नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट की स्टाफ नियुक्तियों में ओबीसी आरक्षण लागू कर दिया गया है। इससे पहले एसी/एसटी के लिए कोटा लागू किया जा चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने कर्मचारी भर्ती में पहली बार अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए आरक्षण की व्यवस्था शुरू की है। इसके अलावा, दिव्यांग व्यक्तियों, पूर्व सैनिकों और स्वतंत्रता सेनानियों के आश्रितों के लिए भी आरक्षण का प्रावधान किया गया है।
4 जुलाई को जारी एक अधिसूचना में भारत के मुख्य न्यायाधीश ने संविधान के अनुच्छेद 146(2) के तहत अपनी शक्तियों का उपयोग करते हुए सुप्रीम कोर्ट अधिकारी और सेवक (सेवा और आचरण शर्तें) नियम, 1961 में संशोधन किया है।
अब सुप्रीम कोर्ट में सीधी भर्ती के तहत विभिन्न पदों पर आरक्षण लागू होगा। जिसमें अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी), अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), शारीरिक रूप से अक्षम (दिव्यांग), पूर्व सैनिक, स्वतंत्रता सेनानियों के आश्रितों को शामिल किया गया है।
आरक्षण का कार्यान्वयन कैसे होगा?
यह आरक्षण भारत सरकार द्वारा समय-समय पर जारी नियमों, आदेशों और अधिसूचनाओं के आधार पर लागू किया जाएगा। किसी पद के लिए निर्धारित वेतनमान के अनुसार सरकार की आरक्षण नीति सुप्रीम कोर्ट के समकक्ष पदों पर भी लागू होगी। हालांकि, मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) आवश्यकता पड़ने पर इस नीति में संशोधन, परिवर्तन या छूट प्रदान कर सकते हैं।
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने एससी और एसटी कर्मचारियों के लिए नियुक्ति और पदोन्नति में आरक्षण नीति को औपचारिक रूप दिया था। इस नीति के तहत सीधी भर्ती और पदोन्नति में एससी के लिए 15% और एसटी के लिए 7.5% कोटा निर्धारित किया गया है।