरी तक शाम 4 से 7 बजे तक भागवत कथा, 21 से 25 फरवरी तक सत्संग दरबार और 12 से 26 फरवरी तक राष्ट्रीय एवं आंचलिक कलाकार शाम 4 बजे से रात 10 बजे तक सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश करेंगे।